श्रम और रोजगार मंत्रालय

पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के कार्य्रम और नमूना विधि पर विचार विमर्श और अंतिम रूप देने के लिए विशेषज्ञों के साथ 2 दिवसीय व्यापक परामर्श सत्र आयोजित किया गया

Posted On: 02 MAR 2021 6:59PM by PIB Delhi

विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन प्रो. एस पी मुखर्जी और श्रम ब्यूरो के महानिदेशक श्री डीपीएस नेगितो की अध्यक्षता में 28.02.2021 और 01.03.2021 को एक के बाद एक हुई बैठकों की श्रृंखला में घरेलू कामगारों, प्रवासी श्रमिकों, पेशेवरों द्वारा सृजित रोजगार, परिवहन क्षेत्र में पैदा रोजगार और प्रतिष्ठान आधारित रोजगार के लिए अखिल भारतीय त्रैमासिक सर्वेक्षण सहित पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के लिए समय सारणी और नमूना विधि को अंतिम रूप दे दिया गया है।

 

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सभी पांचों अखिल भारतीय सर्वेक्षणों को अंतिम रूप देने और सारणी तय करने करने के लिए विस्तार से चर्चा व गहन विचार विमर्श हुआ। विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन प्रो. एस पी मुखर्जी ने आईईएस और आईएसएस के विषय विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परामर्श के साथ सभी पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों पर चर्चा की और सारणी को अंतिम रूप दिया।

सभी पांच सर्वेक्षणों के लिए श्रम ब्यूरो के अधिकारियों और विषय विशेषज्ञों को पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नमूना डिजाइन और सारणी के बारे में विस्तार से बताया गया। सभी पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के लिए विकासखंड वार समय सारणी विस्तार से तय की गई है। इसी प्रकार उसे अंतिम रूप दिया गया है।

सभी पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के लिए नमूना विधि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई थी। सर्वेक्षण के प्रभारी अधिकारियों ने प्रस्तावित नमूना डिजाइन के लिए अलग-अलग विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया है। विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन, प्रो. एस पी मुखर्जी पांच सर्वेक्षणों की नमूना विधि को अंतिम रूप देने के लिए प्रस्तावित नमूना विधि का गहनता से विश्लेषण किया।

एक के बाद एक हुई बैठकें पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के लिए समय सारणी और नमूना विधि पर चर्चा व अंतिम रूप देने के लिए विषय विशेषज्ञों के साथ 2 दिवसीय समग्र परामर्श सत्रों का हिस्सा थीं।

श्री डी. पी. एस नेगी ने समय सारणी और नमूना विधि तय करने में विषय विशेषज्ञों के साथ साथ श्रम ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा के गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के माध्यम से संग्रहित डाटा से प्रमाण आधारित नीति निर्धारण के लिए विशेष सूचनाएं मिलेंगी। इसके अलावा, इससे डाटा से जुड़ी खामियों को दूर करने में सहायता मिलेगी, जो प्रवासी और घरेलू कामगारों के संबंध में अभी तक मौजूद हैं।

 

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