रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

देश में आवश्यक प्रमुख प्रारंभिक सामग्री (केएसएम)/ दवा मध्यवर्ती और सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत स्वीकृति  दी गई

Posted On: 26 FEB 2021 3:10PM by PIB Delhi

औषध विभाग ने देश में इन अति आवश्यक बल्क ड्रग्स - आवश्यक प्रमुख प्रारंभिक सामग्री (केएसएम)/दवा मध्यवर्ती और सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) की आयात निर्भरता घटाने और आत्मनिर्भरता पाने के लक्ष्य के साथ  उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआई) प्रारंभ की थी, जिसमें 2020-21 से 2029-30 की अवधि के लिए कुल 6,940 करोड़ रुपये के व्यय से चार अलग-अलग लक्षित वर्गों ( 2 में फर्मेंन्टेशन आधारित- कम से कम 90% और 2 में रसायन संश्लेषण आधारित -कम से कम 70 प्रतिशत) में न्यूनतम घरेलू मूल्य वर्धन के साथ ग्रीन फील्ड संयंत्र स्थापित कर इनके घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है ।

चार अलग लक्षित वर्गों के लिए 30 नवंबर 2020 की अंतिम तारीख के साथ आवेदन मंगाए गए थे । 4 लक्षित वर्गों में फैले 36 उत्पादों के लिए कुल मिलाकर 215 आवेदन मिले । दिशानिर्देश के अनुसार आवेदनों पर कार्यवाही और निर्णय 90 दिन की अवधि के अंदर होगा, जो कि 28 फरवरी 2021 तक है। लक्षित वर्ग प्रथम के अंतर्गत 3,761 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता के 5 आवेदन पहले ही  स्वीकृत हो चुके हैं।

लक्षित वर्ग द्वितीय के अंतर्गत योग्य उत्पादों पर ( फर्मेंन्टेशन आधारित अनुकूल केएसएम/दवा मध्यवर्ती/एपीआई) निर्धारित मूल्यांकन और चयन मापदंडों के आधार पर विचार किया गया । निम्नलिखित कंपनियों के आवेदन  जिन्होने प्रस्तावित न्यूनतम/न्यूनतम से अधिक सालाना उत्पादन क्षमता के लिए प्रतिबद्धता जताई है और निर्धारित  मानदंडो को पूरा किया है, इस तहत स्वीकृत किए गए हैं।

 

क्रं. सं.

मंजूरी पाने वाली कंपनियों के नाम

योग्य उत्पाद का नाम

प्रतिबद्ध उत्पादन क्षमता  (एमटी में)

निवेश प्रतिबद्धता (करोड़ रुपये में)

1.

मेसर्स नेचुरल बायोजेनेक्स प्राइवेट लिमिटेड

 

बीटामेथासोन

12

31.43

2.

मेसर्स नेचुरल बायोजेनेक्स प्राइवेट लिमिटेड

डेक्सामेथासोन

10

26.19

3.

मेसर्स नेचुरल बायोजेनेक्स प्राइवेट लिमिटेड

 

 

प्रेडनिसोलोन

15

39.29

4.

मेसर्स सिमबायोटेक फार्मालैब प्राइवेट लिमिटेड

15

5.00

5.

मेसर्स मैक्लॉड्स फार्मास्युटिकल  लिमिटेड

रिफाम्पिसिन

200

198.36

6.

मेसर्स ऑप्टिमस ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड

 

 

विटामिन बी 1

200

35.00

7.

मेसर्स सुदर्शन फार्मा इंडस्ट्रीज लिमिटेड

200

57.00

8.

मेसर्स ऑप्टिमस ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड

स्ट्रेप्टोमाइसिन

50

30.00

 

लक्षित वर्ग तृतीय के अंतर्गत योग्य उत्पादों पर ( प्रमुख रसायन संश्लेषण आधारित  केएसएम/दवा मध्यवर्ती) निर्धारित मूल्यांकन और चयन मापदंडों के आधार पर विचार किया गया। निम्नलिखित कंपनियों के आवेदन  जिन्होने प्रस्तावित न्यूनतम/न्यूनतम से अधिक सालाना उत्पादन क्षमता के लिए प्रतिबद्धता जताई है और निर्धारित  मानदंडो को पूरा किया है, इस तहत स्वीकृत किए गए हैं।

क्रं. सं.

मंजूरी पाने वाली कंपनियों के नाम

योग्य उत्पाद का नाम

प्रतिबद्ध उत्पादन क्षमता  (एमटी में)

निवेश प्रतिबद्धता (करोड़ रुपये में)

1.

मेसर्स सारका लैब्रटॉरीज़ लिमिटेड

 

1,1 साइक्लोहेक्सेन डाइएसिटिक एसिड (CDA)

3000

50.00

2.

मेसर्स एम्मेन्नारफार्मा प्राइवेट लिमिटेड

1500

21.94

3.

मेसर्स हिंदएस लैब प्राइवेट लिमिटेड

3000

37.60

4.

मेसर्स आरती स्पेशियालिटी लिमिटेड

2-मिथाइल-5नाइट्रो-इमिडजोल (2-MNI)

4000

77.87

5.

मेसर्स मेघमानी एलएलपी

 

पैरा अमीनो फिनोल

13500

55.06

6.

मेसर्स साधना नाइट्रो कैम लिमिटेड*

36000

197.27

*रिट याचिका के परिणाम पर निर्भर

इन संयत्रों की स्थापना में कंपनियों के द्वारा  कुल निवेश प्रतिबद्धता 862.01 करोड़ रुपये होगी और 1763 रोजगार उत्पन्न होंगे । इसके साथ 4.623.01 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता के साथ कुल 19 आवेदनों को सरकार द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। व्यवसायिक उत्पादन के पहली अप्रैल 2023 से शुरू होने का अनुमान है और 6 साल के दौरान सरकार के द्वारा अधिकतम 4,870 करोड़ रुपये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन का वितरण किया जाएगा। इन संयंत्र की स्थापना से देश इन बल्क ड्रग्स के संबंध में काफी हद तक आत्मनिर्भर बनेगा। इसके अलावा लक्षित वर्ग  चतुर्थ के अंतर्गत आवेदनों पर 28 फरवरी 2021 से पहले मंजूरी दिए जाने का प्रस्ताव है।

भारतीय औषधि उद्योग मात्रा के आधार पर दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। इसकी यूएसऔर ईयू जैसी कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बाजार में ऊंची पहुंच है। उद्योग सस्ती दवाओं खास तौर पर जेनेरिक क्षेत्र में अपने उत्पादन को लेकर काफी जाना जाता है। हालांकि देश बुनियादी कच्चे माल में काफी हद तक आयात पर निर्भर है जैसे कि बल्क ड्रग्स जो दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल होती हैं। कुछ खास बल्क ड्रग्स में आयात पर निर्भरता 80 से 100 प्रतिशत है।

 

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