विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

विशेषज्ञों ने डिजानर थिन फिल्म, हेटेरोस्ट्रक्चर तथा हाईब्रीड क्वांटम मटेरियल में उभरती इलेक्ट्रोमैग्नेटिक घटना की भूमिका पर चर्चा की

Posted On: 23 FEB 2021 12:19PM by PIB Delhi

क्वांटम मैटर क्षेत्र के अग्रणी अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने डिजाइनर थिन फिल्म, हेटेरोस्ट्रक्चर तथा संकर क्वांटम मैटेरियल में उभरती इलेक्ट्रोमैग्नेटिक घटना की भूमिका पर क्वांटम मैटर हेटेरोस्ट्रक्चर पर राष्ट्रीय सम्मेलन (क्यूएमएच)-II में चर्चा की। 

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नैनो विज्ञान और टेक्नोलॉजी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के निदेशक प्रोफेसर अमिताव पात्रा ने कहा कि क्वांटम मैटेरियल विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए आकर्षक हैं। पौद्योगिकीय एप्लिकेशन के लिए नए प्रकार के क्वांटम उपकरणों में समन्वय की अत्याधुनिक सुविधाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि हेटेरोस्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की शक्ति और संभावनाओं को क्वांटम मैटेरियल के उभरते स्वभाव के साथ मिलान से क्वांटम मैटर हेटेरोस्ट्रक्चर ठोस भौतिकी के नए क्षेत्र खोलते हैं।

आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने क्वांटम मैटेरियल विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बुनियादी पी-एन जंक्शन से प्रारंभ मैटेरियल की आधारशिला के बिना हम किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की कल्पना नहीं कर सकते। हेटेरोस्ट्रक्चर के आधार पर बनाए जा सकने वाले उपकरण विशेषज्ञों की सृजनशीलता पर निर्भर है। सम्मेलन का आयोजन नैनो विज्ञान और टेक्नोलॉजी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूड़की द्वारा 18-20 फरवरी 2021 को किया गया।

क्वांटम मैटर हेटेरोस्ट्रक्चर (क्यूएमएच)-2 पर राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन समिति के सदस्य डॉक्टर सुवांकर चक्रवर्ती ने कहा कि 2018 में पीएसए कार्यालय ने क्वांटम टेक्नोलॉजी की जरूरतों पर बल देने के साथ भारत में मटेरियल संसाधनों को प्रोत्साहित करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई थी। यह सम्मेलन क्वांटम मैटर तथाहेटेरोस्ट्रक्चर में उभर रही प्रवृतियों पर चर्चा मंच के रूप में कार्य करेगा ताकि परस्पर हित के विषयों पर सहयोग किया जा सके।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर आर. रमेश ने काइरल परीक्षण, रूम टेम्परेचर पोलर आकाश दृष्टि घटना की चर्चा की जो थर्मोडायनेमिक्स के कारण होती है। उन्होंने अपनी टीम के कार्यों की जानकारी दी और क्वांटम मैटर की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। टोक्यो विश्वविद्यालय के अपलायड फिजिक्स विभाग की प्रोफेसर मसाशी कावासाकी ने अल्ट्रा क्लीन जेडएनजीरो हेटेरोस्ट्रक्चर इलेक्ट्रॉन की चर्चा की और जिंक ऑक्साइड आधारित ऑक्साइड हेटेरोस्ट्रक्चर पर अपनी टीम की गतिविधियों की जानकारी दी। विचार-विमर्श की अध्यक्षता भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के डी.डी. शर्मा ने की। आईआईटी रूड़की के आयोजनकर्ता डॉक्टर विवेक मलिक ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया। सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग की स्वायत्त संस्था आईएनएसटी, मोहाली द्वारा आईआईटी रूड़की के सहयोग से किया गया। इसमें भाग ले रहे 250 से अधिक आमंत्रित वक्ता क्वांटम मेटेरियल के हेटेरोस्ट्रक्चर क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, सीमाओं, संभावनाओं तथा चुनौतियों पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के तीसरे दिन एक विशेष सत्र प्रोफेसर एस.के. जोशी की स्मृति में समर्पित किया गया तथा क्वांटम हेटेरोस्ट्रक्चर के लिए विशाल मेटेरियल की प्रासंगिकता पर चर्चा की गई।

इस सम्मेलन में विश्व के विशेषज्ञों ने एक साथ क्वांटम मटेरियल के लिए हेटेरोस्ट्रक्चर इंजीनियरिंग से संबंधित अनुसंधान पर चर्चा की। इससे क्वांटम हेटेरोस्ट्रक्चर के क्षेत्र में शोध करने वालों को अवसर मिलेगा।

 

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प्रोफेसर अमिताव पात्रा, निदेशक, आईएनएसटी मोहाली

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प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रूड़की

 

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