उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 15.33 प्रतिशत अधिक धान की खरीद


मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में रिकॉर्ड 647.68 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया

सरकार ने पंजाब में 202.82 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा, जो कुल खरीद का 31.31 प्रतिशत

सरकारी नोडल एजेंसियों की ओर से दलहन और तिलहन की खरीद से 1,67,689 किसान लाभान्वित

Posted On: 18 FEB 2021 8:36PM by PIB Delhi

वर्तमान में जारी खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 में, सरकार ने मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से एमएसपी पर खरीफ 2020-21 की फसलों को खरीदने का काम जारी रखा है, जैसा कि पिछले खरीद सत्रों में किया गया था।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारू रूप से जारी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में 17 फरवरी 2021 तक 647.68 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीद की गई है। यह पिछले वर्ष 561.57 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के मुकाबले 15.33 प्रतिशत अधिक है। कुल 647.68 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद में, अकेले पंजाब ने 202.82 लाख मीट्रिक टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 31.31 प्रतिशत है।

 

 

वर्तमान में जारी खरीफ विपणन सत्र खरीद कार्यों से 1,22,282.54 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ लगभग 93.30 लाख किसानों को पहले ही फायदा मिल चुका है।

 

 

इसके अलावा, राज्यों से मिले प्रस्ताव के आधार पर, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खरीफ विपणन सत्र 2020 के 51.92 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी गई थी। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों को 1.23 लाख मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) को भी खरीदने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा, संबंधित राज्यों के प्रस्ताव के आधार पर, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्यों के लिए रबी विपणन सत्र 2020-21 के लिए 23.43 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी दी गई थी। अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद के प्रस्ताव मिलने पर मंजूरी दी जाएगी, ताकि संबंधित राज्यों में अधिसूचित फसल कटाई अवधि में अगर इन फसलों के बाजार भाव एमएसपी से कम हो जाते हैं तो केंद्रीय नोडल एजेंसियों की ओर से राज्यों की नामित खरीद एजेंसियों के माध्यम से वर्ष 2020-21 के लिए इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड को सीधे पंजीकृत किसानों से अधिसूचित एमएसपी पर खरीदा जा सके।

17 फरवरी 2021 तक, सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 3,09,219.02 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, मूंगफली की फली और सोयाबीन को खरीदा है, जिसका एमएसपी मूल्य 1,665.30 करोड़ रुपये है। इससे तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान में 1,67,689 किसानों को लाभ मिला है।

इसी तरह, 17 फरवरी 2021 तक 5089 मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद हुई है, जिसका एमएसपी मूल्य 52.40 करोड़ रुपये है। इससे कर्नाटक और तमिलनाडु में 3961 किसानों को लाभ मिला है। कोपरा और उड़द के बारे में, अभी ज्यादातर मुख्य उत्पादक राज्यों में कीमतें एमएसपी से ऊपर चल रही हैं। दलहन और तिलहन की आवक के आधार पर संबंधित राज्यों की ओर से निर्धारित तिथि से खरीद शुरू करने के लिए संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें जरूरी उपाय कर रही हैं।

 

एमएसपी के तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक राज्यों में कपास की खरीद सुचारू रूप से जारी है। 17 फरवरी 2021 तक, कपास की 91,47,724 गांठें खरीदी गई है, जिनकी कीमत 26,678.10 करोड़ रुपये है। इससे 18,93,649 किसानों को लाभ मिला है।

 

 

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