रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया 2021 में डीआरडीओ दस्तावेज़ एवं प्रक्रियाएं जारी की

Posted On: 03 FEB 2021 6:27PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एयरो-इंडिया 2021 के उद्घाटन के दिन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के निर्यात संग्रह का विमोचन किया जिसमें वह रक्षा प्रणालियां और प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं, जिन्हें मित्र देशों को निर्यात किया जा सकता है।

मिलिट्री एयरबोर्न स्टोर्स (डीडीपीएमएएस) दस्तावेज के डिजाइन, विकास और उत्पादन में एक प्रमुख संशोधन भी जारी किया गया है। डीडीपीएमएएस दस्तावेज़ के बाद एयरोनॉटिक्स बिरादरी द्वारा एयरबोर्न सिस्टम के डिजाइन, विकास, उत्पादन और प्रमाणन का दस्तावेज़ जारी किया गया। नया हवाई योग्यता ढांचा आत्मनिर्भरता के लिए आत्मनिर्भर भारत पर, संगठनों एवं उद्योगों को उदार प्रमाणन प्रक्रियाओं के ज़रिए सशक्त बनाने पर जोर देता है। प्रमाणन एजेंसी सीईएमआईएलएसी द्वारा जारी दस्तावेज से रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, एमएसएमई और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान हमारी रक्षा सेवाओं के लिये विश्वस्तरीय उत्पादों को विकसित और वितरित कर पाने में सक्षम होंगे।

एयरोनॉटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड (एआरएंडबी) की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में रक्षा मंत्री ने एयरोनॉटिक्स के क्षेत्र में एयरोनॉटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड (एआरएंडबी) के योगदान की यात्रा पर एक स्टांप और एक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में एयरोनॉटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड (एआरएंडबी) के गठन के बाद से ही प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है। एयरोनॉटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड (एआरएंडबी) का गठन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 1971 में किया था ताकि अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके और भारत को एयरोनॉटिक्स में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाया जा सके।

रक्षा मंत्री ने समारोह के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मोनोग्राफ "रेडियंस इन स्काइस- द तेजस सागा" का विमोचन भी किया। एयर मार्शल पी राजकुमार (सेवानिवृत्त) और श्री बीआर श्रीकांत द्वारा तैयार मोनोग्राफ डीआरडीओ के हल्के लड़ाकू विमान तेजस की दिलचस्प यात्रा पर प्रकाश डालता है।

समारोह में मौजूद वैज्ञानिकों, एयरोस्पेस पेशेवरों और उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने भारतीय उद्योग की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सराहना की। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा विकसित की जा रही प्रौद्योगिकियां लगातार उद्योगों को हस्तांतरित की जा रही हैं, जिससे यह उद्योग स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का उत्पादन करने के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने आगे कहा कि एडीआर एंड डीबी के स्वर्ण जयंती टिकट के विमोचन से पता चलता है कि एयरोनॉटिक्स के क्षेत्र में भारतीय शिक्षाविदों के साथ साझेदारी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तय की गई यात्रा उसके लंबे अनुसंधान और विकास पथ को दर्शाती है। उन्होंने यह भी कहा कि आज जारी निर्यात संग्रह मित्र देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाएगा और भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख स्तंभ बनाएगा।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ जी सतीश रेड्डी, रक्षा उत्पादन सचिव श्री राज कुमार, डॉ टेसी थॉमस, महानिदेशक (एयरोनॉटिकल सिस्टम्स) और चीफ पोस्टमास्टर जनरल शारदा संपत मौजूद थे, जिसकी अध्यक्षता माननीय रक्षा मंत्री ने की।

देश का द्विवार्षिक एयर शो एयरो इंडिया 3 फरवरी, 2021 को येलहंका बेंगलुरु में शुरू हुआ था। इस साल एयरो इंडिया आत्मनिर्भर भारत थीम के अनुरूप रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) शो के दौरान 300 से अधिक उत्पादों, प्रौद्योगिकियों, इंडोर पवेलियन में नवाचार, आउटडोर, स्थैतिक और फ्लाइंग डिस्प्ले के साथ भाग ले रहा है। एयरोनॉटिकल प्रौद्योगिकी विकास से जुड़ी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की तीस से अधिक प्रयोगशालाएं इस वर्ष मेगा इवेंट में अपने उत्पादों और तकनीकी उपलब्धियों का प्रदर्शन कर रही हैं।

 

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