वित्‍त मंत्रालय

फरवरी 2020 -मार्च 2021 के लिए विपणन योग्‍य संशोधित प्रतिभूतियों का कैलेंडर जारी

Posted On: 01 FEB 2021 10:39PM by PIB Delhi

केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित सकल बाजार उधारी के संशोधित अनुमान के आधार पर, वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही (01 फरवरी, से 31 मार्च, 2021 तक) के लिए रिजर्व बैंक से परामर्श के साथ भारत सरकार ने दिनांकित प्रतिभूतियों के दूसरे भाग के शेष भाग को जारी करने के लिए सांकेतिक कैलेंडर में संशोधन करने का फैसला लिया है। संशोधित जारी कैलेंडर इस प्रकार है:

 

भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करने के लिए कैलेंडर

(01 फरवरी, 2021 से 31 मार्च, 2021)

क्र. सं.

नीलामी सप्‍ताह

धनराशि

(करोड़ रुपये में)

प्रतिभूति-वार आवंटन

1

01-05 फरवरी, 2021

31,000

i) 2,000 करोड़ रुपये के लिए 2 साल

ii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 05 वर्ष

iii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 10 साल

iv) 7,000 करोड़ के लिए 40 वर्ष

2

08-12 फरवरी, 2021

26,000

i) 5,000 करोड़ रुपये के लिए 03 वर्ष

ii) एफआरबी 5,000 करोड़ रुपये

iii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 14 वर्ष

 

iv) 5,000 करोड़ के लिए 30 वर्ष

3

15-19 फरवरी, 2021

31,000

i) 2,000 करोड़ के लिए 02 वर्ष

ii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 05 वर्ष

iii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 10 वर्ष

iv) 7,000 करोड़ रुपये के लिए 40 वर्ष

4

22-26 फरवरी, 2021

24,000

i) 4,000 करोड़ के लिए 03 वर्ष

ii) 4,000 करोड़ रुपये एफआरबी

iii) 11,000 करोड़ के लिए 14 वर्ष

iv) 5,000 करोड़ के लिए 30 वर्ष

5

01-05 मार्च, 2021

31,000

i) 2,000 करोड़ रुपये के लिए 02 वर्ष

ii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 05 वर्ष

iii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 10 वर्ष

 

6

08-12 मार्च, 2021

24,000

i) 4,000 करोड़ रुपये के लिए 03 वर्ष

ii) एफआरबी 4,000 करोड़

iii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 14 वर्ष

iv) 5,000 करोड़ रुपये के लिए 30 वर्ष

 

7

15-19 मार्च, 2021

 

29,000

i) 5,000 करोड़ रुपये के लिए 05 वर्ष

iii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 10 वर्ष

iii) 7,000 करोड़ रुपये के लिए 40 वर्ष

 

8

22-26 मार्च, 2021

20,000

i) एफआरबी , 4,000 करोड़ रुपये

ii) 11,000 करोड़ रुपये के लिए 14 वर्ष

iii) 5,000 करोड़ रुपये के लिए 30 वर्ष

कुल

2,16,000

 
         
         

 

जैसा कि अब तक देखा गया है, कैलेंडर के दायरे में आने वाली सभी नीलामियों में गैर-प्रतिस्‍पर्धी बोली योजना की सुविधा होगी, जिसके तहत अधिसूचित राशि का 5 प्रतिशत निर्दिष्‍ट रिटेल या छोटे निवेशकों के लिए आरक्षित होगा।

अतीत की तरह ही इस बार भी भारत सरकार के पास भारतीय रिजर्व बैंक के साथ सलाह-मशविरा करके अधिसूचित राशि, निर्गमन अवधि, परिपक्‍वता इत्‍यादि की दृष्टि से उपर्युक्‍त कैलेंडर में आवश्‍यक संशोधन करने औरविभिन्‍न प्रकार के प्रपत्र (इंस्‍ट्रूमेंट) जारी करने का लचीलापन होगा। इसके अलावा गैर-मानक परिपक्वता वाले प्रपत्रों सहित विभिन्न प्रकार के प्रपत्रों को जारी करने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) सम्बद्ध महंगाई से जुड़े बॉन्डों सहित प्लोटिंग रेट बॉन्डों (एफआरबी) को जारी करने की दृष्टि से भी उपर्युक्‍त कैलेंडर में आवश्‍यक संशोधन करने का लचीलापन होगा। ये संभावित संशोधन भारत सरकार की आवश्‍यकताओं, उभरती बाजार स्थितियों एवं अन्‍य प्रासंगिक कारकों पर निर्भर करेंगे और ये संशोधन करने से पहले बाजार को बाकायदा सूचित किया जाएगा। आवश्‍यकता पड़ने पर इस कैलेंडर में बदलाव किये जा सकते हैं।तय अवधि के दौरान कोई अवकाश पड़ जाने जैसे कारण भी इसमें शामिल हैं। इस तरह के बदलावों के बारे में जानकारी प्रेस विज्ञप्तियों के जरिए दी जाएगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार के पास नीलामी संबंधी अधिसूचना में इंगित उपर्युक्त प्रतिभूतियों में से प्रत्येक के सापेक्ष 2000 करोड़ रुपये तक के अतिरिक्त अभिदान को बनाए रखने के लिए ग्रीन-शू ऑप्शन का इस्तेमाल करने का अधिकार है।हालांकि किसी भी नीलामी के अंतर्गत एक या उससे अधिक प्रतिभूतियों में ग्रीन-शू ऑप्शन या विकल्प का उपयोग नीलामी संबंधी समग्र अधिसूचित राशि के दायरे में ही करना होगा। प्रतिभूतियों की अदला-बदली भी सुनिश्चित करेगा। यदि तीसरे सोमवार को अवकाश रहता है, तो महीने के चौथे सोमवार को नीलामी के जरिए प्रतिभूतियों की अदला-बदली की जाएगी।

दिनांकित प्रतिभूतियों की नीलामी पर भारत सरकार द्वारा 27 मार्च, 2018 को जारी एफ. संख्‍या 4(2)-डब्‍ल्‍यूएंडएम/2018 में उल्लिखित शर्तें लागू होंगी। इसमें समय-समय पर संशोधन किया जाता है।

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