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सलाम बॉम्बे और स्लमडॉग मिलेनेयर से प्रेरित है रनिंग अगेंस्ट द विंड : निर्देशक जान फिलिप वाइल
'रनिंग अगेंस्ट द विंड का भारतीय रीमेक बनाना पसंद करूंगा
समय बचपन के दोस्तों को अलग कर देता है, लेकिन एक अदृश्य शक्ति दशकों बाद दो पुराने दोस्तों को फिर से मिला देती है। रनिंग अगेंस्ट द विंड दो सबसे अच्छे दोस्तों की कहानी है जो अपने लक्ष्यों और अपनी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरी तरह उन दो मूलभूत चीजों सपने और दोस्ती के बारे में है, जो हम सभी के पास हैं।
ऐसा जर्मन निर्देशक जान फिलिप वील अपनी फिल्म के बारे में बता रहे थे, जो ऑस्कर के लिए इथियोपिया की पहली आधिकारिक प्रविष्टि थी। वह गोवा में आयोजित 51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। यहां फिल्म के वल्र्ड प्रीमियर का आयोजन किया गया। फिल्म को विश्व पैनोरमा अनुभाग में प्रस्तुत किया गया।
फिल्म की शूटिंग इथियोपिया की आधिकारिक भाषा अम्हारिक की गई है और जर्मनी व इथियोपिया में सेट तैयार किए गए थे।
रनिंग अगेंस्ट द विंड इथियोपिया में दूरदराज के गांव में एक साथ बड़े होने वाले बारह वर्षीय दो लड़कों-सोलोमन और आब्दी का वृतांत है, जब सिर्फ एक फोटो उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देती है और उनकी जिंदगी को दो अलग-अलग रास्तों पर ले जाती है।
सोलोमन अदीस अबाबा में एक प्रमुख फोटोग्राफर बन जाता है। हालांकि आब्दी घर भी रहता है और लंबी दूरी के जाने माने इथियोपियाई धावक हेल गेब्रसेल्सी की तरह सफल होने के सपने को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण लेता है।
दस साल बाद आब्दी इथियोपियाई धावकों की राष्ट्रीय टीम में जगह बना लेता है और अदीस अबाबा जाता है। उसे लगता है कि सोलोमन अब तक मर चुका होगा, लेकिन उसका अंतर्मन कहता है कि उसे अपने पुराने दोस्त की तलाश करनी चाहिए। वास्तव में सोलोमन जीवित है, हालांकि उसकी दुनिया आब्दी की सफलता की दुनिया से बिल्कुल अलग है। एक ओर जहां आब्दी को अपने रनिंग शूज से ताकत मिलती है, वहीं सोलोमन पत्नी जेनेट और अपनी तीन साल की बेटी फिकिर के प्यार की बदौलत बच जाता है।
वील ने भारतीय दर्शकों को बताया कि उनकी फिल्म मीरा नायर की 1988 की फिल्म सलाम बॉम्बे से प्रेरित है। 'मेरी फिल्म निश्चित रूप से एक नाटक है, मैंने भारतीय फिल्म सलाम बॉम्बे से प्रेरित होकर फिल्म बनाई है। मैंने 2008-09 में इसकी स्क्रिप्ट लिखी थी। जब स्लमडॉग मिलेनेयर फिल्म आई तो इससे मुझे और भी प्रेरणा मिली। इस तरह भारतीय फिल्मों ने मुझे दो बार प्रेरित किया।
क्या प्रेरणा वहीं खत्म हो गई? हर्गिज नहीं! वील के अनुसार, इसके बाद उन्होंने अन्य फिल्मों को देखना बंद कर दिया। 'सलाम बॉम्बेऔर 'स्लमडॉग मिलेनेयर मेरे लिए एक विशेष संकेत थीं। उन्होंने सख्ती से मुझे आगे बढ़कर अन्य भारतीय फिल्मों को देखने सेे मना किया। मैं पूरी तरह सकात्मक तरीके से प्रेरित हो चुका हूं। इसका मतलब यह है कि दूसरों की सोच की नकल किए बिना कुछ नया और अनोखा बनाने के लिए मुझे दूसरी फिल्मों से दूर रहना था।
वील कहते हैं कि सलाम बॉम्बे और स्लमडॉग मिलेनेयर जैसी फिल्में कालातीत हैं। 'भावनाएँ कालातीत होती हैं। मुझे उम्मीद है कि इथियोपिया की ओर से मेरी फिल्म भी कालातीत रहेगी। मेरा उद्देश्य एक ऐसी फिल्म बनाना था, जिसका राष्ट्रीय प्रभाव हो। मुझे लगता है कि मैं सफल हो गया हूं और इथियोपिया को फिल्म से जोड़ सका हूं।
लेकिन इथियोपिया क्यों? इस पर जर्मनी के रहने वाले वील ने अपनी यात्रा का वर्णन करना शुरू कर दिया कि वह उस देश से कैसे जुड़े। उन्होंने बताया, 'मैं इथियोपिया में बड़ा हुआ था। मैंने इथियोपिया में एक स्कूल बनाने के लिए उस समय से चंदा इक_ा करना शुरू कर दिया, जब मैं सिर्फ 14 साल का था। 25,000 यूरो जुटाने के बादऑस्ट्रिया के अभिनेता कार्लहिंज बोहम ने मुझे वहां आमंत्रित किया। मैं पहली बार इथियोपिया कैसे गया और वहां के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने रनिंग अगेंस्ट द विंड की पटकथा लिखी।
चूंकि वह भारत से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, इस पर वील ने भारत में अपनी फिल्म का रीमेक बनाने की इच्छा जताई।
उन्होंने कहा, 'मैं एक निर्माता की तलाश में हूं, जो मेरे साथ मिलकर काम करना पसंद करे। भारतीय अभिनेताओं के साथ बनाई यह फिल्म पूरी तरह से हिंदी में होगी। उस समय मैं एक डिस्ट्रीब्यूटर की भी तलाश करूंगा, ताकि पूरे भारत में रनिंग अगेंस्ट द विंड को रिलीज किया जा सके।
अपनी आगे आने वाली फिल्मों के बारे में पूछे जाने पर वील ने कहा कि उन्होंने पहले ही बैरी हिचकॉक के जीवन पर आधारित एक बायोपिक के लिए काम शुरू कर दिया है, जो ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में मिनियापोलिस से अटलांटा तक दौड़े थे।
रनिंग अगेंस्ट द विंड दुनियाभर के कई देशों के अलावा नेटफ्लिक्स अफ्रीका में भी रिलीज की गई है।
कोरोना महामारी के बीच महोत्सव के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए वील ने यह भी कहा, 'मैं सिनेमा के साथ बड़ा हुआ हूं। यहां होना मेरे लिए सम्मान की बात है और ऐसे लोगों की टीम से घिरा हूं, जो असंभव को संभव कर रहे हैं। इफ्फी का यह आयोजन दुनियाभर के अन्य प्रमुख महोत्सवों के लिए एक उदाहरण है।
जान फिलिप वील एक निर्माता भी हैं, जिन्हें रनिंग बुएना विस्टा चिको और द थ्री मस्केटीयर्स जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
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एमजी/एएम/डीएम
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