गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने असम में अनेक विकास परियोजनाओं की शुरूआत की


गुवाहाटी में न्यू मेडिकल कॉलेज और असम के अलग अलग हिस्‍सों में बनने वाले नौ विधि कॉलेजों की आधारशिला रखी

जो असम हथियारों और अशांति के लिए जाना जाता था वह आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में विकास के रास्‍ते पर चल पडा है

वो सारे युवा जो आंदोलन करते थे वो असम के विकास के साथ जुड़कर असम को भारत का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं

असम की संस्‍कृति देश का गहना,असमिया साहित्य और कला के बग़ैर भारत का साहित्य और कला अधूरे

मोदी जी ने रॉयलिटी का मसला हल कर असम के विकास के लिए ढेर सारा काम किया

गेंडा असम का गौरव है उसका रक्षण करने के लिए मैं असम सरकार को बधाई देता हूँ

Posted On: 26 DEC 2020 8:20PM by PIB Delhi

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज असम में अनेक विकास परियोजनाओं की शुरूआत की। श्री अमित शाह ने गुवाहाटी में न्यू मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी। करीब 850 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह गुवाहाटी शहर का दूसरा मेडिकल कॉलेज होगा। श्री शाह ने असम के अलग अलग हिस्‍सों में बनने वाले नौ विधि कॉलेजों की आधारशिला भी रखी। साथ ही उन्होने अहुम दर्शन योजना के अंतर्गत 8000 नामघरों को (असम की पारंपरिक वैष्णवी मठ के तहत) वित्तीय अनुदान भी वितरित किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी उपस्थित थे।

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अपने सम्बोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि जो असम हथियारों और अशांति के लिए जाना जाता था वह आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में विकास के रास्‍ते पर चल पडा है। पूर्वी भारत में कभी अलग-अलग प्रकार के आंदोलन और हिंसा हुआ करती थी। अलग-अलग समूह हाथ में हथियार लिये दिखते थे,आज वो सारे मुख्यधारा के साथ जुड़े दिखते हैं और वो सारे युवा जो आंदोलन करते थे वो असम के विकास के साथ जुड़कर असम को भारत का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शांति के लिए बांग्लादेश एग्रीमेंट,ब्रू-रियांग समझौता समेत कई प्रयास किए गए। अनेक सालों से चल रहे बोडो आंदोलन को एक समझौता कर असम के अंदर शांति की शुरुआत करने का काम भी श्री नरेंद्र मोदी ने किया है।श्री अमित शाह ने कहा कि मैं सभी बोडो संगठनों और लोगों को बधाई देना चाहता हूं क्‍योंकि उन्होंने मोदी जी के नेतृत्व में विश्वास रखकर समझौता किया। श्री शाह ने कहा कि हाल के बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC)चुनाव में एनडीए की शानदार जीत इसी विश्वास का प्रतीक है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम में चुनाव आने वाले हैं,फिर से ये अलगाववाद की भाषा बोलने वाले चेहरा,रंग-रूप बदलकर लोगों के बीच में आएंगे,लोगों को उल्टा सीधा समझाएंगे। मैं उनसे आज पूछने आया हूँ आपने आंदोलन करके असम को क्या दिया? आपने केवल और केवल असम के युवाओं को शहीद करने का काम किया।

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श्री अमित शाह ने कहा कि असम की संस्‍कृति देश का गहना है। असम संस्कृति,भाषा और संगीत के लिए लगाव रखने वाला प्रदेश है|भूपेन हजारिका जी न केवल असम बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व के साहित्य और कला के प्रतीक बनकर देश में रहे|मगर भूपेन जी को कोई सम्मान नहीं मिलता थानरेंद्र मोदी जी ने भूपेन जी को भारत रत्न देकर हमारे साहित्य और कला को आगे बढ़ाने का काम किया उन्होने कहा कि मोदी सरकार हमेशा राज्यों की पहचान,संस्कृति,भाषा व कला को बल देने में विश्वास करती है|क्यूँकि हम मानते हैं जब तक हमारे राज्यों की संस्कृति और भाषाएँ मजबूत नहीं होती भारत कभी भी महान नहीं हो सकता|असमिया साहित्य और कला के बग़ैर भारत का साहित्य और कला अधूरे हैं|

 

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श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्‍तर के विकास को सदैव प्राथमिकता दी। सालों से असम सरकार के गैस रॉयलिटी का 8000 करोड़ रुपया बाकी था। पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह स्वयं यहाँ से 18 साल सांसद रहे मगर रॉयलिटी का मसला हल नहीं कर सके। मोदी जी ने असम की सरकार बनने से पहले ही रॉयलिटी का मसला हल करके असम के विकास के लिए ढेर सारा काम किया।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने स्वयं 6 साल के अंदर तीस बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है और हर बार तोहफा लेकर आए। चाहे अरुणाचल हो चाहे असम,विकास के रास्ते पर सारे राज्यों को प्रशस्त करना,रेल मार्गो से जोड़ना,सड़क मार्गो से जोड़ना,एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाना,युवाओं को अवसर देना सभी कार्यों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्‍त हुई है।

 

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श्री अमित शाह ने कहा कि गेंडा जो असम का गौरव है उसका रक्षण करने के लिए मैं असम सरकार को बधाई देता हूँ। गेंडों का शिकार करने वाली टोलियां पिछली सरकार के ज़माने में राजकीय आश्रय के साथ असम के गौरव को समाप्त करने के लिए आगे बढ़ी थी। आज कठोरता से काम करके असम सरकार ने काजीरंगा को घुसपैठियों से मुक्त कराया है।

 

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