उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का क्रियान्वयन


खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद में पिछले वर्ष की तुलना में 24.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई

Posted On: 23 OCT 2020 5:21PM by PIB Delhi

खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद जारी है, जिस प्रकार से विगत वर्षों में होती रही है।

खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और केरल में सुचारू रूप से चल रही है। 22 अक्टूबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 126.08 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के तुलना में 101.20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। इस वर्ष धान की खरीद में अब तक 24.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 126.08 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 81.81 लाख टन है, जो कि कुल खरीद का 64.89 प्रतिशत है।  एलएमटी का योगदान दिया है जो कुल खरीद का है। लगभग 10.85 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए वर्तमान खरीफ विपणन सत्र में 18,880 रुपये प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 23804.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

राज्यों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार दर एमएसपी से नीचे चली जाती है, तो राज्य की नोडल एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

इसके अलावा 22 अक्टूबर, 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 894.04 मीट्रिक टन मूंग और उड़द की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस प्रकार तमिलनाडु, महाराष्ट्र और हरियाणा के 870 किसानों को 6 करोड़ 42 लाख रुपये की आय हुई है। इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन के संबंध में आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कपास की खरीद का कार्य न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सुचारु रूप से चल रहा है। दिनांक 22 अक्टूबर 2020 तक 59453 किसानों से 86155.83 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 305097 गांठों की खरीद की जा चुकी है।

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