इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

आरएआईएसई 2020- कृत्रिम बुद्धिमत्ता सम्मेलन में दुनिया भर के विशेषज्ञ, समग्र और जवाबदेह एआई विकसित करने पर अपने विचार साझा करेंगे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामाजिक सशक्तिकरण-2020 हेतु उत्तरदाई एआई सम्मेलन का 5 अक्टूबर को उद्घाटन करेंगे

आरएआईएसई 2020 में भाग लेने के लिए अब तक 15,000 से ज्यादा नामांकन

Posted On: 01 OCT 2020 8:46PM by PIB Delhi

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग 5 से 9 अक्टूबर 2020 के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं, विषय है आरएआईएसई-2020 'सामाजिक सशक्तिकरण 2020 हेतु जवाबदेह एआई सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी करेंगे इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, जाने-माने वैश्विक एआई विशेषज्ञ प्रोफेसर राज रेड्डी, पद्म भूषण से सम्मानित जाने-माने व्यक्ति, अमेरिकी राष्ट्रपति के सूचना तकनीकी सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री मुकेश अंबानी तथा आईबीएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरविंद कृष्णा समेत अनेक विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे।

प्रोफेसर राज रेड्डी, सम्मेलन के दूसरे दिन सत्र का संचालन करेंगे जिसमें भाषाई सीमाओं को खत्म करते हुए स्वर आधारी एआई को विकसित करने पर चर्चा होगी। इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी मोहनदास पई और माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल के विधि प्रमुख तथा अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ भी इस सत्र में भाग लेंगे।

श्री पई भारत में एआई आधारित वित्तीय सेवाओं और डाटा विकसित करने के बारे में अपने विचार रखेंगे, जोकि वित्तीय समग्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। श्री स्मिथ उत्तरदाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विकसित करने के लिए नियामक ढांचे पर प्रकाश डालेंगे जो विश्वसनीय और भेदभाव रहित हो।

आरएआईएसई 2020 में एक बिलियन से अधिक भारतीयों को सशक्त करने हेतु समग्र एआई निर्माण के लिए एक विशेष सत्र होगा। इस सत्र में माइक्रोसॉफ्ट की मुख्य एक्सेसिबिलिटी अधिकारी जेनी ले फ्लूरी भी अपने विचार रखेंगी। सुश्री फ्लूरी का शोध क्षेत्र में वृहद् अनुभव है और सूचना तकनीकी रणनीति को लागू करने में भी उनकी विशेषज्ञता है। संयुक्त राष्ट्र महिला में उप-कार्यकारी निदेशक तथा सहायक महासचिव अनीता भाटिया भी इस सत्र में अपने विचार रखेंगी। इस सत्र में वक्ता पैनल में सभी वक्ता महिलाएं होंगी।

6 अक्टूबर की दोपहर में एक विशेष वार्ता (चैट) होगी जिसमें भारत के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी और मैकेंसी में वरिष्ठ साझेदार श्री नोशीर काका बात करेंगे, विषय होगा लोगों के इस्तेमाल हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म के निर्माण में एआई का एकीकरण। श्री काका भारत के मैकेंसी कार्यालयों के प्रबंध निदेशक और इसके ग्लोबल आउटसोर्सिंग और ऑफशोरिंग प्रैक्टिसेज के संस्थापक हैं।

इसके बाद उत्तरदाई एआई के लिए शिक्षा और जागरूकता पर टैंडेम रिसर्च की संस्थापक निदेशक सुश्री उर्वशी अनेजा और अमेज़न इंटरनेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के भारत और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष राहुल शर्मा का सत्र होगा।

सामाजिक उद्देश्यों के लिए मानचित्रों का खुला इस्तेमाल भी सत्र में एक विषय होगा जिस पर इंडियाहुड कि संस्थापक डॉक्टर ललितेश कतरागदा और मैप माय इंडिया के कार्यकारी निदेशक तथा सीईओ श्री रोहण वर्मा अपनी बात रखेंगे।

आरएआईएसई 2020 में शामिल होने के लिए अब तक शिक्षा और अनुसंधान से लेकर उद्योग जगत तथा दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के सरकारी प्रतिनिधियों की तरफ से 15,000 नामांकन प्राप्त हो चुके हैं।

स्टार्टअप के लिए दुनिया के तीसरे सबसे बेहतर इकोसिस्टम, आईआईटी समेत विश्व स्तरीय विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानों, विशाल डिजिटल बुनियादी ढांचा और हर वर्ष लाखों की संख्या में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले स्नातकों की बदौलत भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विकसित करने में विश्व की अगुवाई करने में पूरी तरह से सक्षम है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत की अर्थव्यवस्था के लिए 2035 तक 957 बिलियन अमेरिकी डॉलर आकर्षित कर सकता है। 'सबका साथ-सबका विकास' की भावना और विचार से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की योजना समग्र विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देना और देश के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सभी के लिए उपयोगी है, की रणनीति पर काम करना है। प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरित भारत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नेतृत्व करेगा बल्कि यह दुनिया को यह भी दिखाएगा कि सामाजिक सशक्तिकरण में जवाब देह ढंग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।

कृषि से लेकर वित्त और तकनीकी तथा स्वास्थ्य से लेकर बुनियादी ढांचे तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वास्तव में एक परिवर्तनकारी शक्ति बन सकती है। भारत में विश्व की एआई प्रयोगशाला बनने की अद्वितीय क्षमता है और सशक्तिकरण के माध्यम से समग्र विकास और प्रगति में योगदान करने की क्षमता है। आरएआईएसई 2020 (http://raise2020.indiaai.gov.in/)  सम्मेलन एक ऐसा मंच होगा जहां विचार-विमर्श और सहमति से आंकड़ों का समृद्ध वातावरण सृजित होगा जो वैश्विक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए पहला कदम होगा।

इससे विचारों के आदान-प्रदान का वातावरण सृजित होगा जो जन जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विशेष तौर पर एआई के शुचिता पूर्ण और मर्यादित विकास व इस्तेमाल के बारे में।

आरएआईएसई 2020 के बारे में

आरएआईएसई 2020 अपनी तरह का पहला वैश्विक आयोजन है, जिसका उद्देश्य जवाबदेह एआई के द्वारा सशक्तिकरण, सामाजिक परिवर्तन, सभी को शामिल करने, के भारत के दृष्टिकोण का रोड मैप प्रस्तुत करना है। इस कार्यक्रम का आयोजन इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग के साथ कर रहा है। आयोजन में विश्व उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ-साथ, जाने-माने विचारक, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षा जगत के क्षेत्रों से लोगों के भाग लेने की संभावना है।

वेबसाइट : http://raise2020.indiaai.gov.in/

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