नीति आयोग

आईईए और नीति आयोग ने कोविड-19 से दीर्घकालिक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में विशेष रिपोर्ट लॉन्‍च की

Posted On: 21 SEP 2020 7:15PM by PIB Delhi

वर्तमान कोविड-19 संकट की पृष्ठभूमि में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने नीति आयोग के साथ मिलकर ‘दीर्घकालिक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ पर विशेष रिपोर्ट’ 18 सितम्‍बर 2020 को लॉन्‍च की।

आईईए की अग्रणी वर्ल्‍ड एनर्जी आउटलुक श्रृंखला का हिस्सा, रिपोर्ट में कई कार्यों का प्रस्ताव रखा गया है जो ऊर्जा व्‍यवस्‍था को साफ और अधिक लचीला बनाते हुए अर्थव्यवस्थाओं में नई जान डालने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अगले तीन वर्षों में उठाए जा सकते हैं।

रिपोर्ट रेलवे और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में आईईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. फतिह बिरोल और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने वर्चुअली लॉन्‍च की।

आईईए के मुख्य ऊर्जा मॉड्लर लौरा कोज़ी ने प्रमुख निष्कर्ष प्रस्तुत किए, और लॉन्च के दौरान मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी उपस्थित थे।

आईईए को बधाई देते हुए, केन्‍द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आगे बढ़ने और खुद को एक लचीले और टिकाऊ भविष्य के लिए तैयार करने के लिए यह सही समय है, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान संकट को ऊर्जा परिवर्तन को आसान, तेज, अधिक लचीला और किफायती बनाने के लिए एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए, भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक 100% विद्युतीकरण और 2030 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जनकर्ता बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

जैसा कि दुनिया भर की सरकारें कोविड-19 पर प्रतिक्रिया दे रही हैं, आईएमएफ के सहयोग से तैयार आईईए की रिपोर्ट, ऊर्जा-केंद्रित नीतियों और निवेशों का विवरण देती है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, नौकरियां सृजित कर सकते हैं और ऊर्जा प्रणालियों को कम लागत में बनाते हुए उर्त्‍सजन में संरचनात्मक गिरावट, मजबूती और लचीलापन लाने में मदद कर सकती हैं।

‘2008–09 के वित्तीय संकट के बाद, कुल प्रोत्साहन उपायों का लगभग 16% हरित उपाय हैं। महामारी से उबरने के लिए हमें पारदर्शी निवेशों के प्रति और भी अधिक महत्वाकांक्षी और निर्णायक होना चाहिए। उस आवश्यकता को देखते हुए, आईईए की दीर्घकालिक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ योजना की सरकारों, व्यवसायों, प्रौद्योगिकीविदों और अन्य प्रमुख निर्णय-लेने वालों को निर्देशित करने में बहुत उपयोगी भूमिका है। नीति आयोग अपनी स्थापना के समय से ही चिरस्थायी पहल कर रहा है। सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि एसडीजी सूचकांक, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन, एसीसी बैटरी स्कीम और मेथनॉल अर्थव्‍यवस्‍था पहल में हमारा नेतृत्व, स्थायी कारणों के लिए नीति आयोग की प्रतिबद्धता के लिए  के वसीयतनामा है।

डॉ. फतिह बिरोल ने सहमति व्‍यक्‍त करते हुए कहा, भले ही कोविड-19 ने 2020 को इतना मनहुस वर्ष बना दिया है, मुझे विश्व स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए आशावाद के लिए बढ़ता आधार दिखाई दे रहा है। भारत जैसे देशों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की बदौलत सौर ऊर्जा और भी अधिक प्रतिस्पर्धी हो गई है। हमारी दीर्घकालिक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ योजना सरकारों को दिखाती है कि आज की प्रमुख आर्थिक, ऊर्जा और जलवायु चुनौतियों को एक साथ कैसे हल किया जाए। भारत के लिए प्रमुख अवसरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए समर्थन बढ़ाना, बिजली क्षेत्र में निरंतर निवेश और स्वच्छ खाना पकाने के कार्यक्रम में सुधार के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंच में सुधार करना शामिल है।'

मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी सुब्रमण्यन ने भारत की आर्थिक स्थिति और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ की राह की चर्चा की और उल्लेख किया कि महामारी ने दीर्घकालिक आर्थिक विकास की भूमिका को उजागर किया है और भारत इस प्रयास में सबसे आगे है।

रिपोर्ट में नौकरियों के सृजन के लिए जिन प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है उनमें बिजली, परिवहन, भवन, उद्योग और स्थायी जैव ईंधन और नवाचार शामिल हैं। नीतिगत कार्यों और लक्षित निवेशों का एक संयोजन अर्थव्यवस्था को भारी लाभ प्रदान करेगा और रोजगार पैदा करेगा। हालांकि, रिपोर्ट में जिन उपायों पर प्रकाश डाला गया है वह देश की मुख्‍य पसंद है।

रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें https://www.iea.org/reports/sustainable-recovery

***

एमजी/एएम/केपी/एसएस


(Release ID: 1657565) Visitor Counter : 310


Read this release in: English , Manipuri , Punjabi , Telugu