विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
भारतीय विज्ञान कांग्रेस की उपलब्धियां
Posted On:
21 SEP 2020 6:50PM by PIB Delhi
वार्षिक भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन वर्ष 1914 से प्रत्येक वर्ष किया जाता है। इस वर्ष, 107वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके परिसर, बंगलौर, कर्नाटक में 3-7 जनवरी, 2020 के दौरान किया गया जिसकी केंद्रीय विषय वस्तु थी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी: ग्रामीण विकास।
इस प्रक्रिया के जरिए, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था सामान्य रूप से विज्ञान के और विशेष रूप से राष्ट्रीय विज्ञान नीति के विकास में योगदान देती रही है। बाल विज्ञान कांग्रेस, महिला विज्ञान कांग्रेस, कृषक विनिर्दिष्ट विज्ञान कांग्रेस, विज्ञान प्रदर्शनी तथा विज्ञान संचारक बैठक का आयोजन भी उपर्युक्त अवधि के दौरान किया गया। सम्मेलन की कार्रवाई, पत्रिकाओं, रिपोर्टों और अन्य सामग्री का वितरण प्रतिभागियों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और भारत की जनता के बीच वैज्ञानिक प्रवृत्ति का सृजन करने के लिए किया गया।
नोबल पुरस्कार विजेताओं, वैज्ञानिकों, बुद्धिजीवियों, अकादमिशियनों, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, छात्रों और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 15,000 प्रतिभागियों ने 107वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में भाग लिया। कांग्रेस के दौरान कृषि एवं वन विज्ञान, पशु, पशु चिकित्सा तथा मात्स्यिकी, नृवैज्ञानिक एवं व्यावहारिक विज्ञान (पुरातत्व विज्ञान, मनोविज्ञान, शिक्षा एवं सामरिक विज्ञान सहित), रसायन विज्ञान, पृथ्वी प्रणाली विज्ञान, अभियांत्रिकी विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, सूचना एवं संचार विज्ञान और प्रौद्योगिकी (कम्प्यूटर विज्ञान सहित), पदार्थ विज्ञान, गणित विज्ञान (सांख्यिकी सहित), चिकित्सा विज्ञान (शरीरक्रिया विज्ञान सहित), नव जीवविज्ञान (जैवरसायन, जैवभौतिकी, आणविक जीवविज्ञान और जैवप्रौद्योगिकी सहित), भौतिक विज्ञान तथा पादप विज्ञान विषयों पर 14 सेक्शनल बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों की सिफारिशें कांग्रेस के परिणाम के रूप में प्रतिभागियों में ग्रामीण और छात्र समुदायों को सुग्राही बनाने के लिए परिचालित की गईं।
107वीं आईएससी की 14 सेक्शनल बैठकों की सिफारिशें 28 भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था (आईएससीए) की क्षेत्रीय शाखाओं को परिचालित की गईं। ये शाखाएं विज्ञान के लोकप्रियकरण और उन्नति के लिए रचनात्मक कार्य की परिकल्पना पूरे वर्ष करती हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अंतरण विज्ञान और किफायती एवं सतत नवप्रवर्तनों के संवर्धन हेतु कई कदम उठाए हैं। कुछ प्रमुख पहलें इस दिशा में निम्नानुसार हैं:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने अंतरण अनुसंधान पर बल देने के लिए विभाग के मौजूदा स्वायत्त संस्थानों में पांच तकनीकी अनुसंधान केंद्रों (टीआरसी) की स्थापना की है।
- डीएसटी ने इम्पैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (इम्प्रिटिंग) परियोजना पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के साथ सहयोग भी किया है। इस पहल में उत्पाद/सेवा के निर्माण के लिए अधिक मांग संचालित कार्यनीति अंगीकार करके कार्यान्वयन संस्थानों के कार्यक्षेत्र का विस्तार किया जाता है और भारत के राज्यों की विशिष्ट बाह्यताओं को शामिल किया जाता है ताकि अंतिम प्रयोक्ता तक अंतरण और प्रौद्योगिकी अनुकूलन को सरल बनाया जा सके।
- जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) अनुसंधान संस्थानों, वैज्ञानिक संगठनों और विश्वविद्यालयों के जरिए जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवोन्मेषी अनुसंधान और विकास कार्यकलापों को बढावा देता है। यह विभाग अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जैवप्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के जरिए अंतरण अनुसंधान का संवर्धन भी करता है। बीआईआरएसी विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवोन्मेषी अनुसंधान एवं विकास कार्यकलापों को सहायित कर रहा है। यह सहायता उद्भावना, संकल्पना साक्ष्य, प्रोटोटाइपिंग, प्रायोगिक स्तर पर विकास, वैधीकरण और उत्पाद विकास सहित उत्पाद के विकास के सभी चरणों के लिए प्रदान की जाती है।
- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अत्याधुनिक विज्ञान का अनुशीलन कर रही है और वायु आकाश, इलेक्ट्रानिकी एवं इंस्ट्रुमेंटेशन तथा कार्यनीतिक क्षेत्र; नागर अवसंरचना एवं अभियांत्रिकी; खनन, खनिज धातु एवं पदार्थ; रसायन (चर्म सहित) और पेट्रोरसायन; ऊर्जा (पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक) ; ऊर्जा युक्तियों; पारिस्थितिकी; पर्यावरण; पृथ्वी विज्ञान एवं जल; कृषि, पोषण एवं जैवप्रौद्योगिकी; और स्वास्थ्य देखभाल जैसे विविधतापूर्ण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और ज्ञान आधारित सेवाओं का विकास कर रही है। अंतरण अनुसंधान पर अधिक बल देने के लिए अतिरिक्त कदम उठाते हुए सीएसआईआर दो प्रकार की परियोजनाएं –फास्ट ट्रैक अंतरण परियोजनाएं और मिशन पद्धति की परियोजनाएं कार्यान्वित कर रही है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री, डा. हर्ष वर्धन ने राज्य सभा में एक लिखित जवाब के माध्यम से September 20, 2020 को यह जानकारी दी।
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NB/KGS(RSQ-1109)
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