विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
भेल ने कोयला आधारित कार्यकुशल तापीय ऊर्जा संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांट्स) के लिए उच्च तापक्रम टरबाइन रोटर टेस्ट रिग बनाया
यह भारत में एयूएससी स्टीम टरबाइन रोटर के डिजाइन के प्रायोगिक सत्यापन करने की अपनी तरह की पहली सुविधा होगी
डीएसटी की स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल (क्लीन एनर्जी रिसर्च इनिशिएटिव) के तहत संचालित परियोजना
Posted On:
17 SEP 2020 7:21PM by PIB Delhi
भारत बहुत ही जल्द कोयला आधारित कार्यकुशल तापीय ऊर्जा संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांट्स) के लिए अपने सुपर अलॉय स्टीम टरबाइन रोटर्स बना सकता है। इसकी वजह ऐसे पावर प्लांट्स के लिए जरूरी रोटर्स में ‘लो साइकल फटीग इफेक्ट्स (प्रभावों) का आकलन करने के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) द्वारा स्थापित की जा रही सुविधा है।
कोयला आधारित तापीय ऊर्जा संयंत्रों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों में सुधार के लिए जरूरी है कि अभी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले क्रोम आधारित स्टील्स की जगह पर निकिल आधारित सुपर अलॉय मटीरियल्स (उच्च मिश्रधातु सामग्री) का उपयोग किया जाए। निकिल आधारित अलॉय 617एम को भारतीय एडवांस अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) कंसोर्टियम ने चुना है। यह अलॉय औद्योगिक स्तर पर उपलब्ध है और एयूएससी कंसोर्टियम पहले ही अलॉय के स्वदेशी विकास के बारे में भरोसा दिला चुका है। हालांकि, अलॉय 617एम रोटर्स के प्रदर्शन के प्रायोगिक आंकड़ों की कमी भारतीय एयूएससी पावर प्लांट में इस अलॉय के प्रभावी इस्तेमाल में अड़चन पैदा करती है।
इस चुनौती से उबरने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने क्लीन एनर्जी रिसर्च इनिशिएटिव के तहत हैदराबाद स्थित भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भेल (आर एंड डी) में हाई टेंपरेचर स्पिन टेस्ट रिग (एचटीएसटीआर) स्थापित करने में मदद की है।
यह भारत में एयूएससी स्टीम टरबाइन रोटर की क्रीप-फटीग डैमेज (साइक्लिक थर्मो मकैनिकल लोड के साथ ऊंचे तापमान पर धातुओं और मिश्र धातुओं का घिसाव) संबंधी डिजाइन का प्रायोगिक सत्यापन करने वाली अपनी तरह की पहली सुविधा होगी और यह वास्तविक आकार की अभियांत्रिक प्रायोगिक संरचना बनाने के मामले में भी भारत में अपनी तरह की इकलौती सुविधा होगी।
यह बिल्कुल वैसे ही 9000 किलोग्राम तक के भार के टरबाइन रोटर सेग्मेंटस में विभिन्न प्रकार की क्षतियों के अधीन होगा, जैसे संयंत्र संचालन में उच्च तापमान से लेकर 800 डिग्री सेल्सियस तक, हाई स्पीड से लेकर 3600 राउंड प्रति मिनट (आरपीएम) और इसके बाद दीर्घकालिक स्थिर अवस्था के संचालन और नियंत्रित हीटिंग-कूलिंग के साथ होता है। यह सुविधा इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
यह सुविधा 800 मेगावॉट एयूएससी स्टीम टरबाइन रोटर्स की डिजाइन को कुल 2000 स्टार्टअप्स (तेज गर्म + गुनगुना + ठंडा) और कुल 100000 घंटों तक स्थिर अवस्था में संचालन के साथ-साथ सुपर अलॉय मोनोमेटैलिक और बायमेटैलिक वेल्डेड रोटर के दीर्घकालिक प्रदर्शन को सत्यापित करने में सक्षम बनाएगी।
इसे क्रमशः 200 चक्रों और 100000 घंटों के भीतर त्वरित परीक्षण के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। भेल की टीम ने त्वरित परीक्षण के लिए एएसएमई मानकों के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए एक बेहद अनूठा टेस्ट प्रोटोकॉल तैयार किया है।
वास्तविक स्टीम टरबाइन रोटर के टू रोटर सेगमेंट्स - मोनोमेटैलिक (अलॉय 617एम) और बायमेटैलिक वेल्डेड हिस्सों (अलॉय 617एम और 10 क्रोम) को बढ़ते तापक्रम के साथ इसके गारंटीकृत समय रेखा के समतुल्य परिचालनात्मक परिस्थितियों पर परखा जाएगा और हीटिंग और कूलिंग ऑपरेशंस के दौरान रोटर्स में वांछित तापीय उतार-चढ़ाव (ग्रेडियंट्स) को प्राप्त किया जाएगा।
इस अनूठे टेस्ट प्रोटोकॉल और इसके विज़ुअलाइज़ेशन सॉफ़्टवेयर को भारतीय पेटेंट और कॉपीराइट अधिनियम के तहत पंजीकृत कराया गया है। परीक्षण पद्धति के कुछ प्रमुख तकनीकी बिन्दुओं राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रकाशित किया गया है।
[और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें डॉ.के.रामकृष्णा (kramakrishna@bhel.in, 9490118889), श्री मनीष चंद्र गुप्ता, manishg@bhel.in, 9985306584.]

चित्र 1: रोटर टेस्ट रिग, वैक्यूम पंप्स और कंट्रोल रूम

चित्र. 2: रोटर टेस्ट रिग और पिट में सचल न्यूमेटिक लोडिंग स्टेशन

चित्र 3: टेस्ट रिग के साथ टेस्ट रोटर

चित्र 4: डीजी सेट्स, रोटर टेस्ट रिग के लिए नाइट्रोजन ब्लोअर्स और ट्रांसफार्मर्स
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