खान मंत्रालय

प्रस्तावित खनन सुधार को लेकर सरकार को मिले बड़ी संख्या में सुझाव

Posted On: 15 SEP 2020 6:32PM by PIB Delhi

अवैध खनन को वैध करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। खनन मंत्रालय ने आज यह स्पष्ट कर दिया है। खनन एवं खनिज (विकास एवं नियामक) (एमएमडीआर) अधिनियम 1957 में प्रस्तावित संशोधन पर सुझाव और टिप्पणी के लिए खनन मंत्रालय ने इसे केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों को भेजे हैं।

कानून में संशोधन से पूर्व परामर्श की परंपरा के मद्देनजर मंत्रालय ने प्रस्तावित बदलाव के संबंध में 24 अगस्त 2020 को अपनी वेबसाइट पर नोटिस जारी किया था ताकि आम जनता, खनन उद्योग, खनन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्षकार, उद्योग संघों और अन्य से सुझाव या टिप्पणी प्राप्त हो सके।

लोक परामर्श नोटिस की प्रतिक्रिया में मंत्रालय को प्रस्तावित संशोधन के संबंध में बड़े पैमाने पर सुझाव एवं टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं, जिनका विस्तार से निरीक्षण किया जा रहा है।

16 मई, 2020 को केंद्रीय वित्तमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत खनिज क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने और खनन क्षेत्र में सुधार करने की घोषणा की थी। इसी घोषणा को क्रियान्वित करते हुए खनन मंत्रालय ने खनन एवं खनिज (विकास एवं नियामक) (एमएमडीआर) अधिनियम 1957 में संशोधन का प्रस्ताव किया है ताकि खनिज क्षेत्र में ढांचागत सुधार किए जा सकें। इसका उद्देश्य इस क्षेत्र का विकास और रोजगार सृजन है। कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को भी इससे गति मिलने की संभावना है।

इस प्रस्ताव में (i) खनिज उत्पादन को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन को शामिल किया गया है। इसके लिए खनिज तत्वों का पता लगाने, खनिज ब्लॉक की नीलामी और पता लगाने से लेकर उत्पादन शुरू किए जाने की प्रक्रिया को सहज बनाना (ii) विरासत के मुद्दों का निराकरण ताकि खनिज संपदा का आवंटन केवल नीलामी प्रक्रिया से हो (iii) कब्ज़े और गैर कब्जे वाली खानों के बीच भेद खत्म करना (iv) पारदर्शी राष्ट्रीय खनिज इंडेक्स विकसित करना और (v) अवैध खनन की परिभाषा को स्पष्ट करना इत्यादि शामिल हैं।

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