वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत शीर्ष 50 देशों में शामिल

Posted On: 02 SEP 2020 9:46PM by PIB Delhi

वर्ल्‍ड इंटेलेक्‍चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन द्वारा तैयार ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स यानी वैश्विक नवाचार सूचकांक 2020 की रैंकिंग में भारत 4 पायदान चढ़कर 48वें पायदान पर पहुंच गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच यह भारत के लिए ऊपर उठने के समाचार के रूप में सामने आया है और इससे भारत में मजबूत आरएंडडी परिवेश का पता चलता है। वर्ष 2019 में भारत 52वें पायदान पर रहा था और वर्ष 2015 में वह 81वें स्थान पर था। दुनिया भर में अत्यधिक नवोन्‍मेषी विकसित देशों की जमात में शामिल होना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। डब्ल्यूआईपीओ ने भारत को मध्य एवं दक्षिणी एशियाई क्षेत्र में 2019 के अग्रणी नवोन्‍मेषी देश के रूप में भी स्वीकार किया था  क्योंकि इसने पिछले 5 वर्षों से अपनी नवाचार रैंकिंग में लगातार सुधार दर्ज किया है।

व्‍यापक ज्ञान पूंजी, स्टार्टअप के लिए जीवंत परिवेश और सार्वजनिक एवं निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों के कारण वैश्विक नवाचार सूचकांक की रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे वैज्ञानिक मंत्रालयों ने राष्ट्रीय नवाचार परिवेश को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नीति आयोग ईवी, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत आदि विभिन्न क्षेत्रों में नीति आधारित नवाचार लाकर इस दिशा में राष्ट्रीय प्रयासों के अनुकूलन को सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम कर रहा है। नीति आयोग द्वारा पिछले वर्ष जारी इंडिया इनोवेशन इंडेक्‍स यानी भारत नवाचार सूचकांक को देश के सभी राज्यों में नवाचार के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया है। वैश्विक नवाचार सूचकांक सहित तमाम वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति की नीति आयोग द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है और उसका मूल्यांकन किया जा रहा है।

भारत को वैश्विक नवाचार सूचकांक में अपनी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए ऊंचे लक्ष्‍य के साथ  अपने प्रयास बढ़ाने की आवश्‍यकता है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किए गए आत्‍मनिर्भर भारत के लिए आह्वान को तभी साकार किया जा सकता है जब भारत अपनी स्थिति को बेहतर करते हुए वैज्ञानिक हस्तक्षेपों को विकसित करने में वैश्विक महाशक्तियों के साथ प्रतिस्पर्धा करे। अब समय गया है कि भारत एक उल्‍लेखनीय बदलाव लाए और अगले वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का लक्ष्य रखे।

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एमजी/एएम/एसकेसी



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