पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने संयुक्त रूप से “जल-मौसम संबंधी खतरों के जोखिम को कम करना” विषय पर वेबिनार श्रृंखला का आयोजन किया

Posted On: 05 AUG 2020 6:17PM by PIB Delhi

भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान ने “जल-मौसम संबंधी खतरों के जोखिम को कम करना” विषय पर वेबिनार श्रृंखला का आयोजन किया। वेबिनार श्रृंखला में चार विषयों पर वेबिनार आयोजित किये गए – तूफ़ान और आकाशीय बिजली’, बादल का फटना और बाढ़’, चक्रवात और तूफ़ान का बढ़ना तथा जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम घटनाएं। जल-मौसम संबंधी जोखिमों की बेहतर समझ और प्रभावी सहयोगात्मक कार्रवाइयों के सम्बन्ध में मानवीय क्षमता बढाने पर विचार-विमर्श हुआ। आपदा जोखिम को कम करने तथा प्रभावित समुदायों और परिवेश की सहनशीलता को बढ़ने के लिए प्रधान मंत्री के 10-सूत्रीय एजेंडा एवं सेनडाई आपदा जोखिम कमी फ्रेमवर्क को लागू किये जाने पर चर्चा हुई।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने वेबिनार श्रृंखला के "तूफ़ान और आकाशीय बिजली" विषय पर आयोजित पहले वेबिनार का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में श्री राय ने जल-मौसम संबंधी आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए भारत सरकार के विभागों / एजेंसियों द्वारा किए गए प्रमुख कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन आपदाओं के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सहयोगात्मक लघु और दीर्घकालिक शमन और कमी करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया।

वेबिनार श्रृंखला को एनडीएमए के सदस्य सचिव श्री जी.वी.वी. सरमा; पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. राजीवन; एनडीएमए के अपर सचिव डॉ. वी थिरुप्पुगाज़, आईएएस; एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल; आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा; एनडीआरएफ के महानिदेशक श्री एस. एन. प्रधान, आईपीएस और जीएमआरडी, एनआईडीएम के प्रमुख प्रो. सूर्य प्रकाश जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भी संबोधित किया। प्रसिद्ध वक्ताओं में सीडब्ल्यूसी (एफएफएम) के निदेशक श्री शरद चंद्र,; आईआईटी बॉम्बे के प्रो. कपिल गुप्ता; आईएमडी के वैज्ञानिक-एफ डॉ. आर.के. जेनमणि,; आईएमडी के हाइड्रोमेट प्रमुख श्री बी. पी. यादव; आईएमडी के वैज्ञानिक-एफ डॉ. डी. आर. पटनैल; आईएमडी की वैज्ञानिक-एफ डॉ. सोमा सेन रॉय; विश्व बैंक के श्री अनूप कारंत और आईएमडी की वैज्ञानिक-ई सुश्री सुनीता देवी शामिल थीं।

उपरोक्त सभी वेबिनार वार्ता यू-टयूब के निम्न लिंक पर उपलब्ध हैं:

 

क) तूफ़ान और आकाशीय बिजली

https://www.youtube.com/watch?v=9Zv1Rms78dU

ख.)बादल का फटना और बाढ़

https://www.youtube.com/watch?v=G-P1CZB3krk

ग.)चक्रवात और तूफ़ान का बढ़ना

https://www.youtube.com/watch?v=3TNRFsyuJGs

घ.)जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम घटनाएं https://www.youtube.com/watch?v=77H2g3K-msM

 

वेबिनार सीरीज़ की महत्वपूर्ण बातें हैं - वर्तमान में नोडल एजेंसियों की तकनीकी क्षमता के माध्यम से जल-मौसम संबंधी घटनाओं के समय और स्थान के बारे में लगभग सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। आईएमडी और एनआईडीएम पूर्वानुमान क्षमताओं को और बढ़ाएंगे तथा जल-मौसम संबंधी घटनाओं का अधिक सटीक रूप से अनुमान लगाने में सक्षम होंगे एवं संबंधित हितधारकों और समुदायों को उचित रोकथाम और शमन का उपाय करने में मदद करेंगे।

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