वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

डीजीएफटी का पोर्टल राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्यात हब के रूप में सभी जिलों को विकसित करने में सक्षम बनाएगा


11 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने एसएलईपीसी के गठन को अधिसूचित किया है

बजट 2020-21 में प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने वाली घोषणा प्रत्येक जिले को एक निर्यात हब में तब्दील कर देगी

Posted On: 04 FEB 2020 5:35PM by PIB Delhi

प्रत्येक जिले को एक निर्यात हब (केन्द्र) में तब्दील करने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने अपने बजट 2020-21 भाषण में कहा कि प्रत्येक जिले को एक निर्यात हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकारों के प्रयासों में सामंजस्य स्थापित किया जा रहा है और संस्थागत व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के जरिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय जिला स्तर पर संस्थागत संरचना के जरिए प्रत्येक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश में प्रत्येक जिले के लिए विशिष्ट जिला निर्यात योजना (डीईपी) तैयार एवं कार्यान्वित करने के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से निरंतर बातचीत करता रहा है। जिला निर्यात योजना के कार्यान्वयन के लिए जिला स्तर पर स्थापित संस्थागत संरचना की अगुवाई प्रमुख/जिला विकास अधिकारी करेंगे और जिला स्तर के अन्य संबंधित अधिकारी इसके सदस्य होंगे।

डीजीएफटी एक पोर्टल भी विकसित कर रहा है, जिसे डीजीएफटी की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जा सकता है, ताकि विभिन्न राज्य प्रत्येक जिले की निर्यात संभावनाओं वाले उत्पादों से संबंधित सभी सूचनाओं को वहां अपलोड कर सकें।

जिला निर्यात योजना तैयार करने की प्राथमिक प्रक्रिया में किसी भी जिले का आकलन करना भी संभव होगा, ताकि मौजूदा निर्यात क्षमता के साथ-साथ जिले में इसकी भावी संभावना के बारे में भी पता लगाया जा सके। जिले में कृषि, बागवानी, पशुधन, मत्स्य पालन, हस्तशिल्प, हथकरघा और उद्योग जगत से संबंधित सभी प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ लीड बैंक मैनेजर भी प्रमुख निर्यात संवर्धन परिषदों, गुणवत्ता एवं तकनीकी मानक निकायों में साझेदारी की दिशा में काम करेंगे। भारत सरकार के एमएसएमई, भारी उद्योग, राजस्व एवं वस्त्र जैसे विभाग इस दिशा में होने वाली आरम्भिक बैठकों का हिस्सा होंगे। आरम्भिक बैठकें प्रमुख/जिला विकास अधिकारी की अध्यक्षता में होंगी।

वाणिज्य एवं उद्योग सचिव ने पिछले वर्ष 9 दिसंबर को नई दिल्ली में सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी, ताकि राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों और वाणिज्य विभाग एवं डीजीएफटी के प्रयासों में सामंजस्य स्थापित किया जा सके।

जिला निर्यात योजना में स्थानीय उद्योग जगत को आवश्यक सहयोग देना शामिल होगा, ताकि वह अपने विनिर्माण एवं निर्यात को बढ़ावा दे सके। इसके तहत उत्पादन से लेकर निर्यात के चरण तक उद्योग जगत को आवश्यक सहायता देने पर विशेष बल दिया जाएगा। भारत सरकार और संबंधित राज्य सरकार द्वारा निर्यातकों को दिए गए विभिन्न प्रोत्साहनों से संबंधित सूचनात्मक सामग्री को उद्योग जगत एवं अन्य संभावित निर्यातकों को मुहैया कराई जाएगी। जिला निर्यात योजना में जिला स्तर पर लॉजिस्टिक्स एवं अन्य बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाने की रणनीति तैयार करना, जिला स्तर पर क्रेता-विक्रेता बैठकों के तहत विदेशी खरीदारों को आमंत्रित करने के लिए वाणिज्य विभाग की बाजार पहुंच पहल (एमएआई) योजना का बेहतर उपयोग करना और जीएसटीएन एवं कस्टम्स आइसगेट सिस्टम सहित जिला स्तरीय जिंस एवं सेवा निर्यात के आंकड़ों को समुचित ढंग से इकट्ठा करना तथा राज्य सरकार द्वारा हर तिमाही में हर जिले के लिए जिला निर्यात संरचना को प्रकाशित करना भी शामिल होगा। डीजीएफटी के क्षेत्रीय प्राधिकरणों (आरए) को संबंधित बजटीय सहायता मुहैया कराई जाएगी, ताकि जिला स्तर पर पहुंच संभव हो सके और इसके साथ ही जिला निर्यात योजना तैयार की जा सके।

राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को विभिन्न जिलों का वार्षिक निर्यात रैंकिंग सूचकांक तैयार करने में आवश्यक सहायता दी जाएगी, ताकि प्रत्येक जिले की निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता के आधार पर उसकी रैंकिंग की जा सके।

कई राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने एक राज्य स्तरीय निर्यात संवर्धन समिति (एसएलईपीसी) के गठन को अधिसूचित कर दिया है। जिन राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने एसएलईपीसी के गठन को अधिसूचित किया है, उनमें दिल्ली, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात शामिल हैं।  

***

एस.शुक्‍ला/एएम/आरआरएस/एमएस-5705

 


(Release ID: 1602970) Visitor Counter : 154


Read this release in: English