महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
विश्वविद्यालयों में प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर पीठों की स्थापना
उच्च शिक्षा के लिए बालिकाओं और महिलाओं को प्रेरित करने की पहल
Posted On:
24 JAN 2020 5:16PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 10 पीठों का गठन करेगा, ताकि अनुसंधान गतिविधियों के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा सके। इस पहल को ‘विश्वविद्यालयों में पीठों की स्थापना’ का नाम दिया गया है। इसके तहत प्रशासन, कला, विज्ञान और सामाजिक सुधार में प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर पीठों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सहायता देगा। इस पहल से उच्च शिक्षा के लिए देश की बालिकाओं और महिलाओं को प्रेरित करने की योजना है।
यूजीसी द्वारा प्रस्तावित और मंत्रालय द्वारा स्वीकृत पीठों का विवरण इस प्रकार है-
क्र.सं.
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विषय
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पीठ का प्रस्तावित नाम
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1.
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प्रशासन
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देवी अहिल्याबाई होल्कर
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2.
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साहित्य
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महादेवी वर्मा
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3.
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स्वतंत्रता सेनानी (पूर्वोत्तर)
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रानी गायदिनल्यु
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4.
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औषधि एवं स्वास्थ्य
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आनंदीबाई गोपालराव जोशी
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5.
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मंच कला
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मदुरै षणमुखवादिव्यू सुब्बुलक्ष्मी
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6.
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वन/वन्यजीव संरक्षण
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अमृता देवी (बेनीवाल)
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7.
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गणित
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लीलावती
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8.
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विज्ञान
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कमला सोहोनी
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9.
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कविता एवं रहस्यवाद
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लल्ल-दय्द
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10.
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शैक्षिक सुधार
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हंसा मेहता
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प्रति पीठ के लिए प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये का वित्तीय प्रस्ताव किया गया है और सभी 10 पीठों की स्थापना के लिए हर वर्ष लगभग 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार आरम्भ में 5 वर्षों की अवधि के लिए पीठों की स्थापना की जाएगी।
पीठों की अकादमिक गतिविधियों में अनुसंधान को शामिल किया गया है, जिसके तहत अध्ययन के क्षेत्र में ज्ञान को बढ़ावा देना, जन-नीति बनाने में विश्वविद्यालय/अकादमिक संस्थानों की भूमिका को मजबूत करना और उच्च शिक्षा में अध्यापकों के लिए अल्पकालीन क्षमता निर्माण कार्यक्रम तैयार करना और चलाना शामिल है। इन सबको पीठ के अधीन विषय के रूप में रखा गया है। अन्य अकादमिक गतिविधियों में अंतर-विश्वविद्यालय/अंतर-महाविद्यालय स्तर पर स्नातकोत्तर तथा अनुसंधान के लिए संवाद, चर्चा बैठक, सेमीनार/ग्रीष्मकालीन व शरदकालीन स्कूली गतिविधियां, लेखों/अनुसंधान पत्रों/रिपोर्टों/पुस्तकों का प्रकाशन और विभागों या स्कूलों में शिक्षण तथा पीएचडी कार्यक्रमों में हिस्सेदारी शामिल की गई हैं।
विश्वविद्यालय वार्षिक स्तर पर पीठ की प्रगति की समीक्षा करेंगे और 5 वर्षों के बाद यूजीसी को पीठ की गतिविधियों तथा परिणाम के बारे में अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगे। बहरहाल, यूजीसी किसी भी स्तर पर पीठ को कायम रखने के विषय में उसकी समीक्षा कर सकता है।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एकेपी/एमएस-5454
(Release ID: 1600476)
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