वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

‘कारोबार में सुगमता’ के लिए बॉयलर प्रभाग ने सुधारों को लागू किया


बॉयलरों के निरीक्षण एवं प्रमाणन के लिए 172 सक्षम व्‍यक्तियों को योग्‍य करार दिया गया है

बॉयलर के दक्ष परिचालन पर एनपीसी ने नियमित रूप से कार्यशालाएं आयोजित कीं

Posted On: 26 DEC 2019 1:40PM by PIB Delhi

      उद्योग एवं आंतरिक व्‍यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्‍व–प्रमाणन एवं किसी अन्‍य पक्ष (थर्ड पार्टी) द्वारा निरीक्षण किये जाने के साथ-साथ राज्‍य सरकारों के कार्यालयों में बॉयलरों के प्रमाणन की अनुमति दे दी है। बॉयलर अधिनियम, 1923 की धारा 34(3) के तहत प्रतिरूप अधिसूचना उन्‍हें अग्रेषित कर दी गई है, ताकि बॉयलरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और इसके साथ ही कारोबार में सुगमता (ईओडीबी) बढ़ सके। इससे बड़े एवं लघु सेक्‍टर दोनों ही के अंतर्गत आने वाले उद्योगों का बड़ा दायरा जैसे कि विद्युत संयंत्र, रासायनिक संयंत्र, रिफाइनरियां, पेपर प्‍लांट, इस्‍पात मिलें, चीनी मिलें एवं अन्‍य प्रोसेस उद्योग लाभान्वित होंगे।

किसी अन्‍य पक्ष या थर्ड पार्टी द्वारा निरीक्षण किये जाने से संबंधित नियम-कायदे पहले ही बनाये जा चुके हैं। इससे बॉयलर अधिनियम के कार्यान्‍वयन के लिए सरल, अपेक्षाकृत अधिक सुगम एवं उपयोगकर्ता (यूजर) अनुकूल रूपरेखा संभव हो पाई है और इसके साथ ही बॉयलरों की सुरक्षा से कुछ भी समझौता किये बगैर ही निर्माताओं/उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित हुई है।

डीपीआईआईटी ने बॉयलरों के निरीक्षण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। उदाहरण के लिए, पूरे देश में काम करने के लिए केन्‍द्रीय बॉयलर बोर्ड (सीबीबी) ने 11 थर्ड पार्टी निरीक्षण प्राधिकरणों को मान्‍यता प्रदान की है, जिनमें बॉयलरों के मुख्‍य निरीक्षकों/निदेशक के अलावा कुछ ऐसे सक्षम व्‍यक्ति भी हैं, जो बॉयलरों एवं इसके कलपुर्जों के निरीक्षण का काम कर सकते हैं।

बॉयलर अधिनियम की धारा 8 के तहत व्‍यक्तिगत हैसियत से काम करने के लिए स्‍वतंत्र सक्षम व्‍यक्तियों को भी अधिकृत किया गया है, जो बॉयलरों का निरीक्षण कर सकेंगे।

बॉयलर अधिनियम/आईबीआर के तहत बॉयलरों के सरल पंजीकरण को भी कार्यान्वित किया गया है, जिनमें ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा के साथ-साथ समस्‍त मंजूरियों/अनुमोदन के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।

बॉयलरों के स्‍व-प्रमाणन को मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दमन एवं दीव, दादरा और नगर हवेली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, गोवा, झारखंड, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में कार्यान्वित किया गया है।

राष्‍ट्रीय उत्‍पादकता परिषद (एनपीसी) के जरिये डीपीआईआईटी द्वारा नियमित रूप से राष्‍ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्‍तर की बॉयलर कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, ताकि बॉयलरों के मालिकों को बॉयलरों की दक्षता बढ़ाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों से अवगत कराया जा सके और इसके साथ ही ऊर्जा संरक्षण के उपायों का प्रचार-प्रसार किया जा सके।

चालू वर्ष के दौरान 9 कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं तथा 4 अन्‍य कार्यशालाएं भविष्‍य में आयोजित की जाएगी। बॉयलरों के निरीक्षण का काम शुरू करने हेतु सक्षम व्‍यक्तियों (सीपी) को मान्‍यता प्रदान करने के लिए दिसम्‍बर, 2018 में एनपीसी के जरिये 5वीं परीक्षा आयोजित की गई थी। पास करने के प्रमाण-पत्र 61 अभ्‍यर्थियों को जारी किये गये। 5वीं परीक्षा के आधार पर बॉयलरों के निरीक्षण एवं प्रमाणन के लिए अब तक 172 सक्षम व्‍यक्तियों को योग्‍य करार दिया गया है। छठी परीक्षा फरवरी में कराने का प्रस्‍ताव है।

उल्‍लेखनीय है कि बॉयलर अधिनियम, 1923 पर अमल सुनिश्चित करने की जिम्‍मेदारी डीपीआईआईटी को सौंपी गई है।

बॉयलरों में विस्‍फोट के खतरे से जान-माल की रक्षा करने और देश भर में बॉयलरों के परिचालन एवं रखरखाव के दौरान पंजीकरण एवं निरीक्षण में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए बॉयलर अधिनियम वर्ष 1923 में बनाया गया था।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/जीआरएस-4973    

 


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