वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारतीय डिजाइन परिषद ने डिजाइन शिक्षा और मानकों को बढ़ावा देने के लिए दो पहल शुरू की


रचनात्मक विनिर्माण और डिजाइन नवाचार मेक इन इंडिया पहल के प्रमुख पहलू हैं

Posted On: 12 DEC 2019 5:04PM by PIB Delhi

भारतीय डिजाइन परिषद (आईडीसी) ने आज नई दिल्ली में चार्टर्ड डिजाइन्स ऑफ़ इंडिया (सीडीआई) और डिजाइन शिक्षा गुणवत्ता मार्क  (डीईक्यूएम)  की शुरूआत की।

आईडीसी और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद की ये दो पहलों स्तर, डिजाइन की गुणवत्ता, डिजाइन के लिए शिक्षा की गुणवत्ता, उद्योग में डिजाइन के लिए प्राथमिकता जुटाने, और सार्वजनिक उद्देश्य के लिए डिजाइन की पांच चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी।

भारत में डिजाइन शिक्षा की गति बढ़ने से डिजाइन परियोजनाओ की शुरूआत करने वालों और डिजाइनरों के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वे शौकिया तथा गैर-पेशेवरों और शिक्षित पेशेवरों के बीच अंतर करने में सक्षम हों। भारत एक उभरता हुआ डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र है इसके कारण रचनात्मक कौशल के रोजगार और सेवा क्षेत्र में पड़ने वाले प्रभाव का विकास हुआ है। रचनात्मक विनिर्माण और डिजाइन नवाचार 2020 की मेक इन इंडिया पहल के प्रमुख पहलू होंगे और इसके बाद भारत में डिजाइन किए गएब्रांड को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

भारतीय डिजाइन परिषद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्त निकाय है। यह बहु-विषयक डिजाइन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक निकाय है और मेक इन इंडिया को भारत को डिजाइन सक्षम देश बनाने के लिए बढ़ावा दे रही है। वर्ष 2007 में भारत राष्ट्रीय डिजाइन नीति बनाने वाला देश बन गया है। यह मार्च 2009 में भारत सरकार द्वारा आईडीसी की स्थापना के बारे में भारत सरकार की नीति को लागू करने में समर्थ रही है। आईडीसी को राष्ट्रीय डिजाइन नीति बनाने का अधिकार है और यह भारत में डिजाइन शिक्षा के मानकों को ऊंचा उठाने के कार्य के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह वैश्विक मानदंड़ों को पूरा कर सके। आईडीसी सरकारी एजेंसियों, डिजाइन समुदाय, उद्योग और शैक्षिक संस्थानों के साथ काम कर रही है ताकि व्यापार समुदाय और सार्वजनिक सेवा में डिजाइन को बढ़ावा दिया जा सके।

आज शुरू की गई दोनों पहलें डिजाइन के व्यवसाय में मदद करने के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने और पेशेवर मानकों को स्थापित करने में मदद करेंगी। डीईक्यूएम पूर्व निर्धारित मानकों पर डिजाइन शिक्षा कार्यक्रमों को निर्धारित करेगा और प्रकाशित मानकों के प्रावधानों को पूरा करने के लिए संस्थानों को डिजाइन शिक्षा गुणवत्ता मार्क प्रदान करेगा। गुणवत्ता मार्क से सभी को यह जानकारी मिलेगी की इस संस्थान में गुणवत्ता और मानको के न्यूनतम स्तरों की गारंटी है। इसके अलावा तीसरे पक्ष द्वारा तटस्थ समीक्षा प्रक्रिया भी मौजूद है। क्वालिटी मार्क से छात्रों को अपनी पसंद का उचित डिजाइन कार्यक्रम चुनने, डिजाइन संस्थान की स्थिति के बारे में संभावित नियोक्ताओं को समझाने तथा डिजाइन संस्थान द्वारा गुणवत्ता कोड के अनुपालन के बारे में समाज को जानकारी देने में मदद मिलेगी।

सीडीआई द्वारा शुरू की गई दूसरी पहल में ऐसे संस्थान की कल्पना की गई है जो भारत में डिजाइन प्रक्रिया के पेशवर मानकों को स्थापित करेगा। सीडीआई का फोकस डिजाइन, शिक्षा या अनुभव द्वारा पहचान किये गए पेशेवर डिजाइनर द्वारा होगा।गुणवत्ता संहिता की जरूरत महसूस की गई है क्योंकि भारत में डिजाइन योग्यता उपलब्ध कराने वाले संस्थानों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है इसलिए मार्गदर्शी ढांचे के सृजन की जरूरत है। यह डिजाइन पाठ्यक्रम तथा इसे लागू करने के लिए सामान्य विवेक/ दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है। ये दोनों पहलें आईडीसी के अध्यक्ष डॉ. नौशाद फारविस और एनआईडी, अहमदाबाद के निदेशक तथा आईडीसी से सदस्य सचिव प्रवीण नाहर और आईडीसी के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में शुरू की गई हैं।              

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आर.के.मीणा/आरएनएम/आईपीएस/सीएस-4727

 


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