नागरिक उड्डयन मंत्रालय
नागर विमानन मंत्रालय ने आरसीएस-उड़ान की बोली लगाने का चौथा दौर लॉन्च किया
पूर्वोत्तर क्षेत्र, पर्वतीय राज्यों, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा द्वीपों पर फोकस
Posted On:
03 DEC 2019 6:07PM by PIB Delhi
देश के दूरवर्ती तथा क्षेत्रीय स्थानों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) – उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) की तीन दौर की सफल बोली प्रक्रिया के बाद नागर विमानन मंत्रालय ने बोली का चौथा दौर लॉन्च किया है। इस दौर में फोकस पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा द्वीपों पर होगा। योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं :
वीजीएफ (कम पड़ रही राशि की व्यवस्था) सीमा में संशोधन – प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप तथा अंडमान तथा निकोबार में आरसीएस उड़ानों के परिचालन को बढ़ाने के लिए श्रेणी 2/3 (20 सीटों से अधिक) विमान के लिए वीजीएफ के प्रावधान को बढ़ाया गया है। श्रेणी 1/1ए (20 सीटों से कम) विमान के लिए लागू वीजीएफ के सीमा को भी संशोधित किया गया है ताकि योजना के अंतर्गत छोटे विमानों के परिचालन को प्रोत्साहित किया जा सके।
छोटे मार्गों को प्रोत्साहन - श्रेणी 2/3 विमान के संचालन के लिए 600 किलोमीटर लंबे मार्ग तक वीजीएफ के प्रावधान प्रतिबंधित होंगे। इससे अधिक की दूरी पर किसी तरह की मौद्रिक सहायता नहीं दी जाएगी। विभिन्न चरण की लंबाइयों के लिए वीजीएफ के प्रावधान की तालिका 500 किलोमीटर तक के लिए उपलब्ध होगी।
सुपरिभाषित प्राथमिकताकरण रूपरेखा – योजना के अंतर्गत एएआई द्वारा पहले से विकसित हवाई अड्डों के लिए वीजीएफ के ठेका देने में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद उन हवाई अड्डों को प्राथमिकता दी जाएगी जो उपरोक्त सूची में नहीं हैं लेकिन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में स्थित हैं। इसके बाद उन हवाई अड्डों को प्राथमिकता दी जाएगी जो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों से अलग हैं।
उड़ान संचालन की फ्रीक्वेंसी में बदलाव का लचीलापन – चुनिंदा विमान ऑपरेटरों (एसएओ) को दिए गए मार्ग पर उड़ान परिचालन की अवधि के दौरान उड़ान परिचालन की फ्रीक्वेंसी में बदलाव करने की अनुमति होगी, बशर्ते तकनीकी प्रस्ताव के भाग के रूप में कुल निश्चित उड़ान परिचालन प्रस्तुत किया गया हो, और एक वर्ष की अवधि के अंतर्गत इसका पालन किया जा रहा हो।
एनएसओपी लाइसेंस के अंतर्गत हेलिकॉप्टर तथा समुद्री विमान परिचालन को शामिल करना – इस दौर में हेलिकॉप्टर तथा समुद्री विमान के परिचालन की अनुमति दी जाएगी।
बोली की प्रक्रिया
एएआई बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए इच्छुक बोली लगाने वालों/एयरलाइन ऑपरेटरों को आमंत्रित करती है। बोली का दस्तावेज पोर्टल (https://www.aai.aero/en/rcsudan/rcs-udan-4.0) या वेबसाइट : https://www.mstcecommerce.com/eprochome/rcs/index.jsp. पर अपलोड किया गया है। बोली लगाने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए दस्तावेज पढ़ने और किसी तरह के स्पष्टीकरण के लिए 11/12/2019 तक का समय दिया गया है। पूरी बोली प्रक्रिया तालिका क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना – उड़ान संस्करण 4.0 के अंतर्गत चुनिंदा एयरलाइन ऑपरेटरों की चयन प्रक्रिया के लिए 5वें दौर की बोली प्रारंभ करने की नोटिस में की गई है। यह एएआई/एमएसटीसी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। जिसका लिंक ऊपर दिया गया है।
उड़ान 1, 2 तथा 3 की प्रगति
पिछले तीन वर्षों में नागर विमानन मंत्रालय ने योजना के अंतर्गत बोलियों के तीन दौर सफलतापूर्वक पूरा किया और 700 मार्गों का ठेका दिया।
आरसीएस उड़ान की प्रगति की तालिका नीचे दी गई है (31 अक्टूबर, 2019 तक) :
योजना
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वैध आरसीएस मार्ग/ दिया गया ठेका
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आरसीएस हवाई अड्डे (हेलिपोर्ट तथा वॉटर एरोड्रोम)
|
आरसीएस मार्ग परिचालित
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उड़ान-1
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56
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43 (31 में सेवा प्रारंभ नहीं, 12 में बहुत कम सेवा)
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54
|
उड़ान-2
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297
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30 हवाई अड्डे (25 में सेवा प्रारंभ नहीं, 5 में बहुत कम सेवा) + 31 हेलिपोर्ट
|
104
|
उड़ान-3
(3.1 सहित)
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335
|
33 हवाई अड्डे (20 में सेवा प्रारंभ नहीं, 3 में बहुत कम सेवा, 10 वॉटर एरोड्रोम)
|
74
|
उड़ान (कुल)
|
688
|
106 हवाई अड्डे + 31 हेलिपोर्ट
|
232
|
हवाई अड्डे विकसित करने और लंबित मार्गों के परिचालन के प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें से अनेक मार्ग 2019 के शीतकाल में चालू हो जायेंगे।
नागर विमानन मंत्रालय का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 1000 मार्गों तथा 100 हवाई अड्डों को चालू करने का है। यह लक्ष्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मार्ग चालू करने पर फोकस से प्राप्त किया जाएगा। एएआई भविष्य में कम महत्व के हवाई अड्डे को विकसित करने पर फोकस करेगा और ऐसे हवाई अड्डों से जुड़े मार्गों को वीजीएफ ठेका के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। बाजार को केवल छोटे मार्ग विकसित करने और नजदीकी हवाई अड्डों से कनेक्टिवीटी प्रदान करने के बारे में संवेदी बनाया जाएगा।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एजी/सीएस-4575
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