उप राष्ट्रपति सचिवालय

महिला-पुरुष में भेदभाव तत्काल समाप्त करने की जरूरत-उपराष्ट्रपति


महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने का आह्वान

उपराष्ट्रपति ने इंडियन वुमन प्रेस कोर के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया

मीडिया रिपोर्टिंग में तटस्थता, निष्पक्षता और सटीकता बरकरार रखे-उपराष्ट्रपति

मीडिया से ग्रामीण भारत पर ध्यान केन्द्रित करने का अनुरोध

Posted On: 28 NOV 2019 8:34PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेकैंया नायडु ने आज महिला-पुरुष में भेदभाव समाप्त करने और महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

इंडिया वुमन प्रेस कोर के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए श्री नायडु ने कहा कि सरकारों, मीडिया और सामाजिक संगठनों की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि महिलाओं को राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया में बराबर का साझेदार बनाया जाए।

मीडिया क्षेत्र में महिला-पुरुष भेदभाव और वेतन में अंतर से संबंधित विभिन्न खबरों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने समाचार संगठनों, भारतीय प्रेस परिषद, आईडब्ल्यूपीसी और राष्ट्रीय प्रसारक संघ जैसे संघों से सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने इन सभी से पत्रकारिता व्यवसाय में महिलाओं और पुरूषों से संबंधित असमानताओं को दूर करने के रास्ते तलाशने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।

श्री नायडु ने समाचारों, इंटरनेट और मैसेजिंग सेवाओं के माध्यम से फर्जी अथवा गढ़ी हुई कहानियों के जनता तक पहुंचने संबंधी बुराई का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया की कि केवल सही सूचना देना ही मीडिया का दायित्व नहीं है, बल्कि जनता को उसके अधिकारों और साथ ही साथ उत्तरदायित्वों के बारे में शिक्षित करना भी मीडिया की ही जिम्मेदारी है।  

उपराष्ट्रपति ने मीडिया से अनुरोध किया कि वह समाचारों में अपने विचार शामिल न करें और पाठकों एवं दर्शकों तक सूचना पहुंचाते समय गेटकीपर की भूमिका अपनाए बिना तटस्थता, निष्पक्षता और सटीकता बरकरार रखें।

उपराष्ट्रपति ने फर्जी समाचार, दुष्प्रचार और पेड न्यूज की बुराई से निपटने के लिए भारतीय प्रेस परिषद, एनबीए से एक व्यवस्था बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया।

पत्रकारों को परिवर्तन के मुख्य स्रोत और मीडिया को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम करार देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया व्यवसायियों को अपनी आलोचनाओं, सुझावों और लेखन के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने क्षेत्रीय और भाषायी मीडिया संगठनों से भारतीय भाषाओं, संस्कृति और विभिन्न राज्यों तथा क्षेत्रों की विविध परंपराओं को समाचारों सहित विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ावा देने का अनुरोध किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया को किसानों, महिलाओं, युवाओं, उद्यमियों और ग्रामीण भारत से संबंधित मामलों पर विशेष रूप से बल देना चाहिए।

इस अवसर पर श्री नायडु ने इंडियन वुमन प्रेस कोर की स्मारिका का भी विमोचन किया। 

इस अवसर पर इंडियन वुमन प्रेस कोर की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति मल्होत्रा, इंडियन वुमन प्रेस कोर की महासचिव सुश्री विनिता पांडेय और विभिन्न संगठनों से जुड़े प्रमुख पत्रकार मौजूद थे।

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आर.के.मीणा/आरएनमीणा/एएम/आरके/डीएस-4522  



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