वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
जापान पेटेंट कार्यालय के साथ हस्ताक्षरित पेटेंट अभियोजन पर पायलट कार्यक्रम भारतीय अन्वेषकों को शीघ्र पेटेंट अनुदान की सुविधा प्रदान करेगा
Posted On:
21 NOV 2019 4:34PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 नवंबर, 2019 को द्विपक्षीय पेटेंट अभियोजन हाइवे (पीपीएच) कार्यक्रम को भारतीय पेटेंट कार्यालय, जो भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले महानियंत्रक एकस्व. अभिकल्प एवं व्यापार चिह्न (सीजीपीडीटीएम), एवं अन्य इच्छुक देशों / क्षेत्रों के पेटेंट कार्यालयों के बीच प्रस्ताव को मंजूरी दी।
पहली बार, भारतीय पेटेंट कार्यालय जापान पेटेंट कार्यालय (जेपीओ) के साथ पीपीएच स्तर पर एक पायलट कार्यक्रम की शुरूआत कर रहा है। महानियंत्रक एकस्व. अभिकल्प एवं व्यापार चिह्न (सीजीपीडीटीएम), भारत सरकार और कमिश्नर जापान पेटेंट कार्यालय के आज नई दिल्ली में डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र, सचिव, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की उपस्थिति में पायलट आधार पर द्विपक्षीय पेटेंट अभियोजन राजमार्ग (पीपीएच) कार्यक्रम के लिए संयुक्त वक्तव्य (जेएसओआई) पर हस्ताक्षर किए।
यह कार्यक्रम शुरू में तीन वर्ष की अवधि के लिए पायलट आधार पर जेपीओ और भारतीय पेटेंट कार्यालय के बीच शुरू होगा। इस पायलट कार्यक्रम के तहत, भारतीय पेटेंट कार्यालय को केवल कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, भौतिकी, सिविल, यांत्रिकी, वस्त्र, ऑटोमोबाइल और धातु विज्ञान कुछ निर्दिष्ट तकनीकी क्षेत्रों में पेटेंट आवेदन प्राप्त हो सकते हैं। जापान पेटेंट कार्यालय प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में आवेदन प्राप्त कर सकता है।
पेटेंट अभियोजन हाइवे से पेटेंट आवेदन के निपटान समय और विचाराधीनता में कमी, जारी की गई पेटेंट की गुणवत्ता में निरंतरता और एमएसएमई तथा भारत के स्टार्ट-अप सहित भारतीय अन्वेषकों के लिए जापान में अपने पेटेंट आवेदनों की त्वरित जांच के लिए एक अवसर प्रदान करेगा।
वर्ष 2014-15 में, लगभग 6000 पेटेंट प्रदान किए गए थे और लगभग 15,000 पेटेंट आवेदनों का निपटान भी किया गया था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 15,000 से अधिक हो गया है और पेटेंट आवेदनों का निपटान भी 51000 के करीब पहुंच गया, एवं वर्ष 2018-19 में यह लगभग 25,000 तथा 60,000 पहुंचने की संभावना है।
वर्ष 2014-15 में एक पेटेंट आवेदन की जांच का समय जो लगभग 72 महीने था, वर्तमान में कम होकर 36 महीने हो गया है और मार्च 2021 तक इसे घटाकर 12-16 महीने करने का लक्ष्य रखा गया है। पेटेंट का सबसे तेज अनुदान जांच अनुरोध के 67 दिनों में हुआ है।
भारत में पेटेंट सुरक्षा की मांग करने वाले जापानी अन्वेषकों अब पीपीएच पर पायलट कार्यक्रम के तहत भारत में शीघ्र जांच का लाभ उठा सकेंगे। भारत में पेटेंट के तेजी से अनुदान के परिणामस्वरूप कंपनियों द्वारा अधिक निवेश होगा और साथ ही नई तकनीकों की शुरूआत होगी जिससे भारत में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह जापान में पेटेंट कराने में भारतीय स्टार्टअप की भी मदद करेगा।
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आर.के.मीणा/एएम/पीकेपी
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