स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

'हम पल्स पोलियो कार्यक्रम की रजत जयंती मना रहे हैं और अब एक नए सपने का संजोने का समय आ गया है कि एक भी बच्चे या गर्भवती महिला को टीके से रोकथाम होने वाली बीमारियों (वीपीडी) से न मरने दें।' : डॉ. हर्षवर्धन


पल्स पोलियो कार्यक्रम की रजत जयंती मनाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गहन मिशन इंद्रधनुश (आईएमआई) 2.0 पोर्टल को लॉन्‍च किया गया

Posted On: 31 OCT 2019 7:41PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा, 'हम पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं और उसकी रजत जयंती मना रहे हैं। ऐसे में अब समय आ गया है कि हम 100% पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखें और यह सुनिश्चित करें कि एक भी बच्चा या गर्भवती महिला टीके से रोकथाम होने वाली बीमारियों (वीपीडी) से न मरे।' 2 अक्टूबर, 2019 को दिल्ली में पहले पल्स पोलियो अभियान का 25 वर्षों पूरा हो गया। बाद में भारत सरकार द्वारा पूरे देश में पल्स पोलियो अभियान का विस्‍तार किया गया और उसे लागू किया गया। साल 2014 में भारत को पोलियो-मुक्त देश का दर्जा दिलाने में पोलियो सप्लीमेंटरी इम्यूनाइजेशन एक्टिविटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस उपलब्धि को डब्ल्यूएचओ ने 'सार्वजनिक स्वास्थ्य में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक' करार दिया था और न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र को पोलियो मुक्त घोषित किया जा रहा है।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने डॉ. हर्षवर्धन को बधाई दी और उन्हें पोलियो कार्यक्रम का मुख्य वास्तुकार बताया। उन्‍होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल एवं सराहनीय इस कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की सराहना की। श्री नड्डा ने कहा, 'चूंकि स्वास्थ्य प्रणालियां मजबूत हैं और देश की निगरानी व्‍यवस्‍था काफी दमदार है इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि डॉ. हर्षवर्धन और उनका मंत्रालय पूर्ण टीकाकरण कवरेज लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों (पीएचसी) को स्‍वास्‍थ्‍य एवं जागरूकता केंद्रों (एचडब्‍ल्‍यूसी) के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है जो यह सुनिश्चित करेगा कि अगले 20 वर्षों में देश में बीमारी का बोझ निश्चित रूप से कम होगा। मैं गहन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने डॉ. हर्षवर्धन को 'पोलियो सेनापति' बताते हुए और उनकी पूरी टीम एवं अन्य हितधारकों को देश को पोलियो मुक्‍त बनाने में उनके जबरदस्त योगदान के लिए बधाई दी। श्री नड्डा ने स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनके काम और प्रयास तत्काल परिणाम नहीं दिखाते हैं, लेकिन यह दो बूंद और टीकाकरण का अभियान लंबे समय में एक दमदार एवं स्वस्थ नागरिक का निर्माण करता है। उन्‍होंने कहा कि इसलिए उन्हें समान उत्साह के साथ काम करना जारी रखना चाहिए ताकि 2022 तक नए एवं स्वस्थ भारत के माननीय प्रधानमंत्री के सपने को पूरा किया जा सके।

डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक गहन टीकाकरण मिशन (आईएमआई) 2.0 के तहत पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई पहल के बारे में बताया। उन्‍होंने कहा कि इसमें शामिल होने और इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कई मंत्रालय आगे आ रहे हैं। इस कार्यक्रम में लॉन्च किए गए आईएमआई 2.0 पोर्टल को ब्लॉक स्‍तर पर बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की जानकारी हासिल करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि आईएमआई पहल के दौरान टीकाकरण किया जा सके और इन गतिविधियों के दौरान आंकड़े भी जुटाए जा सके। आंकड़ों को जिला स्तर पर दर्ज किया जाएगा। इससे कार्यक्रम अधिकारियों और प्रशासकों को ब्लॉक, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अभियान की प्रगति के बारे में वास्तविक समय पर जानकारी रखने और किसी विशेष क्षेत्र में धीमी प्रगति पर समय पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

डॉ. हर्षवर्धन ने पल्स पोलियो अभियान की अब तक की 25 साल की इस यात्रा को याद करते हुए पल्स पोलियो कार्यक्रम के सभी भागीदारों और हितधारकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'मैं इस मिशन को प्रोत्‍साहित करने के लिए हाथ मिलाने वाले समुदायों और धार्मिक नेताओं के प्रयासों की सराहना करता हूं। मैं देश के युवाओं, मशहूर हस्तियों और खिलाड़ियों द्वारा किए गए प्रयासों से खुश हूं जिन्होंने इस अभियान को खड़ा करने में सहयोग किया। मैं हमारे देश के आढ़तियों, हमारे आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यू) को सलाम करता हूं जिन्होंने सभी दरवाजे खटखटाए। मैं हमारी राज्य सरकारों, नागरिक समाज संगठनों, आईएमए, आईएपी जैसे पेशेवर निकायों, डब्ल्यूएचओ, रोटरी इंटरनेशनल और यूनिसेफ जैसे भागीदारों और खासतौर पर हमारे देश के नागरिकों के समर्थन, जबरदस्‍त प्रतिबद्धता और उत्साह की सराहना करता हूं।'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में जिस स्‍तर की प्रतिबद्धता, जवाबदेही और स्वामित्व दिखा वह अभूतपूर्व था और वैसा दुनिया में कहीं और नहीं देखा गया है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हम पोलियो पर नजर रख रहे हैं और सरकार ने टीकाकरण के लाभ को बनाए रखने की दिशा में एक नाटकीय दृष्टिकोण पर जोर दिया है जो हमारे देश के लिए एक स्वस्थ एवं समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि पोलियो अभियान से मिली सीख और हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के संरक्षण ने मिशन इन्द्रधनुष का दायरा बढ़ाने और इसे एक गहन अभियान रूप में चलाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'हमारे दूरदर्शी नेता श्री नरेन्‍द्र मोदी जी का एक स्वस्थ एवं दमदार भारत का सपना है। हमारा कर्तव्य है कि हम इस सपने को साकार करें और यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बच्चे को टीका लगाया जाए और वह एक स्वस्थ नागरिक के रूप में विकसित हो।' हर्षवर्धन ने सभी राज्यों, स्वयंसेवकों, भागीदारों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों को एक बार फिर से आगे आने और वीपीडी से हर बच्चे को बचाने के लिए उसी तरह हाथ मिलाने का आह्वान किया जैसा उन्होंने भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए किया था।

वर्ष 1988 में विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्‍ल्‍यूएचए) ने वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (जीपीईआई) की शुरुआत के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। दिल्ली सरकार ने 1994 में दूसरे देशों में सफल अभियानों के साक्ष्यों के आधार पर ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) के साथ बड़े पैमाने पर पूरक टीकाकरण अभियान शुरू किया। उसी दौरान 'पल्स पोलियो' टीकाकरण अभियान का जन्म हुआ। उसके बाद 'दो बूंद जिंदगी की' टैगलाइन आई। 2 अक्टूबर 1994 को महात्मा गांधी की जयंती पर दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली में पहला पल्स पोलियो अभियान शुरू किया था।

दिल्ली में इस अभियान के तहत तीन साल तक की उम्र के लगभग 1.2 मिलियन बच्चों तक पहुंच बनाई गई और उन्‍हें 2 अक्टूबर, 1994 और 4 दिसंबर, 1994 को विशेष बूथ-आधारित रणनीति के तहत ओपीवी की दो खुराकें दी गईं। बाद में इस रणनीति को भारत सरकार ने पल्स पोलियो अभियान के रूप में अपनाया और उसे आगे बढ़ाया। पोलियो उन्मूलन अभियान ने सरकार, अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों, नागरिक समाज संगठनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और देश भर के लाखों स्वयंसेवकों को साथ लाया। उनकी निष्‍ठा के बल पर भारत ने शुरू में असंभव लगने वाली बाधाओं को दूर किया और इस भयावह बीमारी के प्रसार को रोक दिया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत में पोलियो उन्‍मूलन की यात्रा पर केंद्रित वीडिया 'बिगनिंग ऑफ पोलियो जर्नी' के साथ शुरू हुई जिसमें पहले अभियान के कार्यान्वयन से संबंधित दस्‍तावेज दिखाए गए। इसके बाद पल्स पोलियो अभियान स्टालवार्ट्स (डब्ल्यूएचओ, रोटरी इंटरनेशनल, यूनिसेफ) के साथ पैनल चर्चा की गई जिसमें पोलियो अभियान से मिली सीख का उपयोग करते हुए टीकाकरण को मजबूत बनाने के बारे में बताया गया। इसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस प्रतिज्ञा का आयोजन किया गया।

प्रतिज्ञा के बाद क्षेत्रीय संयोजक (पल्स पोलियो) द्वारा पल्स पोलियो कार्यक्रम से संबंधित क्षेत्र के अनुभवों को साझा करने और एडब्ल्यूडब्ल्यू पर एक सत्र आयोजित किया गया। भारत में पोलियो उन्‍मूलन की यात्रा, प्रमुख हस्तक्षेपों, उपलब्धियों एवं पड़ावों, समुदाय के नेताओं के योगदान, मिशन इन्द्रधनुष के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की उपलब्धियों का सारांश दिखाने के लिए 'जर्नी ऑफ पोलियो एंड मिशन इन्द्रधनुष' पर एक फिल्म के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। डब्‍ल्‍यूएचओ- एसईएआरओ के क्षेत्रीय निदेशक, यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक और रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष के संबोधन के अलावा इस आयोजन में दो दिशानिर्देश- 'हर बच्चे तक पहुंचने के लिए टीकाकरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाना' और 'टीडी10 और टीडी16 के टीकाकरण को मजबूती देने के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश' भी जारी किए। डॉ. हर्षवर्धन द्वारा 'टीकाकरण प्रतिज्ञा' के साथ ही इस कार्यक्रम का समापन हुआ।

इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल श्री देवेंद्र कुमार जोशी, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सूदन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, डब्लूएचओ-सोरो की क्षेत्रीय निदेशक सुश्री पूनम खेतरपाल सिंह, यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक सुश्री हेनरिता फोर, पल्स पोलियो कार्यक्रम का समर्थन करने वाले सांसदों एवं विधायकों और रोटरी इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट पार्टनर्स के प्रतिनिधि डॉ सुनील बहल, डॉ जॉन रोड्स, डॉ राजेंद्र साबू, डॉ जॉन एंड्रस, डॉ एसके मित्तल मौजूद थे।

 

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आरके मीणा/एएम/एसकेसी



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