विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

5वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में बनेंगे चार गिनीज विश्व रिकॉर्ड

Posted On: 02 NOV 2019 7:51PM by PIB Delhi

कोलकाता में मंगलवार 5 नवंबर, 2019 से शुरू हो रहे 5वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के दौरान कम से कम चार गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

चार दिवसीय महोत्सव के पहले दिन 1,750 से ज्यादा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ सबसे बड़ा खगोल भौतिकी की शिक्षा और स्पेक्ट्रोस्कोप्स की सभा होगी। खगोलविद हमसे सैकड़ों या लाखों वर्ष दूर स्थित खगोल पिंडों के तापमान, रसायन संयोजन आदि के बारे में जानने के लिए स्पेक्ट्रोस्कोप्स का इस्तेमाल किया जाता है। कार्डबोर्ड से बने छोटे से बॉक्स के इस्तेमाल से उन्नत स्पेक्ट्रोस्कोप्स का एक छोटा मॉडल बनाया जाता है, जिसमें स्पेक्ट्रोस्कोप में चैनल लाइट के इस्तेमाल से छोटी सी खिड़की बनाई जाती है। विवर्तन की प्रक्रिया के द्वारा प्रकाश के विभाजन के लिए कॉम्पैक्ट डिस्क के एक टुकड़े का उपयोग किया जाता है। यह प्रयास जाने-माने वैज्ञानिकों मेघनाद साहा और सी. वी. रमन को समर्पित है।

एक ही स्थान पर सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक शिक्षा और ऑप्टिकल मीडिया संचार इकाइयों की सभा में अगले दिन 950 से ज्यादा विद्यार्थियों की भागीदारी का प्रयास किया जाएगा। इन्फ्रारेड संकेतों के माध्यम से स्थापित संचार लिंक की स्थापना की कोशिश की जाएगी। यह प्रयास चंद्रशेखर वेंकटरमन और सत्येंद्र नाथ बोस को समर्पित है।

7 नवंबर, 2019 को रेडियो किट्स के साथ सबसे ज्यादा लोगों की सभा करने का प्रयास किया जाएगा, जिसमें 400 से ज्यादा विद्यार्थी भागीदारी करेंगे। अन्य विद्युत चुम्बकीय तरंगों की तरह रेडियो तरंगें अंतरिक्ष में प्रकाश की गति से यात्रा करती हैं। वे अलग-अलग समय पर विद्युत धाराओं की तरह त्वरण से विद्युत आवेशों को गुजारकर पैदा की जाती हैं। रेडियो तरंगें ट्रांसमीटर्स द्वारा कृत्रिम रूप से पैदा की जाती हैं और एंटीना के इस्तेमाल से रेडियो रिसीवर्स द्वारा ग्रहण की जाती हैं। यह प्रयास जगदीश चंद्र बोस को समर्पित हैं।

अंतिम दिन 8 नवंबर, 2019 को 400 से ज्यादा विद्यार्थियों की भागीदारी से मानव क्रोमोसोम की एक सबसे बड़ी मानव छवि तैयार करने की कोशिश की जाएगी। हर कोशिका के केंद्र में डीएनए के कण क्रोमोसोम की रेशे जैसी संरचनाओं में गुंथे होते हैं। हर क्रोमोसोम हिस्टोन के नाम से पुकारे जाने वाले प्रोटीन से बंधा होता है, जिससे ढांचे को सहारा मिलता है। इसके माध्यम से युवा मस्तिष्क में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की दुनिया में नई खोज शुरू करने की भावना जागृत किए जाने का प्रयास किया जाएगा।

5वें आईआईएसएफ-2019 के मेजबान शहर में कई जाने-माने वैज्ञानिक संस्थान हैं, जो कई अग्रणी वैज्ञानिकों का कार्यस्थल रहे हैं और जिन्होंने भारत में विज्ञान जगत को नया आकार दिया है। आईआईएसएफ दुनिया का सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव है। इस साल महोत्सव का विषय राइजन इंडिया- शोध, नवाचार और राष्ट्र में विज्ञान का सशक्तिकरण है।

वर्ष 2015 में शुरुआत के बाद से आईआईएसएफ 2019 उसका पांचवां संस्करण है। पहला और दूसरा आईआईएसएफ नई दिल्ली में, तीसरा चेन्नई और चौथा आईआईएसएफ लखनऊ में हुआ था, जिसमें विदेशी प्रतिनिधिमंडलों सहित लगभग 10 लाख लोग पहुंचे थे।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधित मंत्रालयों और भारत सरकार के विभागों व विज्ञान भारती (विभा) द्वारा आयोजित भारत की वैज्ञानिक और तकनीक उपलब्धियों पर भारत और विदेश के विद्यार्थियों, अन्वेषकों, शिल्पकारों, किसानों, वैज्ञानिकों और तकनीक विशेषज्ञों मनाया जाने वाला एक वार्षिक महोत्सव है।

आआईएसएफ-2019 में भारत और विदेश के लगभग 12,000 भागीदारों के शामिल होने का अनुमान है। इसमें 28 अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

 

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