रेल मंत्रालय
भारतीय रेल की समय पाबंदी में 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में सुधार दर्ज किया गया
2018-19 में 67.05 प्रतिशत के मुकाबले मेल/एक्सप्रेस ट्रेन की समय पाबंदी 2019-20 में 74.21 प्रतिशत हुई
2018-19 में 66.58 प्रतिशत के मुकाबले पैसेंजर ट्रेन की समय पाबंदी 2019-20 में 70.54 प्रतिशत हुई
प्रविष्टि तिथि:
23 OCT 2019 4:54PM by PIB Delhi
भारतीय रेल गाड़ियों की समय पाबंदी में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। इन प्रयासों के तहत 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में समय पाबंदी में बहुत सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में अप्रैल से सितंबर की अवधि में औसत समय पाबंदी सुधर कर 74.21 प्रतिशत हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अप्रैल से सितंबर की अवधि में यह 67.05 प्रतिशत थी।
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान पैसेंजर ट्रेनों में अप्रैल से सितंबर की अवधि में औसत समय पाबंदी सुधर कर 70.54 प्रतिशत हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अप्रैल से सितंबर की अवधि में यह 66.58 प्रतिशत थी।
वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान मासिक आधार पर भारतीय रेल की समय पाबंदी का विवरण इस प्रकार है-
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2018-19 और 2019-20 के दौरान भारतीय रेल की समय पाबंदी का समय प्रतिशत
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महीना
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मेल/एक्सप्रेस
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पैसेंजर
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2018-19
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2019-20
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2018-19
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2019-20
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अप्रैल
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60.52
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72.13
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65.21
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68.87
|
|
मई
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59.95
|
68.78
|
64.86
|
67.33
|
|
जून
|
65.23
|
70.83
|
65.68
|
67.26
|
|
जुलाई
|
70.12
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74.10
|
66.96
|
69.58
|
|
अगस्त
|
72.66
|
78.20
|
67.83
|
74.44
|
|
सितंबर
|
73.52
|
81.42
|
68.97
|
75.77
|
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कुल प्रतिशत
|
67.05
|
74.21
|
66.58
|
70.54
|
समय पाबंदी में सुधार के लिए रेलवे ने अनेक कदम उठाए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
i. डिविजनल, जोनल और रेलवे बोर्ड के स्तर पर कड़ी निगरानी।
ii. योजनाबद्ध तरीके से अवसंरचना संबंधी अड़चनों को दूर करना।
iii. इंटीग्रेटेड मेगा ब्लॉक्स की योजना इस तरह बनाई गई है कि रखरखाव के सभी विभाग अपना-अपना काम एक साथ कर सकें।
iv. डीजल के इंजन को बिजली वाले इंजन से बदलने के क्रम में होने वाली देरी को समाप्त करने के लिए डीजल इंजन से चलने वाली कुछ गाड़ियों को शुरू होने वाले स्थान से गंतव्य तक चलाना।
v. मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) के पारम्परिक डिब्बों को एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) डिब्बों में बदलना।
vi. समान गति वाली गाड़ियों को एक समूह में लाने के लिए समय-सारणी को तर्कसंगत बनाना।
vii. प्रमुख टर्मिनलों पर ठहराव समय में कमी करना।
viii. समर्पित माल गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण।
ix. जलापूर्ति करने वाले स्टेशनों पर विलम्ब को कम करने के लिए वहां उच्च क्षमता वाले वॉटर पम्प लगाना।
x. इंजन की दिशा बदलने की गतिविधि को समाप्त करने के लिए बाई-पास स्टेशनों का प्रावधान।
xi. समय पाबंदी को सटीक बनाने के लिए गाड़ियों के आगमन और प्रस्थान का समय डाटा-लॉगर के जरिए स्वतः दर्ज हो जाता है। समय पाबंदी को प्रोत्साहन देने के लिए उच्च स्तर पर “रेल दृष्टि” नामक डैशबोर्ड के जरिए निगरानी की जाती है।
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आरकेमीणा/आरएनएम/एएम/एकेपी/एमएस-3754
(रिलीज़ आईडी: 1588932)
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