कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

प्रधानमंत्री किसान योजना ने देश के किसानों को मान्यता और विश्वास प्रदान किया हैः कृषि सचिव


तीसरे भारत कृषि आउटलुक फोरम 2019 की बैठक प्रारंभ

Posted On: 26 SEP 2019 6:32PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री किसान योजना ने देश के प्रत्येक किसान को न केवल आय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, बल्कि प्रत्येक किसान को विश्वास प्रदान किया है।

आज नई दिल्ली में तीसरे भारत कृषि आउटलुक फोरम 2019 की बैठक को संबोधित करते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना में 85 मिलियन किसानों ने पंजीकरण कराया है और पहली किस्त में ही लगभग 65 मिलियन किसानों को 3.5 बिलियन डॉलर की राशि अंतरित की गई है। आय सहायता योजना ने किसानों की मदद की है, क्योंकि प्रारंभिक किस्त में लगभग 1.1 मिलियन किसानों के खाते में पांच सौ रुपये से कम की राशि थी और प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से जमा कराई गई 2000 रुपये की राशि की पहले दिन ही निकासी की गई। बैठक में आए विश्व संगठनों और विदेशी प्रतिनिधियों को योजना की जानकारी देते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और यह सौ प्रतिशत केन्द्र प्रायोजित योजना है। इसके तहत छोटे और मझौले किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये का आय समर्थन दिया जा रहा है।

दो दिन की इस बैठक में विभिन्न विषयों की चर्चा करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में आरटीफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि डाटा लक्षित विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रमुख योजनाओं के लिए किसानों की पंजीकरण प्रक्रिया जोतों के ब्यौरों के डिजिटिकरण, बीमा डाटा, मृदा स्वास्थ का डाटा, केसीसी सूचना डाटा का मिलान किया जा रहा है। इसका उपयोग किसानों और उनकी उपज की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईबीएम के वॉटसन डिसिजन प्लेटफॉर्म के साथ सहयोग से मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के चार जिलों में एक पायलट परियोजना प्रारंभ की गई है, ताकि किसानों को मौसम की जानकारी, मिट्टी की नमी के बारे में सूचना प्रदान करके किसानों को जल और फसल प्रबंधन के बारे में निर्णय लेने में मदद की जा सके।

कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ठोस प्रयासों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा की समस्या का समाधान किया गया है और पिछले तीन-चार वर्षों में विभिन्न कदमों के माध्यम से दालों की कमी दूर की गई है। किसानों को सही समय पर सही सूचना देकर यह लक्ष्य प्राप्त किए गए हैं। 2018-19 में उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। सरकार ने पौष्टिकता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से दालों का वितरण किया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दूर-संवेदी चित्रों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दावों के निपटान में समय के अंतराल को कम करने के लिए मॉडलिंग उपकरण जैसे टेक्नोलॉजी के उपयोग की परिकल्पना की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वार्षिक रूप से 3.5 बिलियन डॉलर की है और इसके अंतर्गत 20 मिलियन किसान कवर किए गए हैं। जल प्रबंधन के बारे में श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री ने चार हजार अधिकारियों को जिलों और गांव स्तर पर पहुंचने और जल संरक्षण तथा जल प्रबंधन तकनीकों के महत्व के बारे में नागरिकों को जागरूक बनाने का कार्य सौंपा है।

कृषि बाजार सुधारों पर मंत्रालय की फोकस की चर्चा करते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि आदर्श एपीएलएम अधिनियम के माध्यम से बड़ी संख्या में सुधार किए गए हैं। इनमें निजी मंडियां बनाना शामिल हैं। साथ-साथ भंडारण घर भी बनाए जा सकते हैं। ई-नैम की स्थापना की गई है, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित हुआ है। तमिलनाडु राज्य देश का पहला राज्य है, जिसने संविदा कृषि अधिनियम अपनाया है। इससे पहले पंजाब ने इस अधिनियम को अपनाया था।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि सार्थक परिवर्तनों के लिए देश में माहौल अनुकूल है, क्योंकि वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं द्वारा की गई सिफारिशों पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है और उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर का उचित तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र काफी अधिक वाणिज्यीकरण की स्थिति में पहुंच गया है। इसलिए एक परिदृश्य व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान किया जा सके और सही रणनीति तय की जा सके।

********

आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजी/एमएस3259



(Release ID: 1586347) Visitor Counter : 487


Read this release in: English