वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने व्यापार बोर्ड की बैठक को संबोधित किया
भारत के निर्यात का दायरा विश्व भर में बढ़ाने का यही सही समय है : श्री पीयूष गोयल
हर जिले को एक निर्यात हब में तब्दील करना है : वाणिज्य मंत्री
लीड्स इंडेक्स 2019 जारी; ‘लॉजिस्टिक्स इंडेक्स’ में गुजरात शीर्ष पर
Posted On:
12 SEP 2019 2:41PM by PIB Delhi
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी तथा श्री सोम प्रकाश ने आज नई दिल्ली में व्यापार बोर्ड की दूसरी बैठक को संबोधित किया।
व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद का विलय व्यापार बोर्ड में कर दिया गया है और दोनों ही निकायों के प्रतिनिधियों ने आज की संवादात्मक बैठक में भाग लिया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के प्रत्येक जिले में अपने विशिष्ट हस्तशिल्प और अनूठी विशेषताओं जैसे कि साड़ी, इत्र, मिष्ठान और बर्तन के बल पर एक देश के बराबर क्षमता है, जिनमें निर्यात की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक जिले को एक निर्यात हब में तब्दील करने की जरूरत है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने राज्यों के अपने सहयोगियों से इस उद्देश्य को अपनी निर्यात रणनीति में शामिल कर आवश्यक उपाय करते हुए इसे साकार करने का अनुरोध किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि बैंकों का विलय हो जाने से वे अब ज्यादा ऋण देने, ज्यादा जोखिम उठाने और बाजार से संसाधन जुटाने में समर्थ हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 70,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे और 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी एवं तरलता (लिक्विडिटी) से कंपनियां, छोटे कर्जदार, एमएसएमई, छोटे व्यापारी और निर्यातक लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई के सभी लंबित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) रिफंड 30 दिन के भीतर बाकायदा हो जाएंगे। इसी तरह बेहतर ‘एकमुश्त निपटान नीति’ से एमएसएमई और छोटे कर्जदारों को अपनी बकाया रकम की अदायगी में सुविधा होगी।
श्री पीयूष गोयल ने अपने आरंभिक संबोधन में उन पहलों का उल्लेख किया जो निर्यातकों के साथ परस्पर संवाद का डिजिटलीकरण करने के उद्देश्य से की गई हैं। आयातक-निर्यातक कोड को इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में जारी करना, कागज रहित एमईआईएस, कागज रहित अग्रिम एवं ईपीसीजी को अधिकृत करना और निर्यातकों के लिए ऑनलाइन आरसीएमसी इनमें शामिल हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के क्षेत्रीय कार्यालयों के पुनर्गठन से मानव संसाधन का बेहतर उपयोग संभव हो पाया है।
श्री गोयल ने कहा कि वैसे तो भारत से कुल निर्यात वर्ष 2018-19 में आधे ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर 537 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, लेकिन वस्तुओं का निर्यात अब तक का सर्वाधिक 331 अरब अमेरिकी डॉलर और सेवा निर्यात रिकॉर्ड 205 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया है। यही नहीं, भारत को अगले 5 वर्षों में अपने निर्यात को बढ़ाकर 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें घरेलू उत्पादन बढ़ाने तथा अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता को बेहतर करने की जरूरत है।
इसके साथ ही केन्द्र एवं राज्य सरकारों को ‘कारोबार में और अधिक सुगमता’ सुनिश्चित करने, लॉजिस्टिक्स लागत घटाने और नियामकीय प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए आपस में मिलकर कई उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत वर्ष 2014 के 142वें पायदान से ऊपर चढ़कर वर्ष 2018 में 77वें पायदान पर पहुंच गया। इसी तरह सीमा पार व्यापार में भारत की रैंकिंग 122वीं से सुधर कर 80वीं हो गई है। हालांकि, भारत को शीर्ष 50 देशों में शुमार होना है और इसके लिए देश भर में ‘कारोबार में और अधिक सुगमता’ सुनिश्चित करना है। श्री गोयल ने इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यों को इसमें अहम भूमिका निभानी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने घोषणा की कि मंत्रालय जल्द ही मौजूदा 60 प्रतिशत के बजाय 90 प्रतिशत तक के विस्तारित बीमा कवर के साथ निर्यातकों के लिए एक ऋण योजना पेश करेगा।
श्री गोयल ने कहा कि इस वर्ष निर्यात में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है और यह संतोषजनक नहीं है, क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद के कारण भारत से निर्यात बढ़ाने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद के कारण भारतीय निर्माताओं को अमेरिका अथवा चीन में अपने उत्पादों का निर्यात करने के अवसर मिल गए हैं। इसका कारण है कि अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे के यहां आयात पर भारी-भरकम शुल्क लगा दिए हैं। श्री गोयल ने कहा कि भारत का अमेरिका के साथ 70 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार अधिशेष (सरप्लस) है, जबकि भारत का चीन के साथ 53 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा है। श्री गोयल ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए भारत को विभिन्न क्षेत्रों में कृषि एवं फार्मा उत्पादों की बाजार पहुंच तलाशने की जरूरत है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने उम्मीद जताई कि एकदिवसीय सत्र से अनचाहे आयात की पहचान करने और विदेश व्यापार नीति के दिशा-निर्देशों को तैयार करने में मदद मिलेगी। विदेश व्यापार नीति को नये सिरे से तैयार किया जा रहा है, ताकि इसे और ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सके।
आरंभिक सत्र के दौरान ‘लीड्स इंडेक्स-2019’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और श्री सोम प्रकाश, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, वाणिज्य सचिव श्री अनूप वधावन, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में सचिव श्री गुरुप्रसाद मोहापात्र और विदेश व्यापार महानिदेशक श्री आलोक वर्धन चतुर्वेदी के साथ मिलकर जारी किया गया।
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में गुजरात शीर्ष रैंकिंग वाला राज्य है। इसके बाद पंजाब और आंध्र प्रदेश का नंबर आता है। पूर्वी पहाड़ी राज्यों में त्रिपुरा का प्रदर्शन सबसे अच्छा है, जबकि चंडीगढ़ का चयन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में किया गया है।
लीड्स इंडेक्स वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से किया गया एक विशेष प्रयास है, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रदर्शन की आधार रेखा (बेस लाइन) तय करना है, जो राज्य स्तर पर उपयोगकर्ताओं (यूजर) और हितधारकों की अवधारणा पर आधारित है।
यह राज्य सरकार के प्रदर्शन का कोई सूचकांक या इंडेक्स नहीं है, लेकिन इसका उपयोग प्रत्येक राज्य में लॉजिस्टिक्स दक्षता की मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए किया जा सकता है।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/वाईबी –2983
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