गृह मंत्रालय

चिकित्सा वीजा व्यवस्था में उदारीकरणः बीमारी की वजह से किसी अस्पाताल में विदेशी के भर्ती होने के लिए प्राथमिक वीजा को चिकित्सा वीजा में बदलने की जरूरत नहीं

प्रविष्टि तिथि: 30 AUG 2019 6:31PM by PIB Delhi

भारत में मान्य वीजा पर पहले से रह रहे कुछ विदेशी नागरिकों को बीमार पड़ने पर अस्पाताल में कठिनाइयों समाना करना पड़ता था। उन्हें कुछ अस्पातालों में भर्ती से पहले यह सलाह दी जाती थी कि वे अपने वीजा को चिकित्सा वीजा में बदलवा लें।

 भारत सरकार ने पिछले साल इस प्रक्रिया में पहले ही संशोधन कर दिया था जिसके तहत विदेशी नागरिकों के बीमार पड़ने पर किसी अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्राथमिक  वीजा को चिकित्सा वीजा में बदलने से छूट दी गयी थी। अब सरकार ने चिकित्सा वीजा व्यवस्था में और ढील दी है जिसके तहत विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश से पहले से मौजूद बीमारियों (अंग प्रत्यारोपण छोड़कर) के लिए भी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने की अनुमति दी गयी है।

1.  अब कोई भी विदेशी नागरिक छोटी-मोटी बीमारियों जिसमें ओपीडी  परामर्श /इलाज की जरूरत हो, का अपने प्राथमिक वीजा पर किसी भी अस्पताल/चिकित्सा केंद्र में इलाज करा सकता है।

2.  अस्पताल में भर्ती होकर 180 दिन से कम समय के इलाज या प्राथमिक वीजा में ठहरने के अनुबंधित समय तक या प्राथमिक वीजा की अवधि पूरी होने, जो भी पहले हो, तक कोई विदेशी अस्पताल में भर्ती होकर कुछ तय शर्तों का पालन करते हुए इलाज करवा सकता है।

3.  अब अस्पताल में भर्ती होकर प्राथमिक वीजा पर इलाज कराया जा सकता है, बीमारी चाहे विदेशी नागरिक के भारत में प्रवेश से पहले की ही क्यों न हो और उन बीमारियों का भी इलाज भी हो सकता है जिसके बारे में उसे पहले से ही जानकारी हो।

4.   विदेशी नागिरिकों के उन बीमारियों का इलाज जिसमें अंग प्रत्यारोपण की जरूरत हो, चिकित्सा वीजा पर ही किया जा सकता है।     

 

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एके/पीबी – 2768    


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