संस्‍कृति मंत्रालय

संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पुराना किला में “ जब्त एवं पुनर्प्राप्त पुरावस्तुओं की गैलरी” का उद्घाटन किया


एएसआई द्वारा आयोजित अनोखी गैलरी ने लोगों के लिए जब्त और प्राचीन पुनर्प्राप्त वस्तुओं को प्रदर्शित किया

विदेशों से पुरावस्तुओं की पुनर्प्राप्ति पिछले 5 वर्षों के दौरान सर्वाधिक रही: संस्कृति मंत्री

Posted On: 31 AUG 2019 6:30PM by PIB Delhi

संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में पुराना किला में जब्त एवं पुनर्प्राप्त पुरावस्तुओं की गैलरी” का उद्घाटन किया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा निर्मित यह गैलरी पुराना किला के धनुषाकार प्रकोष्ठों में स्थित है और सार्वजनिक रूप से जब्त और पुनर्प्राप्त प्राचीन वस्तुओं को प्रदर्शित करती है।

श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने गैलरी के दौरे के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि हम अपनी विरासत के पिछले पुरावस्तुओं को विदेशों से वापस लाने में सफल रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में बरामद की गई पुरावशेषों की संख्या अब तक की सबसे अधिक है। मंत्री ने कहा कि इसका श्रेय हमारे प्रधानमंत्री को जाता है जिन्होंने न केवल इन पुरावशेषों को पुनः प्राप्त करने में मदद करने के प्रयास किए बल्कि विदेश में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपने साथ वापस लाए। हाल की सफलता का कारण विश्व के विभिन्न देशों के साथ हमारे सांस्कृतिक संबंधों में निरंतर सुधार है। मंत्री ने इस प्रयास में एएसआई, सीबीआई, डीआरआई जैसी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अथक प्रयासों की सराहना की।

गैलरी में प्रदर्शित धरोहर केंद्रीय पुरातन संग्रह (सीएसी) का एक हिस्सा है, जो पुराना किला में स्थित है, जिसे एएसआई द्वारा खोजे गए और उत्खनन किये गये पुरावशेषों और उन पुरावस्तुओं को भी, जिन्हें विदेश मंत्रालय और विभिन्न कानून लागू करने वाली एजेंसियां ​​यानी पुलिस, सीबीआई, राजस्व खुफिया निदेशालय और कस्टम अधिकारी की सहायता से पुनः प्राप्त और जब्त किया गया था, के लिए बनाया गया था। वर्तमान में, सीएसी में कुल 2,72,824 पुरावशेष संग्रहित किए गए हैं, जिनमें से 4,144 जब्त / पुनर्प्राप्त पुरावशेष हैं।

जब्त और पुनर्पाप्त की गई प्राचीन वस्तुओं की गैलरी सीएसी संग्रह से प्राचीन से आधुनिक काल से संबंधित 198 जब्त और पुनर्प्राप्त किए गए पुरावशेषों का एक हिस्सा प्रदर्शित करती है। प्रदर्शनी आगंतुकों को विरासत की बहुमूल्य वस्तुओं के अवैध व्यापार और उन्हें पुनः प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया और नियमों के बारे में भी जागरूक करती है।

तदनुसार, गैलरी दो समानांतर वर्णनों को प्रदर्शित करती है जो तस्करी की गई पुरावस्तुओं के देश-प्रत्यावर्तन के महत्व की एक समग्र समझ प्रदान करेगी। कथानकों में से एक सांस्कृतिक विरासत के महत्व; हमारी विरासत को नियंत्रित करने वाले कानून; सांस्कृतिक वस्तुओं की चोरी और तस्करी और तस्करी की प्राचीन वस्तुओं की पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया सहित संग्रहालय प्रदर्शन के एक बड़े परिपेक्ष्य को स्थापित करती है, जबकि दूसरी कथानक कलाकृतियों के आंतरिक सौंदर्य गुणों और आइकनोग्राफी पर ध्यान केंद्रित करेगी।

गैलरी में प्रदर्शित की गई वस्तुयें आद्य-ऐतिहासिक से लेकर आधुनिक काल तक और विभिन्न उद्गम स्थानों से जुड़ी हुई हैं। पुनर्प्राप्त या जब्त की गई पुरावशेषों की विस्तृत श्रृंखला में पत्थर और धातु की मूर्तियां, सिक्के, चित्र, हाथी दांत और तांबे की कलाकृतियां, वास्तुशिल्प पैनल आदि शामिल हैं।  

अतीत में, कई मूल्यवान पुरावशेष, कलाकृतियां और मूर्तियां भारत से चुरा ली गई हैं और विदेशों में बेची दी गई हैं। पुरातनता और कला निधि अधिनियम, 1972 और नियम 1973 के अनुसार, यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का कर्तव्य है कि वह चोरी, अवैध निर्यात को रोके तथा पुरावशेषों के घरेलू व्यापार को विनियंत्रित करे।

अब तक एएसआई ने संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, जर्मनी, कनाडा और इंग्लैंड से चुराई गयी 44 पुरावस्तुओं को वापस ले लिया है और 119 अधिक पुरावशेष पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया में हैं। एएसआई के प्रयासों के कारण कुछ वर्षों के दौरान एएसआई के तहत किसी भी केन्द्रीय रूप से संरक्षित स्मारक या संग्रहालय से कोई चोरी नहीं हुई है।

गैलरी सुबह 10.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक (शुक्रवार को छोड़कर) सार्वजनिक रूप से खुली रहेगी।  

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसकेजे/एनके – 2747    



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