आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डलीय समिति (सीसीईए)

मंत्रिमंडल ने 75 नए चिकित्‍सा महाविद्यालयों की मंजूरी दी


एमबीबीएस की 15,700 सीटें बढेंगी

Posted On: 28 AUG 2019 7:33PM by PIB Delhi

     प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मत्रिमंडल  समिति ने केंद्र प्रायोजित जारी योजना के तीसरे चरण के तहत 2021-22 तक मौजूदा जिला/रेफरल अस्‍पतालों के साथ संलग्‍न 75 अतिरिक्‍त सरकारी चिकित्‍सा महाविद्यालयों की स्‍थापना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

     स्‍वास्‍थ्‍य सेवा से जुड़ी आधारभूत सुविधा और मानव शक्ति की उपलब्‍धता बढ़ाने के उद्देश्‍य से आज मंजूर की गई योजनाओं के लिए, मंत्रिमंडल ने 15वें वित्‍त आयोग की अवधि के दौरान यानि 2021-22 तक 24,375 करोड़ रुपए के व्‍यय को भी मंजूरी दे दी है।

     मौजूदा जिला/रेफरल अस्‍पतालों से संलग्‍न नए चिकित्‍सा महाविद्यालय की स्‍थापना से सरकारी क्षेत्र में योग्‍य स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यावसायिकों, उन्‍नत सेवाओं की उपलब्‍धता बढेगी, जिला अस्‍पतालों की मौजूदा अवसंरचना का इस्‍तेमाल होगा और देश में किफायती चिकित्‍सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

     बिना चिकित्‍सा महाविद्यालय वाले स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा से वंचित क्षेत्रों में कम- से-कम 200 बिस्‍तर वाले जिला अस्‍पतालों में नए चिकित्‍सा महाविद्यालयों की स्‍थापना की जाएगी। आकांक्षापूर्ण जिलों और 300 बिस्‍तरों वाले जिला अस्‍पतालों को प्रमुखता दी जाएगी।

नए चिकित्‍सा महाविद्यालयों (58+24+75) की स्‍थापना की योजना से देश में एमबीबीएस की कम-से-कम15,700 सीटें बढेंगी।

    स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा अवसंरचना के सृजन पर निरंतर जोर देते हुए, सरकार ने इससे पूर्व प्रथम चरण में मौजूदा जिला/रेफरल अस्‍पतालों से संलग्‍न 58 नए चिकित्‍सा महाविद्यालयों और दूसरे चरण में 24 नए चिकित्‍सा महाविद्यालयों की स्‍थापना को मंजूरी दी थी। इनमें से प्रथम चरण के तहत 39 चिकित्‍सा महाविद्यालय ने अपना काम शुरू कर दिया है, जबकि 2020-21 तक शेष 19 चिकित्‍सा महाविद्यालय क्रियाशील हो जाएंगे। दूसरे चरण में 18 नए चिकित्‍सा महाविद्यालयों की मंजूरी दी गई है।

पृष्‍ठभूमि :

‘सर्वे भवन्‍तु सुखिन: सर्वे सन्‍तु निरामया:‘सरकार का मार्गदर्शक सिद्धांत है। सरकार ने ‘आयुष्‍मान भारत’के एक हिस्‍से के रूप में दो ऐतिहासिक पहलों की घोषणा की है, जिससे प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक सेवा प्रणाली पर जोर देते हुए स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी समस्‍याओं के पूर्णत: समाधान और रोकथाम होने के साथ-साथ स्‍वास्‍थ्‍य सेवा को बढ़ावा मिलेगा।

 

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