आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डलीय समिति (सीसीईए)

सरकार ने वर्तमान नई दिल्ली – हावड़ा मार्ग (कानपुर-लखनऊ सहित) पर ट्रेनों की गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने की मंजूरी दी


दिल्ली – हावड़ा सेक्शन पर गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने से पैसेंजर ट्रेनों की औसत गति में 60 प्रतिशत वृद्धि सुनिश्चित होगी और 2022 – 23 तक माल यातायात गाड़ी की औसत गति दोगुनी होगी

​​​​​​​नई दिल्ली – हावड़ा के बीच यात्रा समय में 5 घंटे की कमी आएगी, अब यह यात्रा रातभर की ही होगी

सेमी-हाई स्पीड गाड़ियां अपनी पूर्ण क्षमता का लाभ उठाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी

मार्ग की कुल लंबाई 1525 किलोमीटर है और यह पांच राज्यों (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल) से गुजरता है

परियोजना क्षमता सृजन, वृद्धि, गति और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी

संपूर्ण परियोजना नए दृष्टिकोण की बनी है जिसमें मार्ग के अनुसार संयुक्त कार्य होंगे और इसे एकल एजेंसी पूरा करेगी। इसका वित्त पोषण अतिरिक्त बजटीय संसाधनों – संस्थागत वित्त (ईआरबी - आईएफ) से होगा

Posted On: 05 AUG 2019 12:05PM by PIB Delhi

सरकार ने 2022-23 तक दिल्ली – हावड़ा मार्ग (कानपुर, लखनऊ सहित) पर ट्रेनों की गति बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस कार्य पर 6,685 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे सुधरी हुई गति, सेवा, सुरक्षा और क्षमता सृजन सुनिश्चित होगा। मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में भारतीय रेल अपने पूरे नेटवर्क में रेलगाड़ियों की औसत गति सुधारने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है। दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने से पैसेंजर गाड़ियों की औसत गति 60 प्रतिशत तक बढ़नी सुनिश्चित होगी और माल यातायात गाड़ी की औसत गति दोगुनी होगी।

1,525 किलोमीटर लंबा दिल्ली-हावड़ा मार्ग पांच राज्यों – दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार,झारखंड तथा पश्चिम बंगाल से गुजरता है। नई दिल्ली और हावड़ा के बीच यात्रा समय में पांच घंटे की कमी आएगी और यह यात्रा पूरी रात की ही होगी। दिल्ली-हावड़ा मार्ग की अधिकतम गति बढ़ाने से वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी-हाई स्पीड की गाड़ियों को गति मिलेगी। इससे ऐसी ट्रेनों को अपनी क्षमता का पूरा लाभ उठाने और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने की अनुमति होगी और यह सुनिश्चित होगा की गति और सेवा की दृष्टि से यात्रियों को लाभ मिले। इसके अतिरिक्त यह पाया गया है कि इस गति के लिए सुरक्षित एलएचबी कोच बनाए जा सकेंगे। परियोजना कार्यों में घेराबंदी, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ईटीसीएस -2 / पीपीडब्ल्यूएस), मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्यूनिकेशन तथा स्वचालित और मशीनी निदानकारी प्रणाली शामिल है, जिससे सुरक्षा और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। इसमें सभी लेवल क्रॉसिंग को हटाना पड़ेगा। यह काम अलग योजना मद में किया जा रहा है।

संपूर्ण परियोजना नए दृष्टिकोण की बनी है जिसमें मार्ग के अनुसार संयुक्त कार्य होंगे और इसे एकल एजेंसी पूरा करेगी। इसका वित्त पोषण अतिरिक्त बजटीय संसाधनों – संसागत वित्त (ईआरबी - आईएफ) से किया जाएगा। बेहतर वित्त पोषण, बेहतर समन्वय, अत्याधुनिक टेक्नॉलोजी के उपयोग से यह परियोजना मंजूरी की तिथि से चार वर्षों में पूरी होगी। लाइन पर कार्य इस तरह किया जाएगा कि यातायात में कम से कम बाधा आए और निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों तथा व्यवसाय पर कम से कम असर हो।

परियोजना से निर्माण के दौरान रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा। 3.6 मानव दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इससे सभी राज्यों के आर्थिक विकास में गुणात्मक वृद्धि होगी। इससे इस मार्ग पर प्रवाह क्षमता 30-35 प्रतिशत बढ़ेगी और भविष्य में पीपीपी मॉडल के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में सरकार ने दिल्ली-मुंबई मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है। दिल्ली-मुंबई मार्ग और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्री यातायात 29 प्रतिशत और माल यातायात 30 प्रतिशत है। भारतीय रेल के संपूर्ण चतुर्भुज और कोणीय परियोजना पूरी करने का काम हो रहा है। इसमें भारतीय रेल नेटवर्क का 16 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन परियोजना में कुल यात्री यातायात का 52 प्रतिशत और माल यातायात का 58 प्रतिशत है।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजी/डीए - 2350



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