आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डलीय समिति (सीसीईए)

सरकार ने वैभववाड़ी-कोल्हापुर (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) के बीच नई लाइन (108 किलोमीटर लंबी) के निर्माण को मंजूरी दी


प्रस्तावित लाइन से महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई विद्युत संत्रंयों हेतु थर्मल कोयले की ढुलाई के लिए दूरी घट जाएगी

इस परियोजना के तहत पश्चिमी बंदरगाहों के लिए छोटे निकासी मार्ग के बन जाने से बेलगाम, बेल्लारी, गुलबर्ग, कोल्हापुर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, लातूर, बीड और सोलापुर जिलों के लाभान्वित होने की आशा

पश्चिमी तट पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के प्रस्ताव से ये जिले काफी लाभान्वित होंगे

वैभववाड़ी-कोल्हापुर लाइन के बन जाने से विजयदुर्ग बंदरगाह, गुलबर्ग, आदिलाबाद और निकटवर्ती औद्योगिक क्लस्टर पश्चिमी तट से निकटता का लाभ उठाने में समर्थ हो जायेंगे

इस परियोजना के तहत निर्माण के दौरान लगभग 26 लाख कार्य दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे

इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 3,439 करोड़ रुपये है और यह वर्ष 2023-24 तक पूरी होगी




Posted On: 05 AUG 2019 12:09PM by PIB Delhi

सरकार ने 3,439 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वैभववाड़ी - कोल्हापुर (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) के बीच नई लाइन (108 किलोमीटर लंबी) का निर्माण करने संबंधी रेल मंत्रालय की योजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना वर्ष 2023-24 तक पूरी हो जाएगी और इसका कार्यान्वयन मध्य रेलवे के निर्माण संगठन द्वारा किया जाएगा।

वैभववाड़ी से कोल्हापुर (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) तक प्रस्तावित लाइन महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों से होकर गुजरेगी। प्रस्तावित लाइन मध्य रेलवे के मौजूदा पुणे-कोल्हापुर खंड पर अवस्थित कोल्हापुर रेलवे स्टेशन (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) को कोंकण रेलवे के मौजूदा रोहा-मडगांव खंड पर अवस्थित वैभववाड़ी रेलवे स्टेशन से जोड़ेगी। प्रस्तावित संपर्क अथवा लाइन से महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई विद्युत संयंत्रों हेतु तापीय या थर्मल कोयले की ढुलाई के लिए दूरी घट जाएगी।

वैभववाड़ी-कोल्हापुर (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) के बीच नई लाइन के बन जाने से बेलगाम, बेल्लारी, बीजापुर, गुलबर्ग, लातूर और सोलापुर जिलों के प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होने की आशा है। इसके साथ ही इस लाइन की बदौलत पश्चिमी बंदरगाहों के लिए एक छोटा निकासी मार्ग सृजित होगा क्योंकि मध्य और कोंकण क्षेत्रों के बीच रेल कनेक्टिविटी का अभाव है। इसके चलते उत्तरी कर्नाटक और दक्षिणी महाराष्ट्र क्षेत्र में विद्युत संयंत्रों के लिए आपूर्ति मार्ग या रूट लंबे हो गए हैं जिससे विभिन्न बंदरगाहों जैसे कि मुम्बई, जेएनपीटी, कृष्णपत्तनम और न्यू मंगलोर से आने वाली आपूर्ति प्रभावित होती है। इसका मुख्य कारण रत्नागिरी-पनवेल-पुणे रेल रूट का अपेक्षाकृत ज्यादा लंबा होना है।

पश्चिमी महाराष्ट्र के एक हिस्से के रूप में कोल्हापुर क्लस्टर एक जीवंत औद्योगिक बेल्ट है जिसमें विनिर्माण आधारित उद्योग, ऑटो कलपुर्जे एवं सहायक पार्ट्स, चीनी का विनिर्माण, वस्त्र, खाद्य तेल प्रसंस्करण फैक्टरियां इत्यादि शामिल हैं। पश्चिमी तट के साथ-साथ इसके निकटवर्ती क्षेत्र में औद्योगिक विकास में तेजी आने से भविष्य में आयात में वृद्धि दर्ज की जाएगी। यही नहीं, पश्चिमी तट पर अवस्थित जयगढ़ और विजयदुर्ग में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के प्रस्तावित निर्माण से संबंधित जिले काफी लाभान्वित होंगे। अतः वैभववाड़ी-कोल्हापुर (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) के बीच नई लाइन के बन जाने से विजयदुर्ग बंदरगाह, गुलबर्ग, आदिलाबाद और निकटवर्ती औद्योगिक क्लस्टर पश्चिमी तट से अपनी निकटता का लाभ उठाने में समर्थ हो जायेंगे।

इतना ही नहीं, वर्तमान वैभववाड़ी-रोहा-पुणे रूट और मिराज-पुणे-पनवेल-पेन रूट पर चलने वाली मालगाड़ियों के लिए भी दूरी के साथ-साथ इसमें लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी संभव होगी, बशर्ते कि इन्हें वैभववाड़ी-कोल्हापुर (अब श्री छत्रपति शाहुमहाराज टर्मिनस) परियोजना लाइन के रास्ते चलाया जाए। इस परियोजना के तहत निर्माण के दौरान लगभग 26 लाख कार्य दिवसों या श्रम दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

***

आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/सीएस-2346

 



(Release ID: 1581443) Visitor Counter : 190


Read this release in: English , Marathi