शिक्षा मंत्रालय

वैज्ञानिक स्वभाव और शोध नए भारत के लिए आधारशिला प्रदान करेंगे - डॉ रमेश पोखरियाल

Posted On: 12 JUN 2019 6:02PM by PIB Delhi

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने आज नई दिल्ली में सभी राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थानों (एनआईटी) तथा भारतीय इंजीनियरिंग विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी संस्थान (आईआईईएसटी), शिबपुर के निदेशकों की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव श्री आर. सुब्रमण्यम भी उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. पोखरियाल ने कहा कि एनआईटी तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए श्रेष्ठ संस्थानों में एक है। इसलिए एनआईटी को गुणात्मक तथा शोध आधारित शिक्षा पर फोकस करना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा और शोध का फोकस मूलभूत समस्याओं के समाधान पर होना चाहिए। डॉ. निशंक ने वैज्ञानिक संस्थानों से देश के समग्र विकास में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि सभी वैज्ञानिक संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे पड़ोस के गांव में विकास कार्य करें। उन्होंने कहा कि उद्योग और शिक्षा क्षेत्र आपस में सहयोग करें, ताकि रोजगारन्मुखी शिक्षा प्रदान की जा सके।

 

 

 

डॉ. निशंक ने कहा कि वैज्ञानिक स्वभाव तथा शोध का मिश्रण न्यू इंडिया के लिए आधारशिला होंगे। उन्होंने अमेरिका तथा यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि तकनीकी संस्थानों ने सामाजिक, आर्थिक विकास की सोच को वास्तविकता में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने हार्वड तथा येल की तर्ज पर पूर्ववर्ती छात्रों का मजबूत नेटवर्क बनाने का आग्रह किया और कहा कि इससे न केवल विद्यार्थियों को नवाचारी शोध के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि राजस्व जुटाने में भी मदद मिलेगी।

देश में स्वतंत्र स्पर्धी माहौल के महत्व की चर्चा करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि भारत के लिए भारत को वैश्विक शिक्षा मंच पर स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने मूल विज्ञान में अच्छे शोध का आग्रह किया।

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि आईआईईएसटी ने शिक्षा तथा वैज्ञानिक गतिविधियों में ख्याति प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि भारत और विदेश दोनों के वैज्ञानिक संस्थानों के साथ सहयोग किया जाए, ताकि संसाधनों का उचित उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को शोध का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक संस्थानों को पूरे समर्पण और मिशन मोड में काम करना होगा।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजी/एमएस–1570  



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