उप राष्ट्रपति सचिवालय

किसानों की कठिनाइयां दूर करने के लिए संगठित प्रयासों की जरूरत: उपराष्ट्रपति


कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए अवसंरचना विकास प्रमुख कारकों में से एक;

किसानों की सहायता के लिए सिंचाई अवसंरचना, निवेश और बीमा क्षेत्रों को मजबूत बनाने की जरूरत;

किसानों और वैज्ञानिकों के सम्मेलन को संबोधित किया

Posted On: 15 MAR 2019 2:58PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम.वैंकेया नायडु ने कहा है कि देश के सभी किसानों की कठिनाइयां मिटाना सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक हितधारक द्वारा संगठित प्रयास करने की जरूरत है।

 

वह आज अतकुर, विजयवाड़ा में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में आयोजित किसानों और वैज्ञानिकों के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन का आयोजन आचार्य एन.जी.रंगा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से स्वर्ण भारत ट्रस्ट द्वारा किया गया।

 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि को लचीला, टिकाऊ और लाभदायक बनाने के जरिए किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाना देश की सबसे प्रमुख जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमें इस पहलू को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए केंद्र और राज्यों में ढांचागत बदलाव लाने की जरूरत है।

 

किसानों को सशक्त बनाने में अवसंरचना द्वारा प्रमुख भूमिका निभाने पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण सड़क संपर्क में सुधार, और ज्यादा गोदामों, कोल्ड स्टॉरेज की सुविधाओं की स्थापना, पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना उन प्रमुख उपायों में शामिल हैं जिन्हें लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध कराना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

 

श्री नायडु ने कहा कि किसानों को विविध फसलों और सम्बद्ध कृषि गतिविधियों के बारे में भी शिक्षित किए जाने की जरूरत है। मैनेज द्वारा कराए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जिन किसानों के परिवार खेतीबाड़ी के अलावा सम्बद्ध कृषि गतिविधियां करते हैं, वहां किसानों की आत्महत्या जैसी घटना नहीं होती।

 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत और दुनिया के अन्य भागों में कृषि क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कृषि की प्रगति और इस क्षेत्र पर प्राथमिक रूप से निर्भर लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले अनेक मामलों पर संगठित, समन्वित कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों के मसलों का समाधान करने के लिए निजी क्षेत्र, कृषि विश्वविद्यालयों, केवीके, वैज्ञानिकों और किसानों को एक साथ आऩा चाहिए।

 

श्री नायडु ने कहा कि किसानों की सहायता के लिए सिंचाई, अवसंरचना, निवेश और बीमा क्षेत्रों को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए जटिल और परस्पर सम्बद्ध मामलों को हल करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

 

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने कृषि के संबंध में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और किसानों के साथ बातचीत भी की।

 

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आर.के.मीणा/एएम/आरके/डीए-669  



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