वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री सुरेश प्रभु ने आईपीआर पर जीआई वेबसाइट और ट्यूटोरियल वीडियो लॉन्च किया

Posted On: 08 MAR 2019 5:14PM by PIB Delhi

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श्री सुरेश प्रभु जीआई वेबसाइट के लिए हैकाथॉन के विजेताओं को सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए  

 

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज नई दिल्ली में स्कूली छात्रों और जीआई वेबसाइट के लिए "बौद्धिक संपदा अधिकारों" पर एक ट्यूटोरियल वीडियो लॉन्च किया। ट्यूटोरियल वीडियो सीआईपीएएम के यू-ट्यूब चैनल पर उपलब्ध है और यह सीआईपीएएम की आधिकारिक वेबसाइट www.cipam.gov.in पर भी उपलब्ध होगा, जो आम लोगों के लिए मुफ्त रहेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत के विशाल भूगोल और प्राचीन इतिहास ने एक विविध और विशिष्ट पहचान को जन्म दिया है और सीआईपीएएम के पास जीआई के माध्यम से इस विविधता की रक्षा करने और बढ़ावा देने का दायित्व है। यह वेबसाइट रचनात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करेगी और भारत के अधिक कुशल कारीगरों को जीआई पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए प्रेरित भी करेगी।

वाणिज्य मंत्री ने आगे कहा कि जीआई विभिन्न शिल्पों में भारत के गहन ज्ञान और कौशल का प्रकटीकरण है और इस ज्ञान की रक्षा से लोगों को आविष्कार, निर्माण और नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक नया शासन स्थापित किया है जिससे भारत ज्ञान आधारित समाज के रूप में परिणत होगा।

श्री सुरेश प्रभु ने यह भी कहा कि भारत न केवल ट्रिप्स (टीआरआईपीएस) समझौते का एक हस्ताक्षरकर्ता है, बल्कि नए कानूनों को भी लागू किया है, मौजूदा कानूनों में संशोधन किया है और डब्ल्यूटीओ ट्रिप्स समझौते के साथ सामंजस्य को पूरा करने के लिए घरेलू कानूनी ढांचे को भी मजबूत किया है। देशों के आईपीआर को उन्नत (अपग्रेड) करने के लिए नए कानून भी बनाए गए हैं।

20 मिनट के इस ट्यूटोरियल वीडियो को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन (डीपीआईआईटी) विभाग क्वालकॉम के सहयोग से आईपीआर संवर्धन और प्रबंधन (सीआईपीएएम) के लिए बनाया है। यह वीडियो पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के मूल सिद्धांतों की व्याख्या करता है।

भारत का पहला बौद्धिक संपदा (आईपी) शुभंकर, ‘आईपी नानी’, बच्चों के बीच आईपीआर के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई छोटे एनिमेटेड वीडियो बनाया गया है।  ट्यूटोरियल वीडियो का उपयोग शिक्षकों या विशेषज्ञों के किसी भी बाहरी हस्तक्षेप के बिना स्कूलों में किया जा सकता है और बड़ी संख्या में स्कूलों और छात्रों तक इसे पहुंचने में सहायता करेगा, जिससे बैंडविड्थ और सीमित संसाधनों पर भी काबू पाया जा सके।

सीआईपीएएम, डीपीआईआईटी, देश में एक देशव्यापी आईपीआर जागरूकता अभियान सहित आईपीआर से संबंधित कई पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। प्रशिक्षण सत्र अब तक 300 से अधिक स्कूलों में आयोजित किए गए हैं, जिससे 12,000 से अधिक छात्रों तक इसका लाभ पहुंच है। इन सत्रों में प्रस्तुतियों, रचनात्मक सचित्र पोस्टर और पर्चे के रूप में इंटरेक्टिव टूल का उपयोग शामिल था, ताकि युवा पीढ़ी को अपने स्वयं के आईपी को पहचानने के साथ-साथ दूसरों के आईपी का भी सम्मान करने के बारे में सिखाया जा सके। बारहवीं कक्षा के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के वाणिज्य में भी इसे शामिल किया गया है।

भौगोलिक संकेतों (जीआई) की वेबसाइट भारतीय जीआई उत्पादों को दर्शाते हैं, यह वर्गीकरण राज्य वार और उत्पाद श्रेणी के अनुसार भी उपलभ्ध है। इस वेबसाइट में जीआई अधिकृत उपयोगकर्ताओं को सूचीबद्ध करने के अलावा भौगोलिक क्षेत्र, उत्पाद का विवरण, विशिष्टता, इतिहास, उत्पाद प्रक्रिया / प्रसंस्करण का विशिष्ट और व्यापक विवरण है। यह भारत के जीआई की उपवब्धता एवं विपणन क्षमता को बढ़ाएगा और इसलिए उनके व्यावसायीकरण में भी मदद करेगा।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने डीपीआईआईटी द्वारा आयोजित हैकथॉन के माध्यम से जीआई वेबसाइट पर काम करने के लिए चुने गए छात्रों को प्रमाण पत्र भी दिए।

जीआई वेबसाइट पर काम करने वाले छात्रों के नाम हैं- दीपक सिंह, नितांत सूद, करण कपूर, कुंवर दीपक, रचित सिंघल, साहिल वर्मा, ऋषभ मलिक और ब्रह्मदीप सिंह।

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आर.के.मीणा/एएम/पीकेपी

 


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