सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा 2018  : सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय

Posted On: 20 DEC 2018 11:50AM by PIB Delhi

देश के उभरते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में आंकड़ों की जरूरत को पूरा करने के लिए सांख्यिकी प्रणाली में और अधिक सुधार लाने के लिए 2018 के दौरान जो प्रमुख पहल की गईं वो इस प्रकार हैं :

 

1.  इस साल के दौरान बेस वर्षों के अगले संशोधन के लिए कदम उठाए गए हैं। मंत्रालय ने साल 2011-12 बेस के लिए 28.11.2018 को पूर्व श्रंखला अनुमान जारी किए हैं।

 

2.  सरकार ने जीडीपी के बेस ईयर के संशोधन के लिए राज्य और जिला स्तरों के आर्थिक आंकड़ों की गणना हेतु मौजूदा मानकों का उन्नयन और नए विकसित करने के लिए आईआईएम के पूर्व प्रोफेसर रविंद्र एच. ढोलकिया की अध्यक्षता में सब-नेशनल अकाउंट्स के लिए एक समिति गठित की।

 

3. मंत्रालय ने अप्रैल 2018 में सरकारी एजेंसियों द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन के लिए अधिकृत आंकड़ों के गुणवत्ता आश्वासन पर आम दिशा-निर्देश अधिसूचित किए ताकि संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग द्वारा समर्थित सामान्य राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन ढांचे के मुताबिक सांख्यिकी उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारा जा सके।

 

4. मंत्रालय ने अप्रैल 2018 में सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों पर आम दिशा-निर्देश अधिसूचित किए ताकि सीपीआई, आईआईपी और डब्ल्यूपीआई जैसे सूचकांकों की गुणवत्ता को सुधारने में सरकारी एजेंसियों की मदद की जा सके।

 

5. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति की निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय संकेतक ढांचे को विकसित किया गया है। मंत्रिमंडल ने 24 अक्टूबर 2018 को हुई अपनी बैठक में राष्ट्रीय संकेतक ढांचे की समय-समय पर समीक्षा करने, उसे परिशोधित और संशोधित करने के लिए एक उच्च स्तरीय संचालन समिति के गठन के मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

 

6. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र रेज़िडेंट कॉर्डिनेटर (यूएनआरसी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए जिसका कुल मकसद एसडीजी से संबंधित नतीजों का पता रखने हेतु निगरानी व क्षमता निर्माण के लिए नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल समेत एसडीजी के लक्ष्यों और उद्देश्यों की सांख्यिकीय निगरानी से जुड़े मसलों पर सहयोग करना है।

 

7. मंत्रालय ने अधिकृत आंकड़ों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हुबली में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2018 में हिस्सा लिया है। इंजीनियरिंग के छात्रों के दलों द्वारा जो प्रोटोटाइप उपाय विकसित किए गए हैं उन्हें परिष्कृत करने पर विचार किया जा रहा है।

 

8. सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सांख्यिकी प्रणालियों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2018-19 के दौरान राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के सर्वेक्षण आयोजित करवाने के लिए 12.53 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा जनवरी 2019 के दौरान एनएसएसओ द्वारा 8.27 करोड़ रुपये की राशि जारी किए जाने की संभावना है। पूर्वोत्तर के आईजोल (मिजोरम) और ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) में एनएसएसओ के दो नए क्षेत्रीय कार्यलय खोलने और अगरतला (त्रिपुरा) व इम्फाल (मणिपुर) में दो उप क्षेत्रीय कार्यालयों के उन्नयन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

 

9. संघीय भावना के साथ बरकरार रहते हुए ये मंत्रालय केंद्र और राज्य सांख्यिकी संगठनों के वार्षिक सम्मेलन करता आ रहा है जहां सांख्यिकी से जुड़े आम मसलों पर चर्चा की जाती है और उनका समाधान निकाला जाता है। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 15-16 नवंबर 2018 को केंद्र राज्य सांख्यिकी संगठनों का 26वां सम्मेलन किया गया।

 

10. सरकार ने 29 जून की स्व. प्रोफेसर पी. सी. महालनोबिस की जन्म वर्षगांठ को सांख्यिकी दिवस घोषित किया है। हर सांख्यिकी दिवस पर एक थीम की घोषणा की जाती है ताकि एक साल के लिए सांख्यिकी एजेंसियां उस पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। 12वां सांख्यिकी दिवस 29 जून 2018 को मनाया गया जो कि स्व. प्रो. महालनोबिस का 125वां जन्मवर्ष था। इस दिन 'अधिकृत आंकड़ों में गुणवत्ता आश्वासन' की थीम की घोषणा की गई। भारत के उपराष्ट्रपति महोदय द्वारा 125 रुपये का एक स्मरणीय सिक्का और 5 रुपये मूल्य का एक आम उपयोग का सिक्का जारी किया गया।

 

11. नई दिल्ली में 9-10 जुलाई 2018 के दौरान डाटा पर एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया। ये सम्मेलन सुधारों की उस श्रंखला का अग्रगामी है जिन्हें विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित सुधारों और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की क्षमता विकास योजना के अंतर्गत शुरू किया जा रहा है। भारतीय सांख्यिकीय प्रणाली के लिए सुधार एजेंडे पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन में ब्रिटेन, कैनेडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों और राष्ट्रीय भागीदारों दोनों ने हिस्सा लिया।

 

12. मंत्रालय ने 6-7 दिसंबर 2018 के दौरान अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सांख्यिकी और सूचना प्राधिकरण (एनएसआईए) को द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी सहायता के आयोजन में हिस्सा लिया।

 

13. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 2017-18 से 2019-20 की अवधि में 2,250 करोड़ रुपये के व्यय के साथ क्षमता विकास योजना को जारी रखने पर अपनी मंजूरी दी। सातवीं आर्थिक गणना, टाइम यूज़ सर्वेक्षण (टीयूएस), सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसएसएसई) और असंगठित क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण को शुरू करने के लिए प्रारंभिक गतिविधियां शुरू की जा रही हैं।

 

14. ये मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की लागत वाली केंद्रीय क्षेत्र की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर निगरानी रखने के लिए जिम्मेदार है। 1 मार्च 2018 तक 20.78 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली ऐसी कुल 1417 परियोजनाओं पर ऑनलाइन कम्प्यूटरीकृत निगरानी प्रणाली (ओसीएमएस) के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। अपने मूल परियोजना कार्यान्वयन कार्यक्रम के लिहाज से इनमें से 317 परियोजनाएं समय से ऊपर जा चुकी हैं, 362 परियोजनाएं लागत से ऊपर निकल चुकी हैं और 124 परियोजनाएं समय और लागत दोनों में अधिवहित हो चुकी हैं। अपनी मूल लागत के मुकाबले अगस्त 2018 में ये लागत से अधिकता 19.55 प्रतिशत की है। ज्यादा समय लगने का पिछले चार वर्षों का एक विश्लेषण दिखाता है कि अपने वास्तविक कार्यक्रम के मुकाबले ज्यादा समय लेने वाली परियोजनाएं जहां मार्च 2014 में 29.44 प्रतिशत थीं, वहीं अगस्त 2018 में उनकी संख्या घटकर 22.37 प्रतिशत पर आ गई। केंद्रीय क्षेत्र की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का ब्यौरा इस ऑनलाइन पते  www.cspm.gov.in/publications पर फ्लैश रिपोर्ट में उपलब्ध है।

 

15. अंतर्राष्ट्रीय घरेलू सर्वेक्षण नेटवर्क (आईएचएसएन) के माध्यम से एनएसएस/एएसआई/ईसी के इकाई स्तरीय डाटा के इस्तेमाल पर राज्य डीईएस कर्मियों के लिए विभिन्न कार्यशालाएं संचालित करवाई जा रही हैं।

 

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आरकेमीणा/एएम/जीबी

 


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