कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

राष्ट्रपति ने केंद्रीय सूचना आयोग के 13वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

Posted On: 12 OCT 2018 5:39PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के 13वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सूचना का स्वतंत्र बहाव लोकतंत्र का मूल आधार है और एक स्वतंत्र व उन्मुक्त देश के लोगों के लिए सूचना ही शक्ति है। उन्हें ये जानने का अधिकार है कि उनके यहां शासन कैसे किया जा रहा है, सार्वजनिक धन को कैसे खर्च किया जा रहा है, सार्वजनिक और राष्ट्रीय संसाधनों को कहां लगाया जा रहा है, सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति कैसे की जा रही है और सार्वजनिक कार्य व लोककल्याणकारी कार्यक्रमों को कैसे क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र में बहुत अधिक सूचना जैसी कोई चीज नहीं होती है। सूचना की कमी के बजाय सूचना की अधिकता को हमेशा तवज्जो दी जाती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अपने आप को कोई अलग चीज नहीं है। ये दरअसल भारतीय लोकतंत्र को मज़बूत करने, सभी शासकीय व्यवस्थाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और आम नागरिकों के लिए क्षमताओं का निर्माण करने के व्यापक कथानक का एक हिस्सा है ताकि  आम नागरिक जागरूक फैसले ले सकें और जागरूक चुनाव कर सकें। इन सबसे भी अधिक ये उस नागरिक और उस सरकार के बीच भरोसे के सामाजिक संबंध को पोषित करने के बारे में है जहां दोनों का एक दूसरे में यकीन होना चाहिए। इससे संबंधित और समानांतर निहितार्थ ये हैं कि भ्रष्टाचार और बर्बादी की घटनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए सार्वजनिक संसाधनों का तार्किक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए। 

इस मौके पर बोलते हुए केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार सूचना के अधिकार कानून और संस्थानों को मजबूत बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में आरटीआई के दायरे में लाए गए सरकारी अधिकारियों की संख्या 1,600 से बढ़कर 2,092 हो गई है। आरटीआई आवेदनों का निपटारा करने की दर जहां मार्च 2014 में 20,147 थी, वहीं इस साल बढ़कर 29,005 हो गई है। जहां तक लंबित मामलों का सवाल है तो अभी इनकी संख्या 40,000 से अधिक है और अगस्त 2010 में ऐसे मामले 24,351 थे। आरटीआई के मामलों की ये बढ़ती हुई संख्या दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस सरकार द्वारा लाई गई शासकीय पारदर्शिता का परिणाम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त अभी केंद्रीय सूचना आयोग के पास छह सूचना आयुक्त हैं और सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्तों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि रिक्तियां जल्दी ही शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा - "हम (मुख्य सूचना आयुक्त / सूचना आयुक्त) की नियुक्तियों को न तो रोककर रखेंगे, न ही उसमें देरी करेंगे।"

अपने स्वागत भाषण में मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने दोहराया कि ये आयोग सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत सूचना की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आरटीआई आवेदनों की मौजूदा स्थिति को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है और उनकी हर वक्त की स्थिति को जाना जा सकता है।

इस अवसर पर सूचना आयुक्त यशोवर्धन आज़ाद और सूचना आयुक्त प्रोफेसर एम एस आचार्युलु भी उपस्थित थे। 

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आर.के.मीणा/अर्चना/जीएसबी/डीए – 10734



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