राष्ट्रपति सचिवालय

राष्ट्रपति ने तिरूवनंतपुरम में ‘लोकतंत्र का त्योहार’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया


बहस और परस्पर मेल-मिलाप की संस्कृति से राजनीतिक हिंसा की प्रवृत्तियों का सामना किया जाना चाहिए : राष्ट्रपति

Posted On: 06 AUG 2018 2:43PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज (6 अगस्त, 2018) तिरूवनंतपुरम में केरल विधानसभा की हीरक जयंती समारोह के समापन आयोजन के रूप में ‘लोकतंत्र का त्योहार’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि राजनीति, सार्वजनिक जीवन और लोकतंत्र की गुणवत्ता समाज के आवश्यक तत्वों के प्रतिबिंब होते हैं। केरल विधानसभा और इसकी बहसें व परिचर्चाएं तथा मानवीय मूल्य राज्य की परंपराओं का दर्पण हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछली सदियों में भी केरल की सामाजिक संरचना ने बहस और संवाद को प्रोत्साहित किया है। आदि शंकराचार्य, श्री नारायण गुरु और अय्यंकली जैसे दूरदर्शी सुधारकों ने यही रास्ता दिखाया है। विभिन्न मतों जैसे हिंदू, इस्लाम, ईसाई, यहूदी को मानने वालों को यही बात प्रेरित करती रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि कोई व्यक्ति एक मत विषेश को मान सकता है, अन्य किसी मत को मान सकता है या मत को बिलकुल नहीं मान सकता है। यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि बहस और परस्पर मेल-मिलाप की संस्कृति केरल के जीवन का डीएनए रहा है और इसे संरक्षित रखा जाना चाहिए।

पिछले 60 वर्षों के दौरान केरल विधानसभा के योगदान की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में राजनीतिक हिंसा एक विरोधाभास के रूप में विद्यमान है। यह दुर्भाग्य पूर्ण है और राज्य तथा इसके लोगों की गौरवशाली परंपराओं के अनुरूप नहीं है। सभी राजनीतिक समूहों और नागरिकों को ऐसी प्रवृत्तियों की रोकथाम के लिए प्रयास करना चाहिए। बहस, मतभेद और असहमति पूरी तरह स्वीकार्य हैं और हमारी राजनीति में इनका स्वागत किया जाना चाहिए। हिंसा का हमारे संविधान में कोई स्थान नहीं है।

 

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वीके/जेके/सीएस-9763



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