श्रम और रोजगार मंत्रालय
सरकार ने रोजगार संबंधी डेटा जारी करने में और ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं
Posted On:
11 JUN 2018 7:47PM by PIB Delhi
सरकार ने डेटा जारी करने में और ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हाल के महीनों में अनेक कदम उठाए हैं। सरकार इन मुद्दों पर एक समुचित परिप्रेक्ष्य पेश करना चाहती है, ताकि अंतिम उपयोगकर्ता (यूजर) और आम जनता इन अनुमानों के सृजन में निहित प्रक्रियाओं से अवगत हो सकें।
श्रम ब्यूरो रोजगार के परिदृश्य पर दो प्रमुख सर्वेक्षण यथा वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण (ईयूएस) और तिमाही रोजगार सर्वेक्षण कराता है। अब तक श्रम ब्यूरो द्वारा पांच वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण कराए जा चुके हैं और इन सभी पांचों सर्वेक्षणों से संबंधित रिपोर्टों को पेश किया जा चुका है। छठे वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण (2016-17) का व्यावहारिक कार्य (फील्ड वर्क) पूरा हो चुका है और दर्ज किए गए आंकड़ों (डेटा एंट्री) के सत्यापन का कार्य प्रगति पर है। छठे वार्षिक ईयूएस से संबंधित रिपोर्ट सितंबर 2018 तक पूरी हो जाएगी।
नीति आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढि़या की अध्यक्षता में रोजगार पर गठित कार्य दल की सिफारिशों पर वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण का स्थान आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) ने ले लिया है जो सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा किया जा रहा है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में न केवल ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी डेटा होगा, बल्कि व्यापक नमूना आकार पर आधारित शहरी क्षेत्रों से जुड़ा तिमाही रोजगार–बेरोजगारी डेटा भी होगा। अत: संबंधित वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी डेटा तुलनीय होगा।
तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (नई सीरीज) एक उद्यम आधारित सर्वेक्षण है जिसका उद्देश्य 10 अथवा उससे अधिक कामगारों वाले प्रतिष्ठानों के लिए लगातार तिमाहियों में रोजगार की स्थिति में सापेक्ष परिवर्तन को मापना है। तिमाही रोजगार सर्वेक्षण की अनेक सीमाएं हैं और इनमें से कुछ महत्वपूर्ण ये हैं (i) छठी आर्थिक गणना (जनवरी 2013 -अप्रैल 2014) के उद्यम डेटा में वे नई इकाइयां (यूनिट) शामिल नहीं हैं जिन्हें अप्रैल 2014 के बाद जोड़ा गया है। (ii) इसमें 10 से अधिक कामगारों वाले उद्यमों को ध्यान में रखा गया है और इसमें 10 से कम कामगारों वाले प्रतिष्ठानों में उपलब्ध रोजगारों को कवर नहीं किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप तिमाही रोजगार सर्वेक्षण लगभग 47 करोड़ के कुल श्रम बल की तुलना में प्रभावी ढंग से लगभग 2.40 करोड़ कामगारों के ही रोजगार आकार को दर्ज करता है।
अत: सरकार ने उपर्युक्त पहलुओं पर गौर करने और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रो.टी.सी.ए. अनंत की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीनस्थ एक वैधानिक संगठन है। ईपीएफओ अब हर महीने पेरोल डेटा जारी करता है। प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत 58,400 प्रतिष्ठानों को कवर करने वाले 46.36 लाख नए कर्मचारियों को नामांकित किया गया है और 855 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
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वीके/एएम/आरआरएस/एसके-8891
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