रेल मंत्रालय
भारतीय रेलवे विभिन्न वस्तुओं, सेवाओं और कार्यों की समस्त बेशकीमती खरीद के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी आयोजित करेगी
पारदर्शिता बढ़ाने, प्रतिस्पर्धी बोली और उद्योग जगत को समान अवसर प्रदान करने के लिए यह नीतिगत निर्णय लिया गया
बेहतर प्रतिस्पर्धा के जरिये लागत में 10 प्रतिशत की सामान्य बचत से भी 10,000 करोड़ रुपये तक की वार्षिक बचत संभव हो सकती है
Posted On:
16 MAR 2018 4:04PM by PIB Delhi
भारतीय रेलवे ने एक प्रमुख नीतिगत सुधार पहल के रूप में उच्च कीमत वाली समस्त खरीदारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया है। वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति के साथ-साथ परियोजनाओं एवं विभिन्न कार्यों (वर्क्स) के लिए भी इस आशय का नीतिगत निर्णय लिया गया है। रिवर्स नीलामी समस्त जोनल रेलवे एवं उत्पादन यूनिटों पर लागू होगी और रेलवे के सभी सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा यह क्रियान्वित की जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के क्रियान्वयन से पारदर्शिता बढ़ेगी, प्रतिस्पर्धी बोली सुनिश्चित होगी और वस्तुओं, सेवाओं एवं विभिन्न कार्यों की आपूर्ति में संलग्न उद्योग जगत को समान अवसर मिलेंगे। रेलवे के स्वयं के आईटी प्रकोष्ठ क्रिस द्वारा नया सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है और इसे जल्द ही अपनाये जाने की आशा है। आरंभ में प्रत्येक 10 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की समस्त आपूर्ति निविदाओं को इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के जरिये कवर किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक 50 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की समस्त सेवाओं और कार्यों (वर्क्स) को इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के जरिये कवर किया जाएगा। यह मूल्य की दृष्टि से व्यापक वस्तु खरीद को कवर करेगी।
भारतीय रेलवे प्रति वर्ष 50,000 करोड़ रुपये मूल्य की उन वस्तुओं की खरीदारी करती है, जो रोलिंग स्टॉक के उत्पादन एवं रखरखाव और यात्रियों एवं वस्तुओं, सेवाओं तथा अन्य सुरक्षा संबंधी कार्यों के परिचालन के लिए आवश्यक होती हैं। इसके अलावा 10,000 करोड़ रुपये मूल्य की पटरी (ट्रैक) आपूर्ति सामग्री की खरीदारी की जाती है। रेलवे से संबंधित बुनियादी ढांचे के विस्तारीकरण एवं उन्नयन के लिए एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की परियोजनाओं एवं कायों का काम आरंभ किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी से उद्योग जगत को ‘कारोबार में और ज्यादा सुगमता’ सुनिश्चित होगी, क्योंकि इसमें किसी कर्मचारी या पदाधिकारी से सम्पर्क करने की जरूरत समाप्त हो जाएगी और इसके साथ ही इससे कागज रहित (पेपरलेस) लेन-देन संभव हो पाएंगे। इस तरह की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी से रेलवे की आपूर्ति वस्तुओं एवं विभिन्न कार्यों (वर्क्स) के लिए और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बोलियों की पेशकश किये जाने की उम्मीद है। बेहतर प्रतिस्पर्धा की बदौलत लागत में 10 प्रतिशत की सामान्य बचत होने से भी वस्तुओं, सेवाओं एवं कार्यों की खरीद में 10,000 करोड़ रुपये तक की वार्षिक बचत संभव हो सकती है।
रिवर्स नीलामी सॉफ्टवेयर का परिचालन आसानी से किया जा सकेगा और इसके लिए कुछ भी शुल्क नहीं देना होगा तथा इसके साथ ही ज्यादा मूल्य वाली खरीद के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रिया डिजिटल और ऑनलाइन हो जाएगी। रिवर्स नीलामी भारत सरकार की नीतिगत पहलों जैसे कि ‘मेक इन इंडिया नीति’ तथा एमएसएमई नीति को भी कवर करेगी और इससे पर्याप्त क्षमता वाले नये वेंडरों को विकसित होने में मदद मिलेंगी।
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वीके/एएम/आरआरएस/जीआरएस–7065
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