कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

सीबीसी ने “दक्ष पीएसई@2047 के जरिए भारत की विकास यात्रा को आकार देना” विषय पर भारत सीपीएसई परामर्शी सम्मेलन का आयोजन किया


सीबीसी अध्यक्ष ने शासन के विकेंद्रीकरण व शिक्षा के लोकतंत्रीकरण पर जोर दिया

सीबीसी सदस्य डॉ अल्का मित्तल ने राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण संस्थानों के रूप में सीपीएसई की रणनीतिक भूमिका को रेखांकित किया

हमें परिवर्तन के लिए तैयार रहना चाहिए और अच्छे परिवर्तनों को अपनाना चाहिए, सचिव डीपीई, श्री के मोजेज चैल्लई ने कहा

प्रविष्टि तिथि: 18 DEC 2025 5:51PM by PIB Delhi

क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) ने सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई), वित्त मंत्रालय के सहयोग से आज नई दिल्ली में 'भारत सीपीएसई परामर्शी सम्मेलन' का आयोजन किया। "दक्ष पीएसई @2047 के माध्यम से भारत की विकास गाथा को आकार देना" विषय पर आधारित इस सम्मेलन में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई), केंद्रीय मंत्रालयों और प्रमुख संस्थागत हितधारकों के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया। इस सम्मेलन का आयोजन 'मिशन कर्मयोगी'—सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए भारत के राष्ट्रीय कार्यक्रम—के अनुरूप सीपीएसई के लिए एक साझा और संरचित क्षमता निर्माण रोडमैप विकसित करने के उद्देश्य से किया गया था। इसका लक्ष्य सीपीएसई की मानव पूंजी रणनीतियों में सुशासन (गुड गवर्नेंस) के सिद्धांतों को एकीकृत करना, नेतृत्व और उत्तराधिकार योजना  को मजबूत करना और 'विकसित भारत @2047' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को समर्थन देने के लिए अंतर-सीपीएसई सहयोग को बढ़ावा देना था।

कार्यक्रम का संचालन क्षमता निर्माण आयोग की सदस्य (प्रशासन) डॉ. अल्का मित्तल द्वारा किया गया। सम्मेलन का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए, डॉ. मित्तल ने राष्ट्र-निर्माण के लिए सीपीएसई की रणनीतिक भूमिका पर जोर दिया और कहा कि उनकी भूमिका केवल व्यावसायिक लक्ष्यों तक सीमित नहीं है। उन्होंने रेखांकित किया कि सीपीएसई न केवल आर्थिक विकास के इंजन हैं, बल्कि सार्वजनिक मूल्यों, शासन मानकों और दीर्घकालिक संस्थागत क्षमता के संरक्षक भी हैं।

क्षमता निर्माण आयोग  की अध्यक्ष सुश्री एस. राधा चौहान ने भारत के व्यापक सिविल सेवा सुधार एजेंडे के हिस्से के रूप में सीपीएसई के भीतर योग्यता-आधारित शासन, नेतृत्व विकास और परफार्मेंस लिंक्ड लर्निंग  को शामिल करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शासन के विकेंद्रीकरण (विभागीय सीमाओं को खत्म करने) और सीखने के लोकतंत्रीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सेवा के प्रत्येक वितरण में 'कर्मयोगी' का भाव समाहित होना चाहिए।

उद्घाटन भाषण सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव श्री के. मोजेज चैल्लई द्वारा दिया गया, जिन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि नेतृत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें दूरदर्शी नेताओं की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए और अच्छे बदलावों को अपनाना चाहिए।

लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीएसईबी) के सदस्यों, श्री अल्केश कुमार शर्मा और श्री रूप नारायण सुंकर ने भी अपने प्रमुख विचार साझा किए।

लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष और कॉर्पोरेट मानव संसाधन प्रमुख डॉ. सी. जयकुमार ने "उद्देश्य-प्रेरित नेतृत्व के लिए एचआर रणनीतियाँ" विषय पर एक रणनीतिक मुख्य सत्र को संबोधित किया। उनका ध्यान लचीली नेतृत्व पाइपलाइन बनाने और संगठनात्मक मूल्यों को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ने पर केंद्रित था।

इसके बाद स्कोप के महानिदेशक श्री अतुल सोबती द्वारा 'दक्ष' (डेवलपमेंट ऑफ एस्पैरेशन, नॉलेज, सक्सेसन एंड हारमोनी) पर एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें सीपीएसई में नेतृत्व विकास, उत्तराधिकार योजना और एचआर सुधारों के लिए एक संरचित ढांचे की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।

उद्घाटन सत्र के दौरान एमएनआरई  के सचिव श्री संतोष कुमार सारंगी, सीबीसी के सदस्य (एचआर) डॉ. आर. बालसुब्रमण्यम, कर्मयोगी भारत (केबी) की सीईओ सुश्री छवि भारद्वाज, तथा डीपीई, विभिन्न मंत्रालयों और सीबीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस सम्मेलन में "उच्च-प्रभाव वाले सीबीएसई प्रदर्शन के लिए एचआर प्रणालियों की पुनर्कल्पना" और "दृष्टिकोण को क्रियान्वयन में बदलना: सीपीएसई एचआर रणनीति" विषयों पर केंद्रित राउंडटेबल चर्चाएं आयोजित की गईं। इन चर्चाओं ने नेतृत्व विकास, सीखने और विकास प्रणालियों, उत्तराधिकार योजना और शासन एवं प्रदर्शन परिणामों के साथ एचआर नीतियों के तालमेल पर सीपीएसई के बीच 'पीयर लर्निंग'  को सक्षम बनाया।

प्रतिभागियों ने वित्तीय लाभ से इतर दक्षता, नवाचार और सार्वजनिक मूल्य निर्माण को बढ़ाने के लिए संस्थागत सहयोग, साझा ज्ञान मंचों और एकीकृत क्षमता-निर्माण प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। इन चर्चाओं ने मिशन कर्मयोगी के तहत सीपीएसई की मानव पूंजी रणनीतियों को राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं और शासन सुधारों के साथ जोड़ने के महत्व को सुदृढ़ किया।

उम्मीद है कि यह सम्मेलन एक "सीपीएसई क्षमता निर्माण संग्रह" के विकास के साथ संपन्न होगा, जो अगले 6-12 महीनों में सर्वोत्तम प्रथाओं, क्षमता अंतराल और अंतर-सीपीएसई क्षमता विकास के लिए सहयोगी मॉडलों को संकलित करेगा।

सीबीसी शासन के क्षेत्र में कर्मयोगी क्षमता निर्माण प्रयासों के अनुरूप सहयोग के लिए प्रशिक्षण संस्थानों, पीएसयू और राज्यों को भी एक साझा मंच पर लाएगा।

इस सम्मेलन के फालो अप के रूप में सीबीसी द्वारा सीपीएसई के क्षमता निर्माण के लिए निम्नलिखित विषयगत कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है:

· वित्तीय प्रबंधन: दीर्घकालिक पूंजी नियोजन, जोखिम ढांचा, शासन उत्कृष्टता (एफएसआईबी क्षेत्र सहित)।

· आरएंडडी, प्रौद्योगिकी और नवाचार इकोसिस्टम: तकनीक अपनाने के मार्ग, नवाचार साझेदारी, डिजिटल परिवर्तन (अकादमिक जगत, एएनआरएफ और अनुसंधान परिषदों के साथ)।

· सी.एस.आर, ई.एस.जी और स्थिरता नेतृत्व: जिम्मेदार व्यवसाय, ईएसजी मानक, जलवायु-अनुकूल रणनीतियाँ।

· इंजीनियरिंग, परियोजना और संपत्ति प्रबंधन उत्कृष्टता: सर्वश्रेष्ठ परियोजना प्रबंधन मॉडल, मेगा-प्रोजेक्ट निष्पादन, परिचालन लचीलापन।

· सीखना, विकास और प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र: क्षमताओं को सुदृढ़ करना, अंतर-पीएसई ज्ञान का आदान-प्रदान, अनुसंधान-आधारित प्रशिक्षण मॉडल।

कार्यक्रम का समापन क्षमता निर्माण आयोग  के सचिव श्री एस. पी. रॉय के समापन भाषण के साथ हुआ, जिन्होंने कहा कि सीबीसी सदैव सीपीएसई की क्षमता निर्माण पहलों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। धन्यवाद ज्ञापन क्षमता निर्माण आयोग की निदेशक सुश्री नवनीत कौर द्वारा दिया गया।

'भारत सीपीएसई परामर्शी सम्मेलन' भारत के दीर्घकालिक विकास दृष्टिकोण के अनुरूप सीपीएसई के नेतृत्व, शासन और संस्थागत क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0017GXO.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002GJWR.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003HRRT.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004B3UQ.jpg

 

पीके/केसी/एसके


(रिलीज़ आईडी: 2206206) आगंतुक पटल : 160
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu