जल शक्ति मंत्रालय
जल शक्ति मंत्रालय ने जल प्रशासन और सेवा वितरण को मजबूत करने पर उच्च स्तरीय विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया
Posted On:
26 NOV 2025 8:08PM by PIB Delhi
नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्रालय ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया, जिसमें जल प्रशासन को मजबूत बनाने, सेवा वितरण में सुधार लाने, जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और जल क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता को बेहतर करने पर चर्चा की गई। बैठक में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना और डॉ. राज भूषण चौधरी के साथ-साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस सत्र में जल संसाधन प्रबंधन, पेयजल एवं स्वच्छता, नदी पुनरुद्धार, सिंचाई दक्षता, संस्थागत सुदृढ़ीकरण और आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जुड़े कई मुद्दों पर विचारों का मुक्त, खुला और रचनात्मक आदान-प्रदान हुआ।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, श्री सी. आर. पाटिल ने इस विषय पर जोर दिया कि जल मानव जीवन के हर चरण का आधार है और उन्होंने सेवा वितरण की गुणवत्ता में निरंतर सुधार, बेहतर वित्तीय नियोजन और सार्वजनिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने सामुदायिक भागीदारी, स्कूल स्तर पर जल जागरूकता और देश के कई हिस्सों में सफल मॉडलों के विस्तार के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे जल-संबंधी पहलों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार पारदर्शी, उत्तरदायी और नागरिक-आधारित शासन के जरिए जल और स्वच्छता संबंधी सेवाओं का वितरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना और डॉ. राज भूषण चौधरी ने जल प्रबंधन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने, बाढ़ और सूखे की समस्याओं का पूरा समाधान करने, मौजूदा आंकड़ों के इस्तेमाल कर सुधार लाने, वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन देने, सतही और भूजल संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत करने पर अपने विचार साझा किए।
दोनों सचिवों ने सेवा वितरण ढांचे को और मजबूत करने, चल रही योजनाओं के बीच सम्मिलन को गहरा करने, सभी स्तरों पर संस्थागत तंत्र को सुदृढ़ करने, जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया कि प्रमुख कार्यक्रमों का जरूरी लाभ लोगों तक प्रभावी और स्थायी रूप से पहुंचे।
यह ध्यान दिया गया कि प्राथमिकताओं को एक दिशा में लाने, परिचालन संबंधी समस्याओं को पहचानने और कई हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह की संरचित बातचीत जरूरी है। मंत्रालय संबंधित विभागों और राज्यों के परामर्श से आगे की उचित कार्यवाही के लिए सत्र से मिले प्रमुख सुझावों और विचार-विमर्शों को संकलित करेगा।




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