इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
विकासशील देशों के शोधकर्ताओं से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उसके प्रभाव पर शोध संगोष्ठी के लिए पोस्टर प्रस्तुत करने को कहा गया, इसका आयोजन भारत-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के साथ किया जाएगा
पोस्टर 31 अक्टूबर 2025 तक प्रस्तुत किए जा सकते हैं
सबके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भलाई के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विश्व के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भारतीय दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु अनुसंधान, नीति और व्यवहार समेकन पर संगोष्ठी।
Posted On:
07 OCT 2025 4:15PM by PIB Delhi
19 और 20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित होने वाले भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 के साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता-एआई और उसके प्रभाव पर 18 फरवरी 2026 को शोध संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। संगोष्ठी में भारत, विकासशील देशों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख शोधकर्ता और व्यवसायी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव पर अपने शोध कार्य प्रस्तुत करने, विधियों और साक्ष्यों के आदान-प्रदान और अनुसंधान, नीति और व्यवहार में सहयोग के लिए एकत्रित होंगे। भारत सरकार ने सम्मेलन की औपचारिक घोषणा 18 सितंबर 2025 को की थी।
कार्यक्रम
- पूर्ण सत्र: प्रभावी, दायित्वपूर्ण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एजेंडा निर्धारित करने हेतु जाने-माने भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के बीच उच्च स्तरीय वार्ता।
- अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान प्रदर्शनी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान नेतृत्व प्रदर्शित करने वाले पोर्टफोलियो के साथ वैश्विक मान्यता प्राप्त विद्वानों के बीच लघु वार्ता।
- विकासशील देश शोकेस (ओपन कॉल): भारत सहित विकासशील देशों विशेष रूप से छात्रों और सहयोगी समूहों द्वारा द्वारा नवीन अनुसंधान दर्शाने वाली पोस्टर प्रस्तुतियां।
विकासशील देशों के शोधकर्ताओं के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित
विकासशील देशों के शोधकर्ता जिनके शोधपत्र 2024 या 2025 में अग्रणी एआई सम्मेलनों में प्रकाशित हुए हैं, उन्हें पोस्टर प्रस्ताव (सार+पेपर लिंक) प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
- प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि: 31 अक्टूबर 2025 ( सबमिशन पोर्टल )
- स्वीकृति की अधिसूचना: 15 दिसंबर 2025
- अंतिम रूप से पोस्टर प्रस्तुत करना: 5 जनवरी 2026
संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश impact.indiaai.gov.in/research-symposium पर उपलब्ध हैं:
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव, भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुख्य कार्यकारी और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र - एनआईसी के महानिदेशक श्री अभिषेक सिंह ने कहा कि शोध संगोष्ठी अनुसंधान, नीति और व्यवहार के बीच सेतु का काम करेगी। यह विविध दृष्टिकोणों को साथ लाकर ऐसी क्रियाशील अंतर्दृष्टि को आकार देने में सहायक होगी, जो भारत के सब के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भलाई के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और विश्व के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दृष्टिकोण के अनुरूप हो।
आईआईआईटी हैदराबाद के प्रो. पी.जे. नारायणन ने कहा कि शोध संगोष्ठी वैश्विक और भारतीय शोध प्रणेताओं को अपने कार्य साझा करने और भविष्य की साझेदारियां बनाने का अवसर प्रदान करेगी। भारत का जीवंत, समावेशी अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र दायित्वपूर्ण कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक संवाद आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है। यह संगोष्ठी इस दिशा में अहम होगी।
भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में यह संगोष्ठी फरवरी 2026 में संपन्न होगी, जिसमें शोध विचार-विमर्श, सम्मेलन की उच्च-स्तरीय नीतिगत वार्ता के साथ समेकित होगा। ये मंच मिलकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का ऐसा सहयोगात्मक भविष्य रोडमैप प्रदान करेंगे जो दायित्वपूर्ण, समावेशी और प्रभावी हो।
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पीके/केसी/एकेवी/एमपी
(Release ID: 2175902)