जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

30,000 जनजातीय छात्रों को डिजिटल शिक्षा, मार्गदर्शन और ईएमआरएस में बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ सशक्त बनाने के लिए एनएसटीएफडीसी और कोल इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

Posted On: 09 SEP 2025 6:59PM by PIB Delhi

जनजातीय कार्य मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने एक ऐतिहासिक पहल के तहत छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा में 76 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में बुनियादी ढांचे के उन्नयन और क्षमता निर्माण के लिए हाथ मिलाया है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली धारा 8 कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड और नेशनल शेडयूल्ड ट्राइब्स फाइनांस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएसटीएफडीसी) के बीच आज (09.09.2025) नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समारोह केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

वर्तमान में, देश भर में 479 ईएमआरएस कार्यरत हैं, जो अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवा और समग्र विकास के अवसर प्रदान करते हैं। ये स्कूल, जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा और लाभकारी रोजगार तक पहुँच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में मंत्रालय का एक प्रमुख प्रयास है।

सरकारी प्रयासों में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के महत्व को समझते हुए, सीआईएल ने मंत्रालय की सीएसआर पहलों में सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस सहयोग के माध्यम से, 76 ईएमआरएस में निम्नलिखित व्यवस्थाएँ की जाएँगी:

  • 1200 कंप्यूटर और 1200 यूपीएस यूनिट
  • 110 टैबलेट
  • 420 सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें
  • 420 सैनिटरी पैड इंसिनरेटर
  • कक्षा 10 और 12 के 6,200 से ज़्यादा छात्रों के लिए करियर परामर्श और मार्गदर्शन

सीआईएल ने इस परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिसका क्रियान्वयन एनएसटीएफडीसी द्वारा समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने सीआईएल की पहल और समर्थन का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय शिक्षा और विकास के लिए और अधिक कंपनियां समर्पित सीएसआर समर्थन के साथ आगे आएंगी।

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ इस साझेदारी के माध्यम से सीआईएल के सीएसआर फोकस क्षेत्रों, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण, आजीविका संवर्धन और ग्रामीण विकास पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

परियोजना के उद्देश्य

डिजिटल विभाजन को कम करना: डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने और एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में नए अवसर खोलने के लिए कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना करना।

मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देना: छात्राओं की उपस्थिति और प्रदर्शन में वृद्धि करना।

करियर परामर्श और मार्गदर्शन: जनजातीय छात्रों को उनके शहरी समकक्षों के बराबर मार्गदर्शन और अवसरों तक पहुंच प्रदान करना।

इस पहल से 30,000 से अधिक जनजातीय छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो जनजातीय युवाओं के लिए समावेशी, प्रौद्योगिकी आधारित और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

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