रेल मंत्रालय
फ्लाई ऐश प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेलवे और एनटीपीसी नोएडा में प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाए
भारत ने साल 2024-25 में 340 मिलियन टन फ्लाई ऐश उत्पन्न किया, 332 मिलियन टन से अधिक का सफलतापूर्वक उपयोग किया
फ्लाई ऐश का उपयोग चक्रीय अर्थव्यवस्था, लागत-प्रभावी विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है
2024-25 का फ्लाई ऐश उपयोग का विवरण: सड़कें और फ्लाईओवर 32%, सीमेंट 27%, ईंटें और टाइलें 14%, बैकफ़िलिंग 11%, खदान भराई 10%
रेलवे की आकर्षक माल ढुलाई रियायतों से सतत् फ्लाई ऐश परिवहन को बढ़ावा मिला
Posted On:
25 AUG 2025 7:43PM by PIB Delhi
रेल मंत्रालय और एनटीपीसी ने 25 अगस्त 2025 को नोएडा स्थित पावर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में फ्लाई ऐश के उपयोग और परिवहन पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में फ्लाई ऐश उत्पादक, उपयोगकर्ता, ट्रांसपोर्टर और नीति निर्माता, भारत में स्थायी फ्लाई ऐश प्रबंधन हेतु रणनीति पर चर्चा और निर्माण के लिए एक साथ एक मंच पर आए।

भारत ने 2024-25 में 340.11 मिलियन टन फ्लाई ऐश उत्पन्न की, जिसमें से 332.63 मिलियन टन का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। रेलवे न केवल परिवहन का एक हरित और टिकाऊ साधन प्रदान कर रहा है, बल्कि आकर्षक माल ढुलाई रियायतों के ज़रिए एक किफायती विकल्प भी दे रहा है। विस्तार की अहम संभावनाओं के साथ, रेलवे इस राष्ट्रीय मिशन में और भी बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, उत्पन्न कुल फ्लाई ऐश का 32% सड़कों और फ्लाईओवरों के निर्माण में उपयोग किया गया, इसके बाद सीमेंट उद्योग में 27% और ईंटों और टाइलों के निर्माण में 14% का इस्तेमाल किया गया (एनटीपीसी, 2025)। बैकफ़िलिंग और माइन फ़िलिंग में क्रमशः करीब 11% और 10% का योगदान रहा। कृषि क्षेत्र और रेडी-मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) में यह उपयोग 1% से 2% के बीच दर्ज किया गया।
यह सम्मेलन सीमेंट निर्माण, सड़क निर्माण, माइन बैकफ़िलिंग, ईंट उत्पादन और अन्य निर्माण सामग्री में फ्लाई ऐश के उपयोग को अनिवार्य और बढ़ावा देने वाली सरकारी नीतियों के लिहाज़ से और भी अहम था। ये पहल एक चक्रीय अर्थव्यवस्था, लागत में दक्षता और पर्यावरण स्थिरता के सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

ताप विद्युत उत्पादन का एक प्रमुख उप-उत्पाद, फ्लाई ऐश, एक चुनौती और अवसर दोनों पेश करता है। एक ओर जहाँ इसके सुरक्षित और टिकाऊ प्रबंधन किए जाने की ज़रुरत है, वहीं दूसरी ओर यह बुनियादी ढाँचे और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में भी शानदार क्षमता रखता है। रेल मंत्रालय, एनटीपीसी और अन्य प्रमुख हितधारकों के सहयोग से, फ्लाई ऐश के बड़े पैमाने पर परिवहन और प्रभावी उपयोग के लिए नए समाधान विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह सम्मेलन साझेदारी को बढ़ावा देने, एक दूसरे की गहन समझ को साझा करने और देश भर में फ्लाई ऐश के स्थायी उपयोग के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विचार-विमर्श से ऐसी कार्यान्वयन योग्य रणनीतियाँ सामने आने की उम्मीद है, जो स्वच्छ, हरित और अधिक संसाधन-कुशल विकास के पक्ष में होंगी।
इस सम्मेलन में विद्युत मंत्रालय के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद, रेल मंत्रालय के सदस्य (संचालन एवं व्यवसाय विकास) श्री हितेंद्र मल्होत्रा, एनटीपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह और विद्युत मंत्रालय के अपर सचिव श्री पीयूष सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इस कार्यक्रम का आयोजन और विपणन, रेल मंत्रालय के अपर सदस्य (विपणन एवं व्यवसाय विकास) डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में किया गया।
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(Release ID: 2160749)