कोयला मंत्रालय
कोयला मंत्रालय ने “चालू/संभावित चालू होने वाली” कम्पिनी के स्वाामित्वि वाली/वाणिज्यिक कोयला खदानों की समीक्षा की
Posted On:
10 APR 2025 6:23PM by PIB Delhi
कोयला मंत्रालय ने नई दिल्ली में कम्पनी के स्वामित्व वाली 79 और वाणिज्यिक कोयला खदानों की स्थिति का आकलन करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की, जिन्हें "चालू /संभावित चालू होने वाली" के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह बैठक 9 अप्रैल, 2025 को हुई और इसकी अध्यक्षता कोयला मंत्रालय के मनोनीत प्राधिकरण की अतिरिक्त सचिव श्रीमती रूपिंदर बरार ने की। कोयला मंत्रालय के निदेशक/मनोनीत प्राधिकरण श्री मारापल्ली और निदेशक श्री अजितेश कुमार भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक के दौरान श्रीमती बरार ने भारत के बढ़ते कोयला उत्पादन में योगदान देने के लिए खदान आवंटियों के सक्रिय प्रयासों की सराहना की और इस क्षेत्र में सुधारों को और बढ़ाने के लिए हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने पिछले दशक में कोयला खनन में हुए परिवर्तनकारी विकास पर जोर दिया और इस प्रगति का श्रेय परियोजना समर्थकों और सरकार के बीच मजबूत सहयोग को दिया। उल्लेखनीय है कि कम्पनी के स्वामित्व वाली और वाणिज्यिक कोयला खदानें अब देश के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा हैं।

उन्होंने वांछित समय-सीमा के भीतर आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने आवंटियों को आश्वासन दिया कि मंत्रालय सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें किसी भी सहायता के लिए या उनके सामने आने वाली किसी भी समस्या के समाधान के लिए मनोनीत प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने खदान आवंटियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपने प्रतिबद्ध उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने के महत्व पर भी जोर दिया।
भविष्य को देखते हुए, उन्होंने मंत्रालय और खान डेवलपर्स के बीच चल रही साझेदारी में विश्वास व्यक्त किया और मनोनीत प्राधिकरण के कार्यालय के निरंतर प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कार्यान्वयन में तेजी लाने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए आगामी इंटरैक्टिव कार्यशाला की भी घोषणा की।

मंत्रालय के प्रयासों से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं, जिसमें कम्पनी के स्वामित्व वाली और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन और प्रेषण दोनों में साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कोयला उत्पादन में 29.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 147.12 मिलियन टन (एमटी) से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 190.95 एमटी हो गया है। इसी तरह, इन खदानों से कोयला प्रेषण में भी 33.36 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 142.79 एमटी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 190.42 एमटी हो गया।
बैठक में एनटीपीसी लिमिटेड, अडानी पावर, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और डब्ल्यूबीपीडीसीएल जैसी प्रमुख कंपनियों सहित लगभग 70 आवंटियों ने भाग लिया। सत्र के दौरान कुल 79 कोयला खदानों की समीक्षा की गई। इनमें से 61 खदानें वर्तमान में कोयला उत्पादन कर रही हैं, 8 चालू हैं लेकिन अभी तक उत्पादन नहीं कर रही हैं और 10 गैर-संचालनशील हैं। कम्पनी के स्वामित्व वाली 61 चालू और वाणिज्यिक कोयला खदानों में से 38 को बिजली क्षेत्र को, 11 को गैर-विनियमित क्षेत्र को और 12 को कोयले की बिक्री के लिए नामित किया गया है।
आवंटियों को कोयला उत्पादन बढ़ाने और अपनी खदानों के संचालन में तेजी लाने के लिए उनके द्वारा किए जा रहे उपायों पर विस्तृत जानकारी साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। मंत्रालय ने उत्पादन के स्तर को और कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस पर रचनात्मक सुझाव मांगे, जिसमें सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों की पहचान करने, बाधाओं को दूर करने और उपलब्ध संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। खनन कार्यों की शीघ्र शुरुआत और उत्पादन में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय योजना, उन्नत तकनीकों को अपनाने और वैधानिक मंजूरी को समय पर पूरा करने पर जोर दिया गया।
ये उपलब्धियाँ भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने, आयात पर निर्भरता कम करने और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान देने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं। बैठक का समापन एक गतिशील संवादात्मक सत्र में हुआ, जहाँ खदान आवंटियों ने कोयला उत्पादन में तेजी लाने और परियोजना निष्पादन में तेजी लाने के उद्देश्य से रचनात्मक सुझाव दिए।
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