पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
संसद प्रश्न: भारत में तरंग सुविधा
Posted On:
02 APR 2025 5:00PM by PIB Delhi
‘तरंग’ 64-बिट हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली है, जो मल्टी-टास्किंग, मल्टी-प्रोग्रामिंग, मल्टी-यूज़र और टाइम-शेयरिंग वातावरण का समर्थन करने में सक्षम है। इसमें स्केलेबल प्रोसेसिंग एलिमेंट्स, स्केलेबल हाई परफॉरमेंस I/O, स्केलेबल इंटरकनेक्शन नेटवर्क और संतुलित डिज़ाइन के साथ सिद्ध आर्किटेक्चर है, जिसमें पर्याप्त अतिरेक के साथ 99.5% अपटाइम है और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विफलता के एकल बिंदु से बचा जा सकता है। एचपीसी प्रणाली को तकनीकी सहायता सुविधाओं जैसे ट्रांसफार्मर, डीजल जनरेटर, यूपीएस, बैटरी, कई उपयोगिता पथ, प्रकाश व्यवस्था, पर्याप्त संख्या में अर्थिंग पिट और केबल द्वारा समर्थित किया जाता है।
कंप्यूट क्षमता लगभग 1 पेटा फ्लॉप्स है, जिसमें 2 पेटा बाइट स्टोरेज और 3 पेटा बाइट आर्काइवल स्टोरेज है। इसके अतिरिक्त, इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) अनुप्रयोगों के लिए 15.5 पेटा फ्लॉप्स की क्षमता वाला एक समर्पित स्टैंडअलोन सिस्टम भी है।
एच.पी.सी. वैज्ञानिकों को भारत और हिंद महासागर क्षेत्र के अन्य 25 देशों के लिए सुनामी की पूर्व चेतावनी प्रदान करने के लिए उन्नत परिचालन मॉडल चलाने में मदद करेगा। इसके अलावा, नई कम्प्यूटेशनल सुविधा का उपयोग अगली पीढ़ी की महासागर स्थिति पूर्वानुमान प्रणाली के लिए भी किया जाएगा। इसमें भौतिक प्रक्रियाओं, गैर-हाइड्रोस्टेटिक गतिशीलता, स्थानीय पूर्वानुमानों के लिए उच्च रिज़ॉल्यूशन नेस्ट और उन्नत डेटा आत्मसात तकनीकों का अधिक सटीक प्रतिनिधित्व होगा और उपलब्ध जी.पी.यू. प्रोसेसर का उपयोग करके पूर्वानुमानों की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
*****
एमजी/केसी/पीके
(Release ID: 2117915)
Visitor Counter : 87