मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन

Posted On: 01 APR 2025 5:10PM by PIB Delhi

(क) स्वदेशी मवेशी प्रजनन के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए प्रयासों को पूरा करने और संपूरित करने के लिए भारत सरकार ने स्वदेशी मवेशी प्रजनन के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

(i) वीर्य केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण: वीर्य उत्पादन में मात्रात्मक और गुणात्मक सुधार लाने के लिए वीर्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को धनराशि जारी की गई है। अब तक देश में 47 वीर्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है।

(ii) सेक्स सॉर्टेड सीमन उत्पादन सुविधा: देश में केवल मादा बछड़ों के उत्पादन के लिए 90 प्रतिशत सटीकता तक सेक्स सॉर्टेड सीमन उत्पादन की सुविधा बनाई गई है। सरकारी क्षेत्र (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश) में पांच सीमन स्टेशन चालू हैं। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत सहायता प्राप्त सरकारी सीमन स्टेशनों पर अब तक 58.67 लाख खुराक सेक्स सॉर्टेड सीमन का उत्पादन किया जा चुका है।

(iii) आईवीएफ प्रयोगशालाओं की स्थापना: भारत में पहली बार देशी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए गोजातीय आईवीएफ तकनीक को बढ़ावा दिया गया है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने देशभर में देशी नस्लों को बढ़ावा देने के लिए 22 आईवीएफ प्रयोगशालाएँ स्थापित की हैं। अब तक 25,895 भ्रूणों का उत्पादन 14,145 भ्रूणों का स्थानांतरण और 2105 बछड़ों का उत्पादन किया गया है।

(iv) ग्रामीण भारत में बहुउद्देश्यीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (मैत्री): मैत्री को किसानों के दरवाजे पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित किया गया है और अब तक देश में 38,736 मैत्री को प्रशिक्षित और सुसज्जित किया गया है।

(v) गोकुल ग्राम: राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग ने वैज्ञानिक और समग्र तरीके से देशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से 16 “गोकुल ग्राम स्थापित करने के लिए धनराशि जारी की है। संशोधित पुनर्गठित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 2021-22 से 2025-26 तक यह गतिविधि बंद कर दी गई है।

(vi) राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र: पशुपालन और डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देशी गोजातीय नस्लों के जर्मप्लाज्म के भंडार के रूप में और वैज्ञानिक और समग्र तरीके से देशी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए दो राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र स्थापित किए हैं। उत्तरी क्षेत्र राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र की स्थापना मध्य प्रदेश के इटारसी के किरतपुर में और दक्षिणी क्षेत्र राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र की स्थापना आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के चिंतालादेवी में की गई है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का राज्यवार ब्यौरा अनुलग्नक-I पर दिया गया है।

(ख) इस योजना के अंतर्गत डेयरी सहकारी समितियों के सदस्यों सहित छोटे और सीमांत किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किए गए विशिष्ट उपाय इस प्रकार हैं:

(i) राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम: इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृत्रिम गर्भाधान कवरेज को बढ़ाना और देशी गोजातीय नस्लों सहित उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले बैलों के वीर्य का उपयोग करके किसानों के दरवाजे पर निःशुल्क गुणवत्तायुक्त कृत्रिम गर्भाधान (एआई) सेवाएं प्रदान करना है।

(ii) त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम (एबीआईपी)

(ए) सेक्स सॉर्टेड सीमन: इस कार्यक्रम का उद्देश्य 90 प्रतिशत तक सटीकता के साथ मादा बछड़ों का उत्पादन करना है, जिससे नस्ल सुधार और किसानों की आय में वृद्धि हो सके। डेयरी के काम में लगे छोटे और सीमांत किसानों सहित किसानों को सेक्स सॉर्टेड सीमन की लागत का 50 प्रतिशत तक प्रोत्साहन उपलब्ध है। हाल ही में स्वदेशी रूप से विकसित सेक्स सॉर्टेड सीमन उत्पादन तकनीक शुरू की गई है और इस तकनीक से सेक्स सॉर्टेड सीमन की लागत 800 रुपये से घटकर 250 रुपये प्रति खुराक रह जाएगी।

(बी) आईवीएफ तकनीक: भारत में पहली बार देशी नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए गोजातीय आईवीएफ तकनीक को बढ़ावा दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत देशी नस्लों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रति सुनिश्चित गर्भावस्था 21,000 रुपये की कुल लागत में से 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

(iii) ग्रामीण भारत में बहुउद्देश्यीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (मैत्री): मैत्री को किसानों के दरवाजे पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्‍य से प्रशिक्षित और सुसज्जित किया जाता है।

(iv) स्वदेशी रूप से विकसित जीनोमिक चिप का शुभारंभ: पहली बार स्वदेशी नस्लों के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत एक जीनोमिक चिप लॉन्च की गई है। यह सामान्य जीनोमिक चिप उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों की पहचान के माध्यम से स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन और अन्य पहलों के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप पिछले दशक में दूध उत्पादन में 63.5  प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2014-15 में 146.31 मिलियन टन से बढ़कर 2023-24 में 239.3 मिलियन टन हो गई है। इस अवधि के दौरान सभी पशु श्रेणियों, जिसमें वर्णित, अवर्णनीय मवेशी, भैंस और संकर मवेशी शामिल हैं, में 26.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि देशी और अवर्णनीय मवेशियों में 39.37 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। उत्पादकता 2014-15 में प्रति पशु प्रति वर्ष 927 किलोग्राम से बढ़कर 2023-24 में 1292 किलोग्राम हो गई। इसी अवधि के दौरान, देशी मवेशियों से दूध उत्पादन में 69.27 प्रतिशत ​​की वृद्धि हुई, जो 29.48 मिलियन टन से बढ़कर 49.90 मिलियन टन हो गया और भैंस के दूध का उत्पादन 39.73 प्रतिशत बढ़कर 74.70 मिलियन टन से 104.38 मिलियन टन हो गया। इसके अतिरिक्त दुधारू पशुओं की संख्या में 30.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2014-15 में 85.66 मिलियन से बढ़कर 2023-24 में 111.76 मिलियन हो गई।

(ग) देशी नस्लों से प्राप्त मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा की जा रही पहलें इस प्रकार हैं:

(i) राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम): पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने एनडीडीबी के साथ मिलकर राष्ट्रीय गोकुल मिशन के एनडीएलएम के तहत "भारत पशुधन" नामक डेटाबेस विकसित किया है। यह डेटाबेस प्रत्येक पशुधन पशु को आवंटित एक अद्वितीय 12-अंकीय टैग आईडी का उपयोग करके विकसित किया गया है। डेटाबेस पर 34.20 करोड़ पशुओं को पंजीकृत किया गया है। सभी हितधारक एक ओपन सोर्स एपीआई आधारित आर्किटेक्चर के माध्यम से एक ही डेटाबेस से जुड़े हुए हैं। एनडीएलएम पशुधन की ट्रेसबिलिटी बनाए रखने की दिशा में यह एक पहल है, जिससे स्वदेशी नस्लों से प्राप्त मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा मिलता है।

(ii) पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम: यह योजना खुरपका और मुंहपका रोग, ब्रुसेलोसिस जैसी पशु बीमारियों के नियंत्रण के लिए सहायता प्रदान करने तथा डेयरी पशुओं सहित पशुधन के अन्य संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करने के लिए कार्यान्वित की जाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों के घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण पशुधन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जाती हैं। यह योजना देश में रोगमुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में विभाग की एक पहल है, जिससे पशुधन उत्पादों के निर्यात के लिए बाज़ार के अवसर पैदा होते हैं।

(iii) मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादों सहित पशुधन उत्पादों के निर्यात संवर्धन और प्रमाणन का कार्य वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एपीडा और ईआईसी को सौंपा गया है। विभाग ने संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी), तकनीकी कार्य समूह आदि जैसे विभिन्न मंचों के माध्यम से द्विपक्षीय रूप से विभिन्न देशों के साथ भारतीय डेयरी उत्पादों के निर्यात और बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों को भी उठाया है।

अनुलग्नक-1

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का राज्यवार विवरण

क्रम सं.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम

वीर्य स्टेशनों की संख्या

लिंग-वर्गीकृत वीर्य सुविधाओं की संख्या

इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रयोगशालाओं की संख्या

गोकुल ग्राम की संख्या*

देशी नस्लों सहित एनएआईपी के अंतर्गत शामिल पशुओं की संख्या (लाख में)

  1.  

आंध्र प्रदेश

3

-

2

1

67.39

  1.  

अरुणाचल प्रदेश

-

-

-

1

0.03

  1.  

असम

1

-

-

-

15.59

  1.  

बिहार

1

-

2

1

34.08

  1.  

छत्तीसगढ

-

-

1

1

17.61

  1.  

गोवा

-

-

-

-

0.22

  1.  

गुजरात

6

1

2

1

53.05

  1.  

हरियाणा

3

-

1

1

5.98

  1.  

हिमाचल प्रदेश

2

-

1

1

17.26

  1.  

जम्मू और कश्मीर

1

-

-

-

22.10

  1.  

झारखंड

-

-

-

-

24.46

  1.  

कर्नाटक

6

-

-

1

77.20

  1.  

केरल

3

-

1

-

1.6**

  1.  

मध्य प्रदेश

1

1

1

1

71.64

  1.  

महाराष्ट्र

4

-

3

2

51.71

  1.  

मणिपुर

-

-

-

-

0.23

  1.  

मेघालय

-

-

-

-

0.49

  1.  

मिजोरम

-

-

-

-

0.08

  1.  

नगालैंड

-

-

-

-

0.34

  1.  

उड़ीसा

-

-

-

-

46.53

  1.  

पंजाब

1

-

2

1

11.95

  1.  

राजस्थान

2

-

-

-

54.79

  1.  

सिक्किम

-

-

-

-

0.38

  1.  

तमिलनाडु

5

1

2

-

46.57

  1.  

तेलंगाना

2

-

1

1

30.08

  1.  

त्रिपुरा

-

-

-

-

2.13

  1.  

उत्तर प्रदेश

2

1

1

3

125.42

  1.  

उत्तराखंड

1

1

1

-

13.79

  1.  

पश्चिम बंगाल

3

-

1

-

48.37

  1.  

अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह

-

-

-

-

 

  1.  

चंडीगढ़

-

-

-

-

 

  1.  

दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव

-

-

-

-

 

  1.  

दिल्ली (एनसीटी)

-

-

-

-

 

  1.  

लक्षद्वीप

-

-

-

-

 

  1.  

लद्दाख

-

-

-

-

0.06

  1.  

पुदुचेरी

-

-

-

-

 

नोट: * संशोधित पुनर्गठित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 2021-22 से 2025-26 तक गतिविधि बंद कर दी गई है

**प्रजनन परीक्षण के तहत कृत्रिम गर्भाधान किया गया

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी

***

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