नीति आयोग
भुवनेश्वर के ओडिशा में राज्य सहायता मिशन (एसएसएम) के अंतर्गत सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति पर फास्ट-ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई
Posted On:
20 FEB 2025 9:06PM by PIB Delhi
नीति आयोग द्वारा ओडिशा सरकार और तकनीकी साझेदार यूएनडीपी के साथ मिलकर राज्य सहायता मिशन (एसएसएम) के अंतर्गत सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति पर फास्ट ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन आज ओडिशा के भुवनेश्वर में संपन्न हुआ।
इस सम्मेलन में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों (यूएनडीपी, जीआईजेड, यूएन-हैबिटेट), शिक्षाविदों (एनआईपीएफपी, आरआईएस) और सीएसओ के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यशाला में निम्नलिखित विषयों पर तकनीकी सत्र शामिल थे: i) एसडीजी स्थानीयकरण को मजबूत करना, ii) एसडीजी वित्तपोषण, और iii) स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) 2025।
उद्घाटन सत्र में नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष श्री सुमन के. बेरी, नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, यूएनडीपी और जीआईजेड के प्रतिनिधि तथा अन्य लोगों ने कार्यशाला में भाग लिया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री बेरी ने अंतर को पाटने, शासन को मजबूत करने और स्थायी वित्त जुटाने के लिए डेटा-संचालित, बहु-हितधारक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया - ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी पीछे न छूटे। नीति आयोग के सीईओ ने गरीबी में उल्लेखनीय कमी से लेकर प्रभावी स्थानीयकरण तक भारत की एसडीजी प्रगति पर प्रकाश डाला और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से सामूहिक प्रभाव के लिए सीखने को बढ़ावा देने का आह्वान किया। ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा ने भी एसडीजी उन्नति के लिए सुशासन की आधारशिला के रूप में सटीक डेटा संग्रह और विज़ुअलाइज़ेशन के महत्व को दोहराया।
इस कार्यशाला में सतत विकास को आगे बढ़ाने में एसडीजी समन्वय और त्वरित केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। ये केंद्र योजनाओं को विकसित करने ,योजनाओं के अभिसरण को सुनिश्चित करने, सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा का लाभ उठाने और एसडीजी वित्तपोषण अंतर को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त वे रणनीतिक संदेश पर जोर देते हैं जो स्थानीय स्तर पर प्रमुख संकेतकों को प्राथमिकता देता है। यह कार्यशाला सहयोगी नीति निर्माण और गतिशील राज्य-स्तरीय हस्तक्षेपों के माध्यम से एजेंडा 2030 के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। सतत विकास लक्ष्यों को गति देने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए नीति आयोग के मुख्य जनादेश का एक महत्वपूर्ण घटक है।
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